बिहार में 27 साल बाद रणजी मैच हो रहा, स्टेडियम की हालत देख सरकार पर भड़क पड़े लोग
सोशल मीडिया पर एक यूजर ने लिखा- “किसी दिन ये स्टेडियम भी चोरी हो जाएगा.”
बिहार के मोइन-उल-हक़ स्टेडियम (Moin-ul-Haq Stadium, Patna) में 27 साल बाद रणजी ट्रॉफी के मैच खेले जा रहे हैं. बिहार और मुंबई के बीच मैच जारी है. 5 जनवरी को मैच देखने के लिए कई लोग स्टेडियम में आए भी. लेकिन इस बीच सोशल मीडिया पर स्टेडियम की कई फ़ोटोज़ और वीडियोज़ वायरल हो रहे हैं. इन तस्वीरों में स्टेडियम की जर्जर हालत के बारे में पता चल रहा है.
मोइन-उल-हक़ स्टेडियम में एलीट ग्रुप बी मैच में मुंबई के खिलाफ़ बिहार खेल रहा है. इसमें सरफराज़ खान और शिवम दुबे जैसे प्लेयर्स भी खेल रहे हैं. फैन्स स्टेडियम में मैच देखने गए लेकिन वहां बैठने की कोई व्यवस्था नहीं थी और स्टेडियम की हालत काफ़ी बिगड़ी हुई थी. स्टेडियम के एक वीडियो को शेयर करते हुए भारत के पूर्व तेज गेंदबाज वेंकटेश प्रसाद ने लिखा,
"यह कहीं से भी स्वीकार्य नहीं है. रणजी ट्रॉफी भारत का सबसे बड़ा घरेलू कॉम्पिटिशन (क्रिकेट) है. और ये समय है कि सभी इसकी अहमियत को समझें. इसे ठीक नहीं करने के पीछे स्टेट एसोसिएशन का कोई वैध कारण नहीं दिखता."
सोशल मीडिया पर कई और लोगों ने स्टेडियम की तस्वीरों को शेयर किया. एक्स (पहले ट्विटर) पर ‘हमारा बिहार’ नाम के पेज़ ने स्टेडियम के वीडियो को शेयर करते हुए लिखा,
“देखिए पटना के मोइन-उल-हक़ स्टेडियम का हाल, खंडहर जैसे स्टेडियम में खेला गया मुंबई और बिहार रणजी ट्रॉफी मैच!”
अंकुर सिंह नाम के यूजर ने लिखा,
"बिहार के मोइन-उल-हक़ स्टेडियम का हाल, जहां रणजी मैच खेला जाना है.
डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव खुद क्रिकेटर थे.
कल कहा था मंदिर महत्वपूर्ण नहीं है. लेकिन बिहार में विकास की जांच करें जहां धर्मनिरपेक्ष सरकार है."
मनोज नाम के यूजर ने लिखा,
“पिछली बार जब मैं अक्टूबर में इस स्टेडियम में गया था तो उस समय स्थिति इससे भी बदतर थी.”
धर्म नाम के यूजर ने लिखा,
“ये क्या है, ये स्टेडियम नहीं, बिहार का कब्रिस्तान है.”
एक यूजर ने लिखा,
“हमें आभारी होना चाहिए कि कम से कम ज़मीन पर एक फुट लंबी घास और गांजा नहीं उगा हुआ है.”
कुछ दिन पहले बिहार में तालाब ‘चोरी’ हुआ था, उसका उदाहरण देते हुए कुमार प्रियव्रत नाम के यूजर ने लिखा,
“किसी दिन ये स्टेडियम भी चोरी हो जाएगा.”
तुषार नाम के यूजर ने लिखा,
मोइन-उल-हक़ स्टेडियम का इतिहास"बिहार का हाल बहुत बुरा है महाशय.
और हमें अच्छे होने की उम्मीद भी नहीं है.
यही कारण है लोग दूसरे राज्यों में शिफ्ट हो रहे हैं.
और क्रिकेटर्स दूसरे राज्य से खेल रहे हैं."
मोइन-उल-हक़ में इंटरनेशनल मैच खेले जा चुके है. 90 के दशक में यहां तीन वनडे इंटरनेशनल मुकाबले हुए थे. यहां पर पहला इंटरनेशनल मैच साल 1993 में जिम्बाब्वे और श्रीलंका के बीच खेला गया था. फिर 1996 के वर्ल्ड कप में 26 फरवरी को केन्या और जिम्बाब्वे का मैच खेला गया, जिसका कोई नतीजा नहीं निकला था. इसके बाद 27 फरवरी 1996 को केन्या और जिम्बाब्वे के बीच फिर मैच खेला गया, जिसमें जिम्बाब्वे ने 5 विकेट से जीत हासिल की थी.
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