तेलंगाना के गुटका प्रेमियों के लिए अगला एक साल बेहद कठिन, एक पैकेट तक नहीं मिलेगा
Telangana सरकार ने Gutka और Pan Masala के मैन्युफैक्चर, स्टोरेज़, डिस्ट्रीब्यूशन, ट्रांसपोर्टेशन और बिक्री पर बैन लगाया गया है.
तेलंगाना सरकार ने 24 मई से गुटका और पान मसाला पर एक साल के लिए बैन लगा दिया है. खाद्य सुरक्षा आयुक्त द्वारा जारी आदेश के अनुसार, पूरे राज्य में तंबाकू और निकोटीन वाले गुटका और पान मसाला की मैन्युफैक्चर, स्टोरेज़, डिस्ट्रीब्यूशन, ट्रांसपोर्टेशन और बिक्री पर बैन लगाया गया है. यानी तेलंगाना में अब न तो गुटका बनेगा और न बिकेगा.
दी हिंदू की रिपोर्ट के मुताबिक़ प्रतिबंध 24 मई से एक साल के लिए लगाया गया है. खाद्य सुरक्षा आयुक्त ने बताया कि लोगों की स्वास्थ्य संबंधी चिंताओं का हवाला देते हुए हुए ये प्रतिबंध लगाया गया है. खाद्य सुरक्षा एवं मानक अधिनियम 2006 के तहत बैन लागू किया गया है. इससे जुड़े आदेश में कहा गया,
"सार्वजनिक स्वास्थ्य के हित में, खाद्य सुरक्षा आयुक्त, तेलंगाना राज्य, गुटका और पान मसाला की मैन्युफैक्चरि, स्टोरेज़, डिस्ट्रीब्यूशन, ट्रांसपोर्टेशन और बिक्री पर प्रतिबंध लगाता है. ये वे प्रोडक्ट हैं जिनमें तंबाकू और निकोटीन होता है. और जो पाउच, पैकेज, कंटेनर या किसी अन्य रूप में पैक किए गए जाते हैं. ये सभी 24 मई, 2024 से पूरे तेलंगाना राज्य में एक साल की अवधि के लिए प्रतिबंधित हैं."
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सोशल मीडिया पर क्या चल रहा है?इस आदेश के कारण रविवार दोपहर से तेलंगाना के बाजारों में हलचल मच गई है लेकिन इस आदेश ने सोशल मीडिया पर भी ठीकठाक बज़ बना दिया है. एक यूजर ने लिखा,
"बेहतरीन पहल. प्लीज़ सभी रेलवे स्टेशनों पर भी इस घटिया चीज़ पर प्रतिबंध लगाएं. इन उपभोक्ताओं द्वारा ही ट्रेनों को गंदा किया जा रहा है."
इरशाद उबैद नाम के यूजर ने लिखा,
"केवल पान मसाला, पान नहीं? वैसे भी, सार्वजनिक स्थान पर थूकना प्रतिबंधित होना चाहिए और उल्लंघन करने वालों पर जुर्माना लगाया जाना चाहिए, इससे ऐसे उत्पादों की बिक्री अपने आप कम हो जाएगी."
चकरी नाम के यूजर ने लिखा,
"आशा है कि इस आदेश से हम साफ-सुथरी दीवारें और काली साफ़ सड़कें देखेंगे."
मनदीप नाम के यूजर ने लिखा,
"आपको सिगरेट पर प्रतिबंध लगाने से कौन रोक रहा है?"
वहीं तेलंगाना के पान शॉप ओनर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष मोहम्मद सलाहुद्दीन दखनी ने दी हिंदू से बात करते हुए कहा,
"तेलंगाना में करीब 1.5 लाख पान की दुकानें हैं. हम गुटका पर प्रतिबंध लगाने का समर्थन करते हैं और कई दुकानों ने पहले ही इसे बेचना बंद कर दिया है. हालांकि, हम अधिकारियों से अनुरोध करते हैं कि वे चबाने वाले तंबाकू और जर्दा को छूट दें, क्योंकि लाखों परिवार अपनी आजीविका के लिए इन बिक्री पर निर्भर हैं."
सलाहुद्दीन ने बताया कि राज्य भर में कई पान की दुकानों के बाहर पोस्टर भी लगे हैं, जिन पर लिखा है कि वे गुटका नहीं बेचते.
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