कांग्रेस MLA को पंजाब पुलिस ड्रग्स केस में घर से उठा ले गई, फेसबुक लाइव में क्या दिखा?
पंजाब कांग्रेस ने इसे पंजाब की आम आदमी पार्टी सरकार की साज़िश क़रार दिया है. दोनों पार्टियों के बीच आरोप-प्रत्यारोप शुरू हो गया है.
पंजाब के भोलथ से कांग्रेस विधायक सुखपाल सिंह खैरा (Sukhpal Singh Khaira) को एक पुराने ड्रग केस में गिरफ़्तार कर लिया गया है. जलालाबाद पुलिस ने सुबह-सुबह खैरा के चंडीगढ़ स्थित बंगले पर छापा मारा और उन्हें वहीं से उठा लिया. उनके परिवार के एक सदस्य ने खैरा के फ़ेसबुक अकाउंट से लाइव वीडियो बनाया. छापेमारी के दौरान वो पुलिस से बहस करते नज़र आ रहे हैं. पुलिस से वॉरंट मांग रहे हैं, अपनी गिरफ़्तारी का कारण पूछ रहे हैं.
पंजाब कांग्रेस ने इसे पंजाब की आम आदमी पार्टी सरकार की साज़िश क़रार दिया है. दोनों पार्टियों के बीच आरोप-प्रत्यारोप शुरू हो गया. गिरफ़्तारी के बाद से INDIA गठबंधन में भी रार सामने आ रही है.
किस केस में गिरफ़्तारी?सुखपाल सिंह खैरा पंजाब के कपूरथला ज़िले के भोलथ निर्वाचन क्षेत्र से तीन बार के विधायक और अखिल भारतीय किसान कांग्रेस के अध्यक्ष हैं.
मार्च, 2015. फ़ाजिल्का के जलालाबाद में ड्रग्स से जुड़ा ये मामला दर्ज किया गया था. इंडिया टुडे की कमलजीत कौर संधू की रिपोर्ट के मुताबिक़, कुल नौ आरोपी थे और बाद में उन्हें एनडीपीएस ऐक्ट (Narcotic Drugs and Psychotropic Substances Act, 1985) के तहत दोषी भी ठहराया गया था. इस केस में ईडी की भी जांच चल रही है.
हालांकि, लाइव वीडियो में जब खैरा को उनकी गिरफ़्तारी की वजह बताई जाती है, तब वो दावा करते हैं कि सुप्रीम कोर्ट ने इस केस को रद्द कर दिया था. फिर DCP अछरू राम शर्मा खैरा से कहते हैं कि इस साल के अप्रैल में एक SIT का गठन किया गया था और जांच में उनके ख़िलाफ़ ड्रग्स तस्करी के सबूत मिले हैं. 7-8 मिनट की बहस के बाद सुखपाल सिंह को पुलिस वैन में बैठा दिया जाता है. वैन में बैठने से पहले विधायक खैरा मुस्कुरा रहे थे. कहा जा रहा है कि वो फ़ेसबुक लाइव के दर्शकों को संदेश देना चाह रहे थे कि वो बेक़ुसूर हैं.
पंजाब पुलिस ने ख़बर के लिखे जाने तक गिरफ़्तारी पर कोई बयान जारी नहीं किया है.
AAP सरकार भटकाने के लिए ऐसा कर रही है: कांग्रेसगिरफ़्तारी के बाद से आम आदमी पार्टी और कांग्रेस के बीच बयानी जंग चालू है. छापे और गिरफ़्तारी की निंदा करते हुए पंजाब कांग्रेस के अध्यक्ष अमरिंदर सिंह वारिंग ने कहा कि पंजाब सरकार जनता को मूल मुद्दों से भटकाना चाहती है. वारिंग ने लिखा,
"सुखपाल सिंह खैरा जी की हालिया गिरफ्तारी से बदले की राजनीति की बू आती है. ये विपक्ष को डराने की कोशिश है और मुख्य मुद्दों से ध्यान भटकाने की पंजाब सरकार की चाल है. हम मज़बूती से सुखपाल खैरा के साथ खड़े हैं और इस लड़ाई को आगे तक ले जाएंगे."
कांग्रेस नेता प्रताप सिंह बाजवा ने भी एक्स पर पोस्ट किया कि आप सरकार बदले की राजनीति पर उतर गई है. सुखपाल सिंह खैरा को भगवंत मान की सरकार के ख़िलाफ़ आवाज उठाने की सज़ा मिल रही है.
युवा कांग्रेस के अध्यक्ष बीवी श्रीनिवास ने तो यहां तक कहा कि AAP इंडिया गठबंधन का हिस्सा है, लेकिन इसका मतलब यह नहीं की वह कुछ भी कर सकती है.
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शिरोमणि अकाली दल ने भी गिरफ़्तारी को बदले की राजनीति से ही प्रेरित बताया है.
वहीं, आम आदमी पार्टी के राज्यसभा सांसद सुशील गुप्ता ने कहा कि कांग्रेस की टॉप लीडरशिप को नशे के अपराधियों को नहीं बचाना चाहिए. उन्होंने कहा,
"सुखपाल खैरा अगर दूध के धुले थे, तो कांग्रेस शासन में भी उन्हें क्यों गिरफ़्तार किया गया था? बचने के लिए उन्होंने कांग्रेस जॉइन कर ली. कैप्टन अमरिंदर सिंह सरकार की वजह से उनकी गिरफ़्तारी नहीं हुई. सेशन जज के निर्देश पर फ़ाजिल्का ड्रग्स केस की जांच के लिए 2023 में एक SIT का गठन किया गया था. SIT जांच के बाद सुखपाल खैरा के साथी गुरुदेव को 10 साल की सजा हो गई. अब उनके ख़िलाफ़ भी कार्रवाई हो रही है. क़ानून अपना काम कर रहा है. अगर कोई नशे का कारोबारी है, तो उस पर कार्रवाई होनी चाहिए. इंडिया गठबंधन इस बात पर एकमत रहेगा."
जब से दिल्ली के मुख्यमंत्री और AAP सुप्रीमो अरविंद केजरीवाल ने एलान किया है कि उनकी पार्टी लोकसभा चुनाव में पंजाब की सभी 13 सीटों पर चुनाव लड़ेगी, तभी से दोनों पार्टियों के बीच तनाव बढ़ गया है. AAP के एलान के बाद कांग्रेस ने भी एलान कर दिया कि वो सभी सीटों पर लड़ेंगे. और, इस अनबन के बीच ये गिरफ़्तारी. देखते हैं इसका INDIA गठबंधन पर कोई असर पड़ता है या नहीं.
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