'मेरे पिता की आज़ादी छीन, उन्हें अंधेरे कमरे में बंद कर दिया,' पत्रकार सिद्दीक कप्पन की बेटी
सिद्दीक कप्पन को अक्टूबर, 2020 में UP पुलिस ने गिरफ्तार किया था.
“मैं मेहनाज़ कप्पन (Mehnaz Kappan) हूं. पत्रकार सिद्दीक कप्पन (Siddique Kappan) की बेटी, भारत का ऐसा नागरिक जिसकी स्वतंत्रता छीन कर उसे एक अंधेरे कमरे में रहने को मजबूर किया गया है."
अक्टूबर, 2020 से जेल में बंद पत्रकार सिद्दीक कप्पन की नौ साल की बेटी मेहनाज़ ने स्वतंत्रता दिवस पर अपना भाषण कुछ इस तरह दिया. यूपी के हाथरस (Hathras) में गैंगरेप-मर्डर केस के बाद सिद्दीक कप्पन घटनास्थल पर जा रहे थे. इसी दौरान उन्हें गिरफ्तार किया गया था. उनके ऊपर UAPA के तहत केस दर्ज किया गया है.
मेहनाज़ का वीडियो ट्विटर पर वायरल है. उन्होंने ये भाषण नोटापरम जीएलपी सरकारी स्कूल में दिया, जहां वो पढ़ती हैं. मेहनाज़ ने अपने भाषण में कहा कि हम जिस स्वतंत्रता का आनंद लेते हैं, वह संघर्ष का परिणाम है. भारतीय नागरिकों की स्वतंत्रता उनसे नहीं छीनी जानी चाहिए. उन्होंने आगे कहा,
"इस महान अवसर पर जब भारत अपने 76वें स्वतंत्रता वर्ष में प्रवेश कर रहा है. मैं इस पर गर्व करती हूं और अधिकार से कहती हूं भारत माता की जय! आज हम जिस आजादी का आनंद ले रहे हैं वह गांधीजी, नेहरू, भगत सिंह और अनगिनत अन्य महान क्रांतिकारियों और क्रांतिकारी नायकों के बलिदान का परिणाम है."
मेहनाज़ का भाषण सभी लोग गौर से सुन रहे थे. आगे मेहनाज़ ने कहा कि आज भारतीय कई तरह से आज़ाद हैं. जैसे उन्हें क्या बोलना चाहिए, क्या खाना चाहिए, कौन सा धर्म चुनना चाहिए. ये सब चुनने का उनके पास ऑप्शन होता है. मेहनाज़ ने कहा,
"15 अगस्त को स्वतंत्र हुए भारत की गरिमा से समझौता नहीं किया जाना चाहिए. लेकिन आज सभी जगहों पर अशांति है. हर जगह धर्म, जाति, राजनीति पर हिंसा हो रही है. हमें प्रेम और एकता से इन सभी का सफाया करना चाहिए. अशांति की छाया को मिटा देना चाहिए. और सभी को साथ मिलकर यह जीवन जीना चाहिए. हमें भारत को सफलता की ऊंचाइयों तक लेकर जाना चाहिए. हमें बिना लड़े एक बेहतर कल का सपना देखना चाहिए. भारत की स्वतंत्रता के लिए लड़ने वाले सभी वीर देशभक्तों को याद करते हुए, मैं यहां यह कहकर रूकती हूं कि भारत के आम नागरिकों की स्वतंत्रता नहीं छीनी जानी चाहिए. जय हिंद, जय भारत! "
केरल यूनियन ऑफ वर्किंग जर्नलिस्ट्स (KUWJ) और सिद्दीक की पत्नी गिरफ्तारी के बाद से उनकी रिहाई के लिए लड़ रहे हैं. सिद्दीक के परिवार ने कई मौकों पर कहा है कि उत्तर प्रदेश पुलिस ने उन पर जबरदस्ती मामला थोपा है. लेकिन उत्तर प्रदेश पुलिस ने उन पर शांति भंग और UAPA के तहत मामला दर्ज किया है.
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