The Lallantop
Advertisement

3 घंटे में डिस्चार्ज, 1 घंटे में कैशलेस ट्रीटमेंट, हेल्थ इन्श्योरेंस के नाम पर अब चुंगी नहीं लगेगी!

इंश्योरेंस रेगुलेटरी एंड डेवलपमेंट अथॉरिटी ऑफ इंडिया (IRDAI) के मास्टर सर्कुलर के अनुसार, किसी भी मामले में पॉलिसी धारक को डिस्चार्ज (Health insurance claim rule) के लिए अस्पताल में इंतजार नहीं करवाया जा सकता. कंपनियों को हर हाल में 3 घंटे के अंदर मंजूरी देनी होगी. यदि इससे ज्यादा देरी होती है तो अतिरिक्त खर्च का भुगतान बीमा कंपनी को करना होगा.

Advertisement
Health insurance claim rule change: The Insurance Regulatory and Development Authority of India (IRDAI) has released a master circular to streamline health insurance claim process. Previously, delays in claim approvals forced patients to stay in hospitals longer. Now, insurers have three hours to approve cashless discharge requests. Additionally, insurers will be liable for extra hospital charges due to delays.
हेल्थ इन्श्योरेन्स से जुड़ा जरूरी नियम
pic
सूर्यकांत मिश्रा
30 मई 2024 (Updated: 28 अगस्त 2024, 12:37 IST)
font-size
Small
Medium
Large
font-size
Small
Medium
Large
whatsapp share

पहला दुख कि आप बीमार पड़े. दुख प्रो (बोले तो कि आपको हॉस्पिटल में भर्ती होना पड़ा. दुख प्रो मैक्स कि इसके बाद आपको मेडिकल इन्श्योरेन्स क्लेम करना पड़ा. दुख अल्ट्रा प्रो मैक्स कि आप भले भले-चंगे हो गए हो लेकिन अस्पताल से डिस्चार्ज होने में आपको घंटों लग गए. शायद इतनी देरी हो गई बाहर निकलते-निकलते कि अस्पताल ने आपसे एक्स्ट्रा पैसा चार्ज कर लिया. ये दुखों की वो स्थति है जो आमतौर पर हमारे साथ कभी ना कभी तो होती है. और इस दुख का कारण होता है बीमा कंपनी से आने वाला बिल या सेटलमेंट (Health insurance claim rule) का अप्रूवल.

वही अप्रूवल जो हॉस्पिटल डिस्चार्ज रिक्वेस्ट के तौर पर हेल्थ इन्श्योरेन्स कंपनी को भेजता है. अभी तक कंपनी इसको ओके करने में कई बार अच्छी-खासी देरी करती थीं. नतीजा बीमारी से हलाकान मरीज के लिए कोढ़ में खाज जैसी कंडीशन. मगर आगे से ऐसा नहीं होगा. क्योंकि इंश्योरेंस रेगुलेटरी एंड डेवलपमेंट अथॉरिटी ऑफ इंडिया (IRDAI) ने इसको लेकर नए नियम जारी किए हैं.

सिर्फ 3 घंटे हैं तुम्हारे पास

ऐसा हम नहीं बल्कि (IRDAI) ने कहा है वो भी देश की हर बीमा कंपनी से. (IRDAI) ने कल यानी 29 मई को एक मास्टर सर्कुलर जारी किया है जिसके मुताबिक इंश्योरेंस करने वाली कंपनी को हॉस्पिटल से डिस्चार्ज रिक्वेस्ट मिलने के 3 घंटे के अंदर फाइनल अथॉराइजेशन देना होगा. किसी भी स्थिति में पॉलिसी होल्डर को हॉस्पिटल से डिस्चार्ज के लिए इंतजार नहीं कराया जा सकता. मतलब आपका सर्वर नहीं चल रहा या फिर आपको मेल नहीं मिला. कोई बहाना नहीं.

ये भी पढ़ें: चलती गाड़ी में होती है उल्टी तो Apple खाकर नहीं बल्कि चलाकर देखिए, iPhone वाला!

यदि, पॉलिसी होल्डर को डिस्चार्ज करने में 3 घंटे से ज्यादा की देरी होती है और हॉस्पिटल एक्स्ट्रा चार्ज वसूल लेता है तो इंश्योरेंस करने वाली कंपनी वह चार्ज वहन करेगी. इसका बोझ पॉलिसी होल्डर पर नहीं डाला सकता. इतना ही नहीं कैशलेस ट्रीटमेंट को लेकर भी 1 घंटे के अंदर फैसला लेना होगा. मतलब जैसे ही कोई मर्जी भर्ती होता है और अस्पताल कंपनी को इन्फॉर्म करता ही तो कोई टालमटोल नहीं चलेगा. हालांकि दोनों टाइमलाइन सिर्फ कैशलेस क्लेम सेटलमेंट के लिए ही लागू होगी. नगद भुगतान या आंशिक भुगतान के केस में ये नियम लागू नहीं होगा. इसके साथ हेल्थ इंश्योरेंस से 55 अलग-अलग सर्कुलर को भी निरस्त करते हुए पॉलिसी होल्डर को मिलने वाले सभी अधिकारों को एक जगह पर लाया है.

मृत्यु की स्थिति में भी बीमा कंपनी को जल्द से जल्द कागजी कार्रवाई पूरी करके क्लेम सेटलमेंट करना होगा ताकि परिजनों को शव तुरंत मिल सके.  इरडा ने इन नियमों के पालन के लिए बीमा कंपनियों को 31 जुलाई, 2024 की डेडलाइन दी है. इसके साथ बीमा कंपनियों को हॉस्पिटल के अंदर भी हेल्प डेस्क बनाने के लिए भी कहा गया है. 

वीडियो: शाहरुख खान, KKR मैच के दिन बीमार पड़ गए थे, मैनेजर पूजा ददलानी ने उनका हेल्थ अपडेट दिया

Comments
thumbnail

Advertisement

Advertisement