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डॉनल्ड ट्रंप इस बार वाइट हाउस कैसे पहुंचेंगे? मीमबाजों ने हद कर दी

अमेरिका का राष्ट्रपति दुनिया का वर्ल्ड ऑर्डर तय करता है. दुनिया किस दिशा में बढ़ेगी, उसपर असर रखता है. मगर सोशल मीडिया पर इतनी गहरी बातों की बहुत संभावना है नहीं. वहां चल रहा है मीम मेला.

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अमेरिका में ट्रम्प और मीम की बाढ़.
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सोम शेखर
6 नवंबर 2024 (Published: 23:30 IST)
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अमेरिका की जनता ने अपना फ़ैसला सुना दिया है. रिपब्लिकन उम्मीदवार और पूर्व-राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप को जनादेश दे दिया गया है और वे फिर से राष्ट्रपति का पद संभालेंगे. अमेरिका का राष्ट्रपति दुनिया का वर्ल्ड ऑर्डर तय करता है. दुनिया किस दिशा में बढ़ेगी, उस पर असर रखता है. मगर सोशल मीडिया पर इतनी गहरी बातों की बहुत संभावना है नहीं. वहां चल रहा है मीम मेला. एक बड़ा इवेंट और मीमों की बाढ़.

मीम ही मीम

सर्वप्रथम तो इंडिया समेत अन्य देशों में जो लोग मीम बना रहे हैं और फैला रहे हैं, वह असल में दर्शक ही हैं. जैसे भारत के चुनाव में कोई और देश. विदेशी मीडिया छापता रहे कि 'डांस ऑफ़ डमोक्रेसी' चल रहा है, मगर हमें-आपको ही मालूम है कि नृत्य का सत्य क्या है. वैसे ही:

X के मालिक एलन मस्क ने भी जोक किया है. वह ट्रंप के खुले समर्थक हैं. जीत की संभावना के साथ उन्होंने एक वर्ड प्ले किया. अंग्रेज़ी में कहते हैं, ‘लेट दैट सिंक इन’. माने पचाने का समय लीजिए. मगर ‘सिंक’ शाब्दिक अर्थ होता है, बेसिन. अब यह वाला देखिए:

हार के स्वाद पर एक बेसिक मीम:

जीत के बाद ट्रंप वाइट हाउस कैसे पहुंचेंगे, यह भी देख लीजिए:

यह भी पढ़ें - "एमएस धोनी की वजह से फिर राष्ट्रपति बने डॉनल्ड ट्रंप", अब ये क्या चल रहा है?

‘द सिम्पसन्स’ एक अमेरिकी एनिमेटेड सिटकॉम है, जिसे मैट ग्रोएनिंग ने फॉक्स ब्रॉडकास्टिंग कंपनी के लिए बनाया है. इस सीरीज़ में अमेरिकी जीवन पर एक व्यंग्य है, जो समाज, पश्चिमी संस्कृति और मानवीय स्थिति पर कटाक्ष करता है. 35 सीज़न और 768 एपिसोड में शो में कई ऐसे क्षण हैं, जो असल दुनिया सच हो गए. इसके लिए एक स्लैंग चलता है - ‘सिम्पसन्स गॉट इट राइट’. माने शो वाले फिर सही निकल गए.

मगर इस बार ऐसा न हुआ. सिम्पसन्स में एक कैरेक्टर है, प्रेसिडेंट का. वो कमला हैरिस से मेल खाता है. तो चुनाव में उनके हारने के बाद जनता ने कहा, ‘इस बार तो सिम्पसन्स भी ग़लत हो गया!’

एग्ज़िट पोल में पता चला था कि अमेरिका के वोटर्स के लिए सबसे बड़ी चिंता लोकतंत्र, अर्थव्यवस्था और गर्भपात की स्थिति थी. 60 फ़ीसदी लोगों ने कहा था कि लोकतंत्र की सेहत उनका मुख्य मुद्दा है. वहीं, 5% के लिए गर्भपात और 10% से ज़्यादा लोगों के लिए अर्थव्यवस्था ज़रूरी है. CNN के एक सर्वे में भी यह बात निकल कर आई थी कि लगभग 75% वोटर देश की दिशा से नाख़ुश हैं.

यह भी पढ़ें - डॉनल्ड ट्रंप की इस बार की जीत सच में बहुत बड़ी है, इन आंकड़ों से पूरा गणित समझ लीजिए

लेकिन अब तो नतीजे सामने आ चुके हैं. स्विंग राज्यों ने जवाब दे दिया है. पेंसिल्वेनिया, मिशिगन और विस्कॉन्सिन - जिन्हें ‘रस्ट बेल्ट’ के रूप में जाना जाता है - पारंपरिक रूप से डेमोक्रेटिक गढ़ रहे हैं. अब उन्होंने ट्रंप को वोट दिया है. चुनाव की समीक्षा समय मांगती है, मगर अभी ट्रंप के पीछे दो मुख्य कारण बताए जा रहे हैं - अमेरिका में रहने की लागत (cost of living) और सायलेंट वोटर्स.

वीडियो: ट्रंप की जीत से भारत की अर्थव्यवस्था पर क्या असर पड़ेगा?

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