The Lallantop
Advertisement
  • Home
  • News
  • more than 550 hajj pilgrims di...

हज पर गए 550 हाजियों की मौत, वजह - भीषण गर्मी!

कुछ दिन पहले ही Saudi Arab के अफ़सरों ने जानकारी दी थी कि गर्मी से पीड़ित 2,000 से अधिक हाजियों का इलाज चल रहा है. लेकिन रविवार, 16 जून के बाद से इस आंकड़े को अपडेट नहीं किया गया है. मक्का के अल-मुआइसिम में स्थित अस्पताल ने भी इस आंकड़े की पुष्टि कर दी है.

Advertisement
hajj pilgrims heatwave
हर साल लाखों लोग हज के लिए सऊदी जाते हैं. (फ़ोटो - AP)
pic
सोम शेखर
19 जून 2024 (Published: 14:10 IST)
font-size
Small
Medium
Large
font-size
Small
Medium
Large
whatsapp share

इस साल हज के दौरान कम से कम 550 तीर्थयात्रियों की मौत हो चुकी है. इस जानकारी की पुष्टि करने वाले अरब डिप्लोमैट्स ने इस बात पर ज़ोर दिया है कि इन मौतों के पीछे सबसे बड़ी वजह हीट-वेव है. मरने वाले अलग-अलग देशों के हैं. इनमें 323 मिस्र के नागरिक थे. लगभग सभी ने गर्मी से संबंधित बीमारियों के कारण ही जान गवाई है. 

दो अरब डिप्लोमैट्स ने अंतर्राष्ट्रीय न्यूज़ एजेंसी AFP को बताया, 

उनमें से सभी (मिस्र के) लोग गर्मी की वजह से मरे हैं. सिवाय एक के, जो भीड़ के दौरान हुई धक्का-मुक्की से मारा गया.

मक्का के अल-मुआइसिम में स्थित अस्पताल ने भी इस आंकड़े की पुष्टि कर दी है. 

जानकारी ये भी है कि मरने वालों में से कम से कम 60 जॉर्डन से थे. हज के दौरान मौतों की रिपोर्ट करने वाले अन्य देशों में इंडोनेशिया, ईरान और सेनेगल शामिल हैं. मगर ज़्यादातर देशों ने ये साफ़ नहीं किया कि कितनी मौतें हीट वेव से संबंधित थीं.

पिछले साल अलग-अलग देशों से लगभग 240 तीर्थयात्री हज में मारे गए थे. इनमें से अधिकतर इंडोनेशिया से थे. 

ये भी पढ़ें - कहानी उस शख्स की, जिसने काबा पर कब्ज़ा किया था

गार्डियन की एक रिपोर्ट के मुताबिक़, कुछ दिन पहले ही सऊदी अरब के अफ़सरों ने जानकारी दी थी कि गर्मी से पीड़ित 2,000 से अधिक हाजियों का इलाज चल रहा है. लेकिन रविवार, 16 जून के बाद से इस आंकड़े को अपडेट नहीं किया गया है. न ही मौतों के बारे में जानकारी दी है.

सऊदी अरब में हुई एक हालिया स्टडी में पचा चला है कि धार्मिक स्थल वाले इलाक़े में तापमान हर दशक में 0.4 डिग्री सेल्सियस बढ़ रहा है. सऊदी राष्ट्रीय मौसम विज्ञान केंद्र के मुताबिक़, सोमवार, 17 जून को मक्का की ग्रैंड मस्जिद में तापमान 51.8 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच गया था.

AFP के पत्रकारों ने मक्का के बाहर मीना शहर से रिपोर्ट किया था कि हाजियों का बुरा हाल है. वो अपने सिर पर पानी डाल रहे हैं. स्वयंसेवक उन्हें ठंडा रखने के लिए उन्हें कोल्ड ड्रिंक और आइसक्रीम दे रहे हैं. सऊदी अफ़सरों ने हाजियों को छाते का इस्तेमाल करने, पर्याप्त पानी पीने और दिन के सबसे गर्म घंटों के दौरान धूप में निकलने से परहेज़ करने की सलाह दी है. लेकिन हज की कई प्रथाओं के लिए खुले आसमान के नीचे रहना पड़ता है. जैसे, 15 जून को माउंट अराफात पर हुई प्रार्थना.

ये भी पढ़ें - हज की पूरी कहानी क्या है?

इस्लाम में हज दीन के पांच स्तंभों में से एक है. इसका मतलब होता है, सऊदी अरब के मक्का में ‘अल्लाह के घर’ या क़ाबे की तीर्थयात्रा. मुसलमानों के लिए ये एक आध्यात्मिक अनुभव है. मान्यता है कि हर वयस्क मुसलमान, जो शारीरिक और आर्थिक रूप से सक्षम है, उसे अपने जीवन में कम से कम एक बार हज करना चाहिए. 

इस साल लगभग 18 लाख हाजियों ने हज में हिस्सा लिया. इनमें से 16 लाख विदेशी थे. 

हर साल हज़ारों हाजी पैसे बचाने के चक्कर में आधिकारिक हज वीज़ा लिए बिना ही हज करने आ जाते हैं. ये बहुत ख़तरनाक है, क्योंकि इस वजह से वो सऊदी प्रशासन की तरफ़ से दी जा रही सुविधाओं के पात्र नहीं होते.

वीडियो: आसान भाषा में: स्मृति ईरानी मदीना क्यों पहुंचीं, सऊदी अरब के साथ हज पर क्या डील हुई?

Comments
thumbnail

Advertisement

Advertisement