इन तीन अमेरिकियों को मिला अर्थशास्त्र का नोबेल, बैंक डूबने से बचाने पर रिसर्च की थी
इनकी रिसर्चेज़ से पता चलता है कि बैंक क्यों हैं, कैसे डूबते हैं और कैसे बचाएं.
इस साल के अंतिम नोबेल (Nobel 2022) पुरस्कार की घोषणा हो गई है. अर्थशास्त्र का नोबेल. आज, 10 अक्टूबर को ऐलान हुआ कि इस साल का नोबेल (Economics Nobel) दिया जाएगा तीन अमेरिकी अर्थशास्त्रियों को. कौन-कौन-कौन? बेन बर्नानके, डगलस डायमंड और फिलिप डिब्विग.
नोबेल समिति इन तीन नामों (Ben S. Bernanke, Douglas W. Diamond and Philip H. Dybvig) के ऐलान के साथ कहा,
"इनकी खोज की वजह से आज समाज के पास आर्थिक संकट से निपटने के बेहतर तरीक़े हैं."
नोबेल समिति ने अपनी आधिकारिक घोषणा में लिखा है कि बेन, डगलस और फिलिप के शोध से अर्थव्यवस्था में बैंकों की अहमियत के बारे में समझा जा सकता है और ये कि बैंकों को डूबने से कैसे बचा जाए. लिखा,
"बैंक के क्षेत्र में हुई आधुनिक रिसर्चेज़ से हमें पता चलता है कि बैंक क्यों हैं, कैसे बैंक का डूबना वित्तीय संकट पर असर डालता है और संकट की स्थिति में बैंकों को कैसे बचाया जाए. इस शोध की नींव रखी थी बेन बर्नानके, डगलस डायमंड और फिलिप डिब्विग ने. 1980 के दशक की शुरुआत में. बाज़ारों को विनियमित करने में उनकी शोध बहुत कारगर रही है."
इन तीनों ने ये भी बताया है कि बैंकों के बंद होने की अफवाहों का समाज पर क्या असर पड़ सकता है. एक नहीं, कई रिसर्चेज़ हैं. सब तो नहीं बता सकते, लेकिन सार बताते हैं. दरअसल, बैंक के डूबने की अफवाह भर उड़ते ही लोग बैंकों से अपनी जमा-पूंजी निकालने के लिए भागते हैं. ऐसे में अगर सरकार की ओर से एक गारंटी मिले, तो मंज़र ऐसा नहीं होगा. बैंक डूबने की अफ़वाहों के बावजूद लोग बैंकों की तरफ भागना शुरू नहीं करेंगे.
कौन हैं तीनों?बेन एस बर्नानके. रहने वाले अमेरिका के जॉर्जिया राज्य के. 1979 में मैसाचुसेट्स इंस्टीट्यूट ऑफ़ टेक्नोलॉजी (MIT), कैम्ब्रिज से पीएचडी की और अभी वॉशिंगटन के ब्रुकिंग्स इंस्टीट्यूशन में सीनियर फ़ेलो के रूप में कार्यरत हैं.
इसके बाद हैं डगलस डब्ल्यू डायमंड. येल विश्वविद्यालय से पीएचडी की और वर्तमान में शिकागो विश्वविद्यालय में फ़ायनेंस के प्रोफेसर हैं. उनका मुख्य काम है वित्तीय मध्यस्थों, वित्तीय संकट और लिक्विडिटी में.
फिलिप एच. डिब्विग वॉशिंगटन विश्वविद्यालय में बैंकिंग और वित्त के प्रोफेसर हैं. डगलस और डिब्विग ने साथ मिलकर एक मॉडल भी बनाया था. डगलस-डिब्विग मॉडल.
पिछले साल भी तीन अर्थशास्त्रियों को नोबेल मिला था. डेविड कार्ड, जोशुआ एंग्रिस्ट और गुइडो इम्बेन्स को. डेविड को न्यूनतम मज़दूरी, आप्रवासन और शिक्षा श्रम बाज़ार को कैसे प्रभावित करती है, इस पर किए उनके शोध के लिए. और, जोशुआ एंग्रिस्ट और गुइडो इम्बेन्स ने तो एक नया तरीक़ा ही इजाद ही कर दिया था, उन मुद्दों का अध्ययन करने के लिए जो पारंपरिक तरीकों से आसानी से फिट नहीं होते.
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