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डॉक्टर रेप केस वाले अस्पताल का पुराना वीडियो वायरल, बाउंसर प्रिंसिपल को 'दीदी की धमकी' दे रहा

जानकारी है कि ये बाउंसर तृणमूल कांग्रेस के एक विधायक और आरजी कर अस्पताल के पूर्व-प्रमुख संदीप घोष का सहयोगी है.

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rg kar hospital old video mamata banerjee
वायरल वीडियो से स्क्रीनशॉट और ममता बनर्जी (फ़ोटो - PTI/सोशल)
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सोम शेखर
29 अगस्त 2024 (Updated: 29 अगस्त 2024, 24:16 IST)
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कोलकाता के जिस अस्पताल में 31 साल की ट्रेनी डॉक्टर का बलात्कार और हत्या हुई, उस RG Kar अस्पताल से जुड़ा साल-भर एक पुराना वीडियो वायरल हो रहा है. वीडियो में एक बाउंसर है, जो प्रिंसिपल को हड़का रहा है. पूछे जाने पर कह रहा है - ‘चाहो तो दीदी को कॉल कर लो!’ कोलकाता में ‘दीदी’ माने सूबे की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी.

वीडियो में दिख रहा व्यक्ति अफ़सर अली ख़ान है. आरजी कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल के स्टाफ़ के मुताबिक़, उनके यहां अतिरिक्त सुरक्षा गार्ड है. बाउंसर है. जो वीडियो अब वायरल हो रहा है, उसमें प्रिंसिपल मानस कुमार बंद्योपाध्याय उससे पूछते हैं कि वो रोज़ काम पर क्यों नहीं आता और गार्ड की वर्दी क्यों नहीं पहनता, तो बाक़ी अफ़सरों के सामने ही मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के नाम की हूल देने लगता है. कहता है उसे दीदी ने भेजा है.

टेलीग्राफ़ की रिपोर्ट के मुताबिक़, अफ़सर अली ख़ान तृणमूल कांग्रेस के एक विधायक और आरजी कर अस्पताल के पूर्व-प्रमुख संदीप घोष का सहयोगी है. कुछ मीडिया रपटों में छपा है कि वो आरजी कर के पूर्व-प्रिंसिपल संदीप घोष का पर्सनल बाउंसर था और कथित तौर पर एक बांग्लादेशी नागरिक को अवैध रूप से बायोमेडिकल वेस्ट (इस्तेमाल की गई सीरिंज, दस्ताने और इस्तेमाल की गई सलाइन बोतलें) बेचता था.

भाजपा आईटी सेल के प्रमुख अमित मालवीय ने वीडियो शेयर किया है और इसके साथ कई सवाल भी पोस्ट किए हैं।

- आरजी कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में ममता बनर्जी की क्या दिलचस्पी हो सकती है कि वह नए नियुक्त प्रिंसिपल और प्रशासन पर नज़र रखने के लिए एक लुम्पेन को भेजेंगी?
- क्या आरजी कर के पास आपराधिक सिंडिकेट के गहरे राज हैं, जिसका लोग दबी जुबान में जिक्र कर रहे हैं?
- क्या युवा डॉक्टर के बलात्कार और हत्या में जो दिख रहा है, उससे कहीं ज़्यादा कुछ है?
- ममता बनर्जी किन शक्तिशाली लोगों को बचाना चाहती हैं?

हादसे के दिन - 9 अगस्त को - संदीप घोष ने इस्तीफ़ा दे दिया था. मगर उनके इस्तीफ़ा के आठ घंटे के भीतर ही उन्हें वापस नियुक्त कर दिया गया. इससे उनके राजनीतिक कनेक्शन सबके सामने आ गए. हंगामे के बाद 28 अगस्त को इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (IMA) ने संदीप घोष की सदस्यता सस्पेंड कर दी.

मेडिकल कॉलेज में भ्रष्टाचार के सिलसिले में घोष के खिलाफ़ FIR दर्ज की गई है और CBI जांच के दायरे में हैं.

घोष के बाद मानस बंदोपाध्याय को ही आरजी कर अस्पताल का प्रिंसिपल नियुक्त किया गया है, जो वीडियो में दिख रहे हैं. 

वीडियो: 'बंगाल की आग' वाले बयान पर Mamata Banerjee ने अब क्या सफाई दी?

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