The Lallantop
Advertisement
  • Home
  • News
  • new hezbollah chief naim qasse...

कौन हैं नईम क़ासिम जिन्हें हिज़बुल्लाह ने अपना नया लीडर चुना है?

29 अक्टूबर को ईरान-समर्थित चरमपंथी समूह हिज़बुल्लाह ने बयान जारी किया है कि उनकी शूरा परिषद ने शेख़ नईम क़ासिम को हिज़बुल्लाह का महासचिव चुन लिया है.

Advertisement
hezbollah chief naim qassem
नसरल्लाह की हत्या के बाद क़ासिम का पब्लिक रोल बढ़ा है. (फोटो - रॉयटर्स)
pic
सोम शेखर
29 अक्तूबर 2024 (Published: 19:07 IST)
font-size
Small
Medium
Large
font-size
Small
Medium
Large
whatsapp share

ईरान समर्थित लेबनान के चरमपंथी समूह हिज़बुल्लाह ने शेख़ नईम क़ासिम को अपना नया मुखिया बनाया है. इससे पहले वे ग्रुप के डिप्टी सेक्रेटरी जनरल थे. अपने पूर्व प्रमुख हसन नसरल्लाह की हत्या के एक महीने बाद संगठन ने ये घोषणा की है. पिछले महीने एक इज़रायली एयर स्ट्राइक में नसरल्लाह की मौत हुई थी.

मंगलवार, 29 अक्टूबर को आर्म्ड ग्रुप ने एक बयान जारी किया,

“हिज़बुल्लाह की (शासी) शूरा परिषद ने शेख़ नईम क़ासिम को हिज़बुल्लाह के महासचिव के तौर पर चुनने पर सहमति व्यक्त की है.”

कौन हैं नईम क़ासिम?

क़ासिम का जन्म दक्षिणी लेबनान के एक गांव में हुआ था. दक्षिणी लेबनान, आज के वक़्त में हिज़बुल्लाह का गढ़ माना जाता है. 

1982 में हिज़बुल्लाह का गठन हुआ था. गठन के बाद से ही नईम क़ासिम प्रमुख पदों पर रहे हैं. ग्रुप की वैचारिक और राजनीतिक दिशा को आकार देने में इनका हाथ है. शुरुआती दौर से ही क़ासिम, अब्बास-अल-मुसावी, सुभी-अल-तुफ़ैली, मोहम्मद याज़्बेक, इब्राहिम अमीन-अल-सय्यद और हसन नसरल्लाह जैसे शिया स्कॉलर्स के संपर्क में रहे. इस संपर्क की वजह से उन्हें हिज़बुल्लाह में एक मज़बूत ओहदे तक जाने में मदद मिली.

क़ासिम 1991 में हिज़्बुल्लाह के डिप्टी सेक्रेटरी जनरल बने थे. उस वक़्त हिज़बुल्लाह के चीफ़ थे, अब्बास अल मुसावी. 1992 में एक इज़रायली हवाई हमले में मुसावी मारे गए और कुर्सी हसन नसरल्लाह को मिली. तबसे हसन नसरल्लाह और नईम क़ासिम, दुनिया के सामने हिज़बुल्लाह के चेहरे रहे हैं.

क़ासिम को हिज़्बुल्लाह का ‘नंबर टू’ भी कहा जाता था. डिप्टी सेक्रेटरी जनरल की हैसियत से वे कई तरह की गतिविधियों में मुब्तिला रहे. सैन्य अभियानों से लेकर राजनीतिक रणनीतियों और सामाजिक सेवाओं तक. 1992 में हिज़बुल्लाह ने पहली बार चुनाव लड़ा, वो तब भी अभियान के महासचिव थे.

यह भी पढ़ें - हसन नसरुल्लाह के बाद हिज़बुल्लाह के जो कमांडर थे, 'डर के मारे' ईरान भाग गए?

क़ासिम मध्य-पूर्व में पश्चिमी प्रभाव का कट्टर विरोध करते हैं. हिज़बुल्लाह को वेस्टर्न प्रोपेगेंडा के विरुद्ध एक ‘वैध प्रतिरोध’ बताते हैं. यह तर्क देते हुए कि यह लेबनान की संप्रभुता की रक्षा के लिए ज़रूरी है.

उनकी किताब 'हिज़बुल्लाह: द स्टोरी फ्रॉम विदिन' संगठन की वैचारिक नींव और लेबनान और क्षेत्र के लिए दृष्टिकोण के बारे में जानकारी प्रदान करती है. नसरल्लाह की हत्या के बाद उनका पब्लिक रोल बढ़ा है. उन्होंने तीन भाषण दिए. एक बेरूत से, अन्य दो तेहरान से.

क़ासिम को सफ़ेद पगड़ी पहनने के लिए जाना जाता है. उनके पूर्ववर्ती - नसरल्लाह और सफ़ीद्दीन - काली पगड़ी पहनते थे, जो पैगंबर मुहम्मद के वंशज होने का संकेत था.

वीडियो: Masterclass: कौन है इजरायल का सबसे बड़ा दुश्मन? हमास, हिज़बुल्लाह या ईरान?

Comments
thumbnail

Advertisement

Advertisement