बीते कुछ दिनों से मिंत्रा कंपनी के लोगो पर बवाल चल रहा है. ऐसा कहा गया किमिंत्रा के लोगो में जो M अल्फाबेट इस्तेमाल हुआ है. वो किसी महिला के पांव जैसालगता है. इसलिए ये महिलाओं के प्रति अपमानजनक है. वहीं एक बड़े तबके ने ऐसा भी कहाकि अश्लीलता देखने वाले के दिमाग में होती है. वगैरह, वगैरह. नतीजा ये हुआ कि लोगोबदल गया.इस पूरे घटनाक्रम के बाद यह तो अपेक्षित ही था कि सोशल मीडिया पर लोग अपनी रायरखेंगे. सोशल मीडिया यूजर्स ने कुछ दूसरे ब्रांड्स के 'अपमानजनक' लोगो खोज निकाले.आइए, जरा नजर डालते हैं.हर्षा एमवी नाम के यूजर को बाइजू के लोगो में खामी नजर आ गई.https://twitter.com/harshamv/status/1355554122422833157किसी को मास्टरकार्ड के लोगो से दिक्कत हो गई. अब जब आप अगली बार इस कंपनी का डेबिटया क्रेडिट कार्ड देखेंगे, तो पता नहीं क्या सोच लें!https://twitter.com/imhikikomori/status/1355524550583324672रोहित नाम के यूजर ने एयर बीएनबी का लोगो बदलने की मांग कर डाली.https://twitter.com/shrinetrohit/status/1355542486630891523अमेजन तक को नहीं बख्शा गया.https://twitter.com/swainchhua/status/1355470625159016453मोहित ने कहा कि पहले वे मिंत्रा के लोगो को नॉर्मल 'M'की तरह देखते थे. अब चाहकरभी ऐसा नहीं कर पा रहे.https://twitter.com/MohitAgrawal939/status/1355450989046878209ईशान नाम के यूजर को ल्यूपिन का लोगो पुरुषों के प्रति अपमानजनक लगा.https://twitter.com/Ishan2weets/status/1355445142656856064किसी ने मिंत्रा का लोगो बदलने की मांग करने वालीं एक्टिविस्ट नाज़ पटेल पर तंजकसते हुए कहा- शुक्रिया, आपने इस देश की महिलाओं से जुड़े जरूरी मुद्दों पर प्रकाशडाला.https://twitter.com/ambar_hitman/status/1355490272189140994लोगों ने दूरदर्शन को भी नहीं बख्शा. खुद ही देखिए.https://twitter.com/karanpadhiar/status/1355528166287138826संतरे को भी नहीं.https://twitter.com/anjayyy04/status/1355515155065565185गूगल से भी जीमेल का लोगो बदलने की मांग की गई.https://twitter.com/Sunil_9963/status/1355454385703116801एक यूजर ने मिंत्रा को नया लोगो बनाकर दिया.https://twitter.com/memes_walaaa__/status/1355526994075779076कौन हैं नाज़ पटेल?नाज़ पटेल पेशे से एक एक्टिविस्ट हैं. उनका पूरा नाम नाज़ एकता कपूर है. मिंत्रा कालोगो बदलने के लिए उन्होंने ही साइबर सेल में शिकायत की थी. नाज़ पटेल अवेस्ताफाउंडेशन के नाम से एक एनजीओ चलाती हैं. इस एनजीओ में परिवार से बाहर निकाल दिए गएबूढ़े लोगों की देखभाल की जाती है. 31 साल की नाज़ पटेल वरिष्ठ नागरिकों के खानेपीने के लिए एक फूड सर्विस भी चलाती हैं.बूढ़ी औरतों के साथ अपने NGO में नाज़ पटेल. वे अवेस्ता फाउंडेशन नाम का NGO चलातीहैं.Myntra के लोगो पर हुए विवाद के बाद से ही लोग नाज़ पटेल को ट्रोल करने में लगे हुएहैं. कोई उनके बालों पर सवाल उठा रहा है तो कोई उनके चरित्र पर. उनके एनजीओ को भीनहीं बख्शा गया है. उनके खिलाफ स्त्री विरोधी टिप्पणियां भी की गई हैं. साथ ही नाज़के बहाने लोगों को फेमिनिज्म के खिलाफ भी बकवास करने का मौका मिल गया.ट्रोलिंग पर क्या बोलीं नाज़?इस पूरे विवाद के बाद हुई ट्रोलिंग से नाज़ पटेल काफी दुखी हैं. इंडिया टुडे सेजुड़े मुस्तफ़ा शेख ने उनसे बात की. नाज़ ने उन्हें बताया- "लोग मेरे एनजीओ को भीघसीट रहे हैं. सिर्फ इसलिए क्योंकि वे मुझे ट्रोल करना चाहते हैं. उन्होंने एनजीओके पेज से मेरी फोटो निकाल ली. जिसके बाद व्यक्तिगत हमले शुरू हो गए. कुछ ने कहा किछोटे बालों वाली महिलाएं वफादार नहीं होतीं. मैं ट्रोल्स को बताना चाहती हूं किलॉकडाउन के दौरान मैंने एक महिला को रेस्क्यू किया था. मुझे उसके साथ क्वारंटीनहोना पड़ा था. उस दौरान मुझे जुएं हो गए. जिसकी वजह से मुझे अपना सर मुंडवानापड़ा." लोगों ने नाज़ पटेल को इस कदर ट्रोल किया कि वे अब अपने घर से भी नहीं निकलपा रही हैं. नाज़ ने बताया- "जब भी मैं बाहर जाती हूं तो लोग कहते हैं कि येमिंत्रा वाली लड़की है. दुकानदार कहते हैं कि मैडम हमारे लोगो मत बदलना. इस सबसेमेरे ऊपर मानसिक असर पड़ रहा है." नाज़ ट्रोलर्स के ऊपर कानूनी कार्रवाई की तैयारीभी कर रही हैं. उनके वकील राकेश राठौड़ ने कहा- "हम महिला सशक्तिकरण की बात करतेहैं लेकिन न्यूज के बाहर आने के बाद लोगों ने कितनी जल्दी नाज के ऊपर महिला विरोधीटिप्पणियां करना शुरू कर दिया. उनका महिला होना न्यूज से कहीं भी नहीं जुड़ा हुआहै. हम कानूनी कार्रवाई शुरू करने की प्रक्रिया में हैं." वीडियो- UP पुलिस नेमहिलाओं की 'ना' का मतलब अनोखे अंदाज में समझा दिया