The Lallantop
X
Advertisement

UP के पूर्व विधायक का बेटा गैंगरेप के आरोप में गिरफ्तार, दो साल से फरार था

गैंगरेप के मामले में पूर्व विधायक विजय मिश्रा को 2020 में ही गिरफ्तार कर लिया गया था.

Advertisement
vishnu mishra vijay mishra
विष्णु मिश्रा, विजय मिश्रा (फाइल फोटो)
pic
सोम शेखर
25 जुलाई 2022 (Updated: 25 जुलाई 2022, 12:23 IST)
font-size
Small
Medium
Large
font-size
Small
Medium
Large
whatsapp share

यूपी पुलिस की स्पेशल टास्क फोर्स (STF) ने पूर्व विधायक विजय मिश्रा (Vijay Mishra) के बेटे विष्णु मिश्रा (Vishnu Mishra) को 24 जुलाई को पुणे से गिरफ्तार किया है. विष्णु मिश्रा पर गैंगरेप और धोखाधड़ी के आरोप हैं. भदोही के SP अनिल कुमार ने बताया कि विष्णु मिश्रा 2020 से फ़रार था, उसके खिलाफ लुकआउट नोटिस भी जारी किया गया था. विष्णु मिश्रा पर पहले 25 हज़ार, फिर 50 हज़ार और बाद में एक लाख रुपये का इनाम भी घोषित किया गया था. 

गैंगरेप-धोखाधड़ी का केस क्या है?

गैंगरेप की घटना 2014-15 की है. 18 अक्टूबर, 2020 को वाराणसी की एक महिला ने FIR दर्ज कराई थी. महिला ने पुलिस को बताया था कि जनवरी, 2014 में वो विजय मिश्रा द्वारा आयोजित एक कार्यक्रम में हिस्सा लेने गई थीं. उनका आरोप था कि जनवरी, 2014 से दिसंबर, 2015 के बीच पूर्व विधायक विजय मिश्रा, उनके बेटे विष्णु और नाती ने कई मौकों पर उनका सामूहिक रेप किया.

चार बार विधायक रहे विजय मिश्रा और उनके परिवार पर कृष्ण मोहन तिवारी ने नाम एक रिश्तेदार ने संपत्ति हड़पने, धोखाधड़ी और जान से मारने की धमकी देने के आरोप भी लगाए थे. आरोप विजय मिश्रा, उनकी पत्नी और बेटे विष्णु तिवारी पर थे. विजय मिश्रा को 2020 में मध्य प्रदेश से गिरफ़्तार किया गया था, वो फ़िलहाल आगरा जेल में बंद हैं. उनकी पत्नी राम लल्ली मिश्रा ज़मानत पर बाहर हैं. 

विष्णु मिश्रा तब से ही फरार चल रहा था. दोनों ही मामलों में पुलिस को उसकी तलाश थी. अब उसे पुणे से गिरफ्तार किया गया है.

इसी मामले में आरोपी विष्णु की बहन रीमा पांडेय ने सूबे के मुख्यमंत्री योगी को पत्र लिखा है. अपने भाई को सुरक्षित यूपी लाने की अपील की है. इस मामले में रीमा अपने परिवार की तरफ से केस भी लड़ रही हैं. 

और भी मामले हैं विजय मिश्रा पर

बता दें कि विजय मिश्रा भदोही की ज्ञानपुर विधानसभा सीट से चार बार विधायक रह चुके हैं. तीन बार सपा से, और चौथी बार 2017 में चुने गए निषाद पार्टी से. जेल में रहकर 2022 का विधानसभा चुनाव लड़ा. निर्दलीय प्रत्याशी के तौर पर. लेकिन हार गए. पूर्वांचल के इलाके में विजय मिश्रा और भाजपा नेता और यूपी सरकार में कैबिनेट मंत्री नन्द गोपाल गुप्ता नंदी के बीच अदावत के किस्से मशहूर हैं. विजय मिश्रा पर आरोप हैं कि उन्होंने नंद गोपाल गुप्ता नंदी पर बम से हमला करवाया, जिसमें नंदी की जान पर बन आई थी. उस समय नंदी बसपा सरकार में मंत्री हुआ करते थे और उनके घर के पास रखे स्कूटर में बम से धमाका हुआ था. हमले में पत्रकार विजय प्रताप सिंह, राकेश मालवीय और नंदी के गनर की जान चली गई थी. और नंदी बुरी तरह से घायल हुए थे. इसके अलावा एक बार और प्रयागराज के नैनी पुल पर भी नंदी पर एक शख्स से हमला कर दिया था, जिसमें विजय मिश्रा पर ही आरोप लगे थे.

 

केरल में भाई ने किया था 13 साल की लड़की का रेप, कोर्ट ने कहा 'सेक्स एजुकेशन जरूरी है'

Comments
thumbnail

Advertisement

Advertisement