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NSA अजीत डोभाल की कनाडाई अधिकारियों से गुप्त मीटिंग? लॉरेंस बिश्नोई पर बड़ा दावा

अमेरिकी अख़बार वॉशिंगटन पोस्ट की एक रिपोर्ट के मुताबिक़, राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (NSA) अजीत डोभाल ने पिछले हफ़्ते सिंगापुर में कनाडा के सुरक्षा सलाहकार के साथ एक गुप्त मीटिंग की थी.

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AJIT DOVAL
राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजित डोभाल. (फ़ोटो - एजेंसी)
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सोम शेखर
15 अक्तूबर 2024 (Updated: 15 अक्तूबर 2024, 19:09 IST)
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भारत और कनाडा के कूटनीतिक तनाव के बीच एक रिपोर्ट ने मामले को और पेचीदा कर दिया है. अमेरिकी अख़बार वॉशिंगटन पोस्ट की एक रिपोर्ट के मुताबिक़, राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (NSA) अजीत डोभाल ने पिछले हफ़्ते सिंगापुर में कनाडा के सुरक्षा सलाहकार के साथ एक ‘गुप्त मीटिंग’ की थी. लिखा है कि इस मीटिंग में कनाडाई अधिकारियों ने कुछ ‘सबूत’ दिए कि ‘ख़ालिस्तानी’ आतंकी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या और सिख अलगाववादियों पर हमले करने के लिए भारत सरकार ने लॉरेंस बिश्नोई गिरोह का इस्तेमाल किया था.

इससे पहले, 14 अक्टूबर को कनाडा के राष्ट्रीय सुरक्षा के सहायक आयुक्त ने एक प्रेस कॉन्फ़्रेस में भी यही आरोप लगाया था कि लॉरेंस बिश्नोई ग्रुप भारत सरकार के एजेंटों से जुड़ा हुआ है. कहा गया,

“भारत दक्षिण एशियाई समुदाय को निशाना बना रहा है. विशेष रूप से कनाडा में ख़ालिस्तानी समर्थक तत्वों को.. हमें पता चला है कि वे संगठित अपराध से जुड़े लोगों का इस्तेमाल करते हैं. इसे सार्वजनिक रूप से एक ग्रुप - बिश्नोई ग्रुप - को ज़िम्मेदार ठहराया गया है और दावा किया गया है... हमारा मानना ​​है कि यह समूह भारत सरकार के एजेंटों से जुड़ा हुआ है.”

रिपोर्ट कहती है कि मीटिंग में डोभाल ने शुरू में तो ऐसा ‘दिखावा’ किया जैसे उन्हें कोई जानकारी नहीं है कि लॉरेंस बिश्नोई कौन है. बाद में उन्होंने क़ुबूला कि बिश्नोई जहां भी क़ैद है, वहां से हिंसा को अंजाम देने में सक्षम है. रिपोर्ट में डोभाल के हवाले से कहा गया है कि भारत निज्जर की हत्या और कनाडा में किसी अन्य हिंसा से किसी भी तरह के संबंध से इनकार ही करेगा, चाहे सबूत कुछ भी हों. 

वॉशिंगटन पोस्ट की यह रिपोर्ट कनाडाई अधिकारियों की टिप्पणियों पर आधारित है. बैठक में कनाडा के सुरक्षा सलाहकार नैथली ड्रोइनिन के साथ उप-विदेश मंत्री डेविड मॉरिसन और रॉयल कैनेडियन माउंटेड पुलिस के एक वरिष्ठ सदस्य भी थे. 

हालांकि, विदेश मंत्रालय ने अभी तक इस रिपोर्ट पर कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है. 

यह भी पढ़ें - भारत-कनाडा के तनावपूर्ण रिश्तों को लेकर क्या लिख रही है इंटरनेशनल मीडिया?

जून, 2022 में सिद्धू मूसेवाला की हत्या की गई थी. इसकी ज़िम्मेदारी लॉरेंस बिश्नोई गिरोह ने ली थी. तब भारतीय उच्चायोग ने कनाडा को पंजाब के गैंगस्टर्स के बारे में सचेत किया था.

पिछले साल - 2023 - ब्रिटिश कोलंबिया के सरे शहर में निज्जर की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी. इसी को लेकर कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने भारत सरकार पर संलिप्तता के आरोप लगाए थे. भारत ने आरोपों का दृढ़ता से खंडन किया था. उन्हें बेतुका और एजेंडे से प्रेरित बताया था. 

अब उधर के अधिकारियों का कहना है कि वो बातें सार्वजनिक हो सकती हैं, क्योंकि अगले महीने निज्जर की हत्या में चार संदिग्धों पर मुक़दमा शुरू होगा. रिपोर्ट में यह भी दावा किया गया है कि उच्चायुक्त संजय वर्मा सहित छह भारतीय राजनयिक - जिन्हें कनाडा छोड़ने के लिए कहा गया था - सीधे तौर पर सिख अलगाववादियों के बारे में ख़ुफ़िया जानकारी जुटा रहे थे.

वीडियो: दुनियादारी: कनाडा में ट्रूडो की सरकार जाएगी, क्या खेला होने वाला है?

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