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अफगानिस्तान: प्रदर्शनकारी महिलाओं को तालिबानी लड़ाकों ने पीटा, पत्रकारों को भी मारा

अफ़ग़ान शिक्षा मंत्रालय के बाहर प्रदर्शन कर रही दर्जनों महिलाओं पर हवाई फायरिंग और राइफल की बटों से हमला किया गया.

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taliban afganistan protest against taliban
लगभग 40 महिलाओं पर हमला हुआ (साभार: गेटी इमेजेज)
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मनीषा शर्मा
14 अगस्त 2022 (Updated: 14 अगस्त 2022, 15:52 IST)
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अफगानिस्तान की राजधानी काबुल में तालिबानी लड़ाकों द्वारा महिलाओं को पीटने की खबर सामने आई. बताया जा रहा है कि ये महिलाएं तालिबानी शासन का विरोध कर रही थी. तालिबानी लड़ाकों ने महिलाओं को बुरी तरह पीटा. वहां मौजूद पत्रकारों को भी राइफल बट से पीटा गया. कुछ महिलाएं जान बचाने के लिए दुकानों में घुस गई लेकिन उन्हें वहां से घसीटकर बाहर लाया गया, और बीच सड़क में पीटा. बताया जा रहा है तालिबानी लड़ाकों ने हवाई फायरिंग भी की. 

खबरों के मुताबिक लगभग 40 प्रदर्शनकारी महिलाएं रोटी, काम और स्वतंत्रता के नारे लगा रही थी. इसी दौरान उन पर हमला किया गया. अफगानिस्तान में तालिबान शासन को 15 अगस्त को एक साल होने वाला है.

द गार्डियन की रिपोर्ट के मुताबिक काबुल में शिक्षा मंत्रालय की इमारत के सामने महिलाएं मार्च कर रही थी. प्रदर्शनकारियों ने एक बैनर में लिखा था, 15 अगस्त एक काला दिन है, क्योंकि उस दिन से महिलाओं से उनके काम करने का अधिकार और राजनीतिक भागीदारी खत्म कर दी गई थी. कई महिलाओं ने नक़ाब पहना था. ये सभी “हम अज्ञानता से तंग आ चुके हैं”, जैसे नारे लगा रही थी. इतना करते ही तालिबानी लड़ाकों ने अपनी बंदूकें हवा में चलाकर हवाई फायरिंग कर दी.

मार्च के आयोजकों में से एक, जोलिया पारसी ने बताया, 

"दुर्भाग्य से तालिबानी सैनिक वहां आए, और हवा में गोलियां चलाई. उन्होंने लड़कियों को तितर-बितर कर दिया. हमारे बैनर फाड़ दिए. लड़कियों के मोबाइल फोन जब्त कर लिए. अगर तालिबान हमारी आवाज को चुप कराना चाहता है, तो ये मुमकिन नहीं है. हम अब अपने घरों से विरोध करना शुरू करेंगे."  

एएफपी के संवाददाता की रिपोर्ट के मुताबिक प्रदर्शन को कवर करने वाले कुछ पत्रकारो को भी तालिबानी लड़ाकों ने पीटा. कई महीनों बाद ये पहली रैली थी. तालिबान अधिकारियों ने अमेरिका के खिलाफ कुछ रैलियों की अनुमति दी है और उन्हें बढ़ावा भी दिया है, लेकिन सत्ता में आने के बाद से किसी भी महिला रैली की अनुमति देने से इनकार कर दिया.

तालिबान को महिलाओं से क्या-क्या दिक्कत है?

तालिबान इस्लामिक कानूनों को मानता है और बीते कई महीनों में वो एक-एक करके इन कानूनों को अफ़ग़ानिस्तान में लागू कर रहा है. औरतों की नौकरी और बच्चियों के स्कूल जाने पर रोक पहले ही लगा दी गई थी. महिलाओं के पोस्टर्स पर पेंट लगाने से लेकर फीमेल मेनिक्विन्स के सिर काटने तक के वीडियोज़ देखे जा चुके हैं. तालिबान ने एक और फ़रमान जारी किया, जिसमें तालिबान ने कहा है कि औरतें सार्वजनिक स्नानागारों यानी हमाम का इस्तेमाल नहीं कर सकती हैं. अफ़ग़ानी महिलाओं को अब घर के स्नानघर में ही नहाना होगा और इस दौरान भी उन्हें हिजाब पहनकर रखना होगा. और सभी महिलाओं को पब्लिक स्पेसेज़ में सिर से पैर तक बुर्का पहनना होगा, वर्ना उनके पति या पिता को सज़ा दी जाएगी.

वीडियो: तालिबान ने अफगानिस्तान की नौकरीपेशा औरतों के लिए क्या नया फरमान निकाला है?

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