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पाकिस्तान की पहली हिंदू महिला DSP मनीषा रुपेता ने बताए वहां के हालात

'मैं उस सोच को बदलना चाहती थी कि अच्छे परिवार की लड़कियां पुलिस स्टेशन और अदालत नहीं जाती हैं.'

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Mnaisha Reupeta
मनीषा रूपेता (फोटो-इंस्टाग्राम)
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मनीषा शर्मा
29 जुलाई 2022 (Updated: 29 जुलाई 2022, 23:14 IST)
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मनीषा रूपेता. पाकिस्तान की पहली हिंदू महिला डीएसपी (DSP) बनी हैं. मनीषा ने सिंध लोक सेवा आयोग की परीक्षा में 16वां स्थान हासिल किया है. पाकिस्तान के पुरुष-प्रधान समाज में महिलाओं के लिए पुलिस में जाना एक बड़ी उपलब्धि है.

कौन हैं मनीषा रूपेता?

मनीषा सिंध जिले के जाकूबाबाद की रहने वाली हैं. पांच भाई-बहनों में एक हैं. उनके पिता जाकूबाबाद में बिजनेसमैन थे. जब मनीषा 13 साल की थी. तब उनके पिता का निधन हो गया था. उनके पिता के गुज़र जाने के बाद उनकी मां ने सभी बच्चों की परवरिश की. और उन्हें लेकर कराची आ गईं. इंडियन एक्सप्रेस से मनीषा ने कहा, 

"बचपन से मैंने और मेरी बहनों ने पुरानी रीति-रिवाज ही देखे थे. जहां लड़कियां अगर पढ़ाई करना चाहती हैं या कोई जॉब करना चाहती हैं तो उन्हें सिर्फ टीचर और डॉक्टर बनने की सलाह दी जाती थी."

पुलिस फोर्स क्यों ज्वाइन किया?

मनीषा की तीन बहनें MBBS डॉक्टर हैं. और उनका छोटा भाई मेडिकल  मैनेजमेंट की पढ़ाई कर रहा है. अपनी बहनों की तरह मनीषा ने भी MBBS की परीक्षा दी. लेकिन वो पास नहीं हुई. इस बात पर मनीषा ने कहा, 

"मेडिकल में पास नहीं होने के बाद मैंने अपने परिवार को बताया था कि मैं फिजिकल थेरेपी में डिग्री लूंगी. लेकिन मुझे पुलिस की वर्दी भी बहुत पसंद थी. इसलिए मैंने घरवालों को बिना बताए सिंध पब्लिक सर्विस कमीशन की परीक्षा दी. और मैं लोगों की इस सोच को भी बदलना चाहती थी कि अच्छे परिवार की लड़कियां पुलिस स्टेशन और अदालत  नहीं जाती हैं. मैं खुद नारीशक्ति को आगे बढ़ता देखना चाहती हूं. और पुलिस फोर्स में जेंडर इक्वालिटी देखना चाहती हूं."  

सबसे मुश्किल इलाकों में हुई ट्रेनिंग 

मिली जानकारी के मुताबिक, मनीषा ने कराची के सबसे मुश्किल इलाके ल्यारी में ट्रेनिंग ली थी. मनीषा इस इलाके में पुलिस विभाग में ऑफ़िसर बनने वाली पहली महिला हैं. जब मनीषा ने पुलिस फ़ोर्स जॉइन की तब उनके रिश्तेदारों ने कहा था कि वो ज्यादा दिन तक नहीं टिक पाएंगी. इस बात पर मनीषा ने कहा कि वो अब तक ऐसे लोगों को गलत साबित करती रही हैं और आगे भी करती रहेंगी. उन्होंने बताया कि वो कई और लड़कियों को गाइडेंस दे रही हैं और वो मानती हैं कि पुलिस ऐसी सेवा है जो लिंग और धर्म से परे है.

वीडियो सोशल लिस्ट: पाकिस्तान की पुलिस ने पुरुष को 'महिला' कैसे बना दिया?

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