The Lallantop
X
Advertisement
  • Home
  • News
  • Swedish Scientist Svante Paabo...

वैज्ञानिक स्वांते पैबो को मिला मेडिसिन का नोबेल, इंसानों से जुड़ी ये जरूरी बात पता लगाई

1982 में स्वांते के पिता को भी इसी कैटेगरी में नोबेल मिला था.

Advertisement
nobel 2022 Svante Paabo
साइंटिस्ट स्वांते पौबे (फोटो - नोबेल कमेटी)
pic
सोम शेखर
3 अक्तूबर 2022 (Updated: 3 अक्तूबर 2022, 18:25 IST)
font-size
Small
Medium
Large
font-size
Small
Medium
Large
whatsapp share

स्वीडन के वैज्ञानिक स्वांते पैबो (Svante Paabo) को तीन अक्टूबर को मेडिसिन के नोबेल पुरस्कार से सम्मानित किया गया है. नोबेल समिति के सचिव थॉमस पर्लमैन ने बताया कि लुप्त हो चुकी होमिनिन और मानव विकास के जीनोम से जुड़ी रिसर्च के लिए उन्हें नोबेल (Nobel Prize) दिया गया है.

होमिनिन क्या बला है?

होमिनिन मानव नस्ल की सब-फ़ैमिली है. दरअसल, अलग-अलग स्तरों पर नस्लों का वर्गीकरण होता है. सुपर-फ़ैमिली, फ़ैमिली और सब-फ़ैमिली. अलग-अलग जीवों की अलग-अलग फ़ैमिलीज़. सुपर-फ़ैमिली के स्तर पर बात करें, तो इंसान होमिनॉइड कैटेगरी में आते हैं. फ़ैमिली, होमिनिड. और, सब-फ़ैमिली होगी होमिनिन. इस सब-फ़ैमिली में इंसानों के साथ चिम्पैंज़ी और गुरिल्ला भी आते हैं.

तो, 2022 के नोबेल पुरस्कार विजेता स्वांते पैबो ने लुप्त हो चुकी होमिनिन पर रिसर्च की थी. और, जीनोम पर. जीनोम मतलब? किसी भी ज़िंदा चीज़ के DNA से जुड़ी सारी जानकारी. कोरोनो के वक़्त जीनोम सीक्वेंसिंग कर के ही नए स्ट्रेन्स के बारे में पता लगाया जा रहा था. 

वापस नोबेल और स्वांते पैबो पर. नोबेल समिति ने अपने आधिकारिक बयान में कहा,

"स्वांते पैबो ने खोज की है कि विलुप्त होमिनिन से आज के मानव में जीन ट्रांसफर हुआ है. जीन का ये ट्रांसफर आज के इंसानो के लिए भी बहुत प्रासंगिक है. उदाहरण के लिए संक्रमण के खिलाफ हमारा इम्यून सिस्टम किस तरह से रिएक्ट करता है."

स्वांते एक बड़े वैज्ञानिक हैं. पैलियो-जेनेटिक्स के संस्थापकों में रहे हैं. निएंडरथल जीनोम पर बड़े पैमाने पर काम किया है. जर्मनी के मैक्स प्लैंक इंस्टीट्यूट फॉर इवोल्यूशनरी एंथ्रोपोलॉजी मेंजेनेटिक्स विभाग के निदेशक के तौर पर भी काम किया है. एक दिलचस्प बात ये है कि इसी कैटेगरी में स्वांते के पिता सुने बर्गस्टॉर्म को भी नोबेल मिला था. 1982 में. 

पिछले साल, 2021 में चिकित्सा का नोबेल पुरस्कार मिला था दो अमेरिकी वैज्ञानिकों को. डेविड जूलियस और आर्डेम पैटापूटियन. शरीर के तापमान, दबाव और दर्द देने वाले रिसेप्टरों की खोज करने के लिए. 

स्वांते पैबो के साथ ही नोबेल पुरस्कार की घोषणा शुरू हो चुकी है. आने वाले 4 अक्टूबर को फ़िज़िक्स, 5 को केमिस्ट्री और 6 को साहित्य के नोबेल दिए जाएंगे. शांति पुरस्कार 7 को और अर्थशास्त्र के नोबेल का ऐलान 10 अक्टूबर को होगा.

वीडियो- क्या रमन इफैक्ट के लिए नोबेल दो लोगों को मिलना चाहिए था?

Comments
thumbnail

Advertisement

Advertisement