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मैनहोल में घुसकर सीवर की सफाई कर रहा था, किसी ने कार चढ़ा दी, कर्मचारी की मौत

इस बार सफाई कर्मचारी ज़हरीली गैस से बच गए, तो कार चढ़ गई.

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 Mumbai's Kandivali West Dhanukarwadi sewer death
कर्मचारी मैनहोल में घुसकर सफाई कर रहा था. (फ़ोटो/ CCTV वीडियो स्क्रीनशॉट)
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मनीषा शर्मा
26 जून 2023 (Updated: 26 जून 2023, 18:00 IST)
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मुबंई में सीवर की सफाई के लिए मैनहोल में उतरे एक कर्मचारी की मौत हो गई है. कर्मचारी मैनहोल में घुसकर सफाई कर रहा था, उसी वक्त उसके ऊपर कार चढ़ गई. घायल कर्मचारी को हॉस्पिटल ले जाया गया. जहां उसकी मौत हो गई. पूरी घटना CCTV में कैद है.

आजतक से जुड़े शिवशंकर तिवारी की रिपोर्ट के मुताबिक घटना मुबंई के कांदिवली पश्चिम स्थित धानुकरवाड़ी की है. दो सफाई कर्मचारी 11 जून की सुबह जल निकास प्रणाली की सफाई करने जुटे. CCTV फुटेज में दिखाई दे रहा है कि एक सफाई कर्मचारी मैनहोल में घुसकर सफाई कर रहा था और एक अंदर की गंदगी बाहर लेकर जा रहा था. उसी समय अचानक एक कार आई और मैनहोल में घुसे कर्मचारी के ऊपर चढ़ गई. बाद में कार चालक ने कार पीछे ली और घायल कर्मचारी को हॉस्पिटल लेकर गए. यहां उनका इलाज चला लेकिन 22 जून को उन्होंने दम तोड़ दिया.

मृतक का नाम जगवीर शामवीर यादव, उम्र 37 साल है. वो उत्तर प्रदेश के बदांयू के रहने वाले हैं.  घटना के बाद कांदिवली पुलिस ने कार ड्राइवर विनोद उधवानी और जगवीर यादव को काम पर रखने वाले ठेकेदार अजय शुक्ला को गिरफ्तार कर लिया है. कार ड्राइवर पर IPC की धारा  279, 336, 338, 304 और 196 के तहत केस दर्ज किया गया है. पुलिस आगे की जांच कर रही है.

सीवर सफाई में कितनी मौतें?

भारत में सीवर की सफाई एक बेहद खतरनाक काम है. जो लोग ये काम करते हैं, वो प्रायः पक्की नौकरी पर नहीं होते. ठेके/दिहाड़ी पर काम करते हैं. और आमतौर पर इनके पास सुरक्षा के उपकरण - मसलन सेफ्टी वेस्ट, हार्नेस, हेल्मेट और गैस मास्क नहीं होते. मुंबई वाली घटना एक अपवाद की तरह है, जहां सफाई कर्मचारी पर कार चढ़ गई. लेकिन मैले में डूबकर या ज़हरीली गैस के चलते दम घुटने से सफाई कर्मचारियों की मौत की खबर नियमित रूप से आती ही रहती है.   

टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के मुताबिक 8 फरवरी को मिनिस्ट्री ऑफ सोशल जस्टिस एंड एंपावरमेंट ने राज्यसभा को सूचित किया था कि 2018 से 2022 के बीच सीवर और सेप्टिक टैंक में 308 लोगों की मौत की सूचना मिली है. जिसमें तमिलनाडु में सबसे अधिक 52 मामले दर्ज किए गए, इसके बाद उत्तरप्रदेश में 46 और हरियाणा में 40 मामले दर्ज किए गए.

रिपोर्ट के मुताबिक 1993 में देश में हाथ से मैला साफ करने की प्रथा पर बैन लगा दिया गया था. लेकिन जैसा कि सरकारी आंकड़ों से पता चलता है, सफाई कर्मचारियों की सीवर और सेप्टिक टैंकों में मौत जारी है. इस साल केंद्रीय बजट में सफाई के मशीनीकरण के लिए लगभग 100 करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं. लेकिन अभी राह बहुत लंबी है.

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