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जेल से छूटे गैंगस्टर का ऐसा स्वागत हुआ, महाराष्ट्र पुलिस ने वापस जेल में डाल दिया

गैंगस्टर का नाम Harshad Patankar है. महाराष्ट्र स्लमलॉर्ड्स, बूटलेगर्स, ड्रग अपराधियों और खतरनाक व्यक्तियों की गतिविधियों की रोकथाम अधिनियम (MPDA) के आरोप में नासिक जेल में बंद था. रिपोर्ट के अनुसार, उसके ख़िलाफ़ हत्या के प्रयास, चोरी और हिंसा समेत कई पुलिस केस दर्ज हैं.

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Maharashtra gangster Harshad Patankar
महाराष्ट्र का गैंगस्टर हर्षद पाटणकर आया और गया. (फ़ोटो - सोशल)
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सोम शेखर
26 जुलाई 2024 (Updated: 27 जुलाई 2024, 16:01 IST)
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महाराष्ट्र का एक गैंगस्टर जेल से छूटा. उसके स्वागतकांक्षियों ने ढोल-नगाड़े, बाइकों-गाड़ियों से रैली की. वीडियो बने. वायरल हुए. पुलिस को ये अपार ख़ुशी दिखी. उन्होंने गैंगस्टर को वापस जेल में डाल दिया.

अब यही बात विस्तार से

मीडिया रपटों के मुताबिक़, गैंगस्टर का नाम हर्षद पाटणकर है. “महाराष्ट्र स्लमलॉर्ड्स, बूटलेगर्स, ड्रग अपराधियों और खतरनाक व्यक्तियों की गतिविधियों की रोकथाम अधिनियम” (MPDA) के आरोप में नासिक जेल में बंद था. रिपोर्ट के अनुसार, उसके ख़िलाफ़ हत्या के प्रयास, चोरी और हिंसा समेत कई पुलिस केस दर्ज हैं. इधर इसी महीने नासिक में नए कमिश्नर की एंट्री हुई. अंकुश शिंदे. उन्होंने पद संभाला और इसी के बाद पाटणकर को धरा गया.

लेकिन मंगलवार, 23 जुलाई को उसे जेल से रिहा कर दिया गया. उसके समर्थकों ने उसकी रिहाई का जश्न मनाने के लिए शहर भर में एक जुलूस निकाला. बेथेल नगर से अंबेडकर चौक तक निकाली गई इस रैली में कई बाइकें और कुछ चौपहिया भी थीं. 

इस रैली के वीडियो बनाए गए और सोशल मीडिया पर ‘कमबैक’ और ‘बॉस इज़ बैक’ टाइप कैप्शन के साथ चिपकाए गए. वायरल वीडियो में ‘बॉस’ पाटणकर कार की सनरूफ़ से बाहर निकलकर हाथ हिलाते हुए दिख रहे हैं.

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ये वीडियो पुलिस तक पहुंचा. भारतीय न्याय संहिता (BNS) की धारा 189(2) के तहत मामला दर्ज किया गया. सभी आठ आरोपियों को नोटिस जारी किए गए. गिरफ़्तारी के बारे में पता चला, तो पाटणकर और उसका एक साथी भाग गए. लेकिन गुरुवार, 25 जुलाई को ध्रुवनगर में उन्हें हिरासत में ले लिया गया.

पुलिस ने पाटणकर और उसके छह सहयोगियों को अनधिकृत रैली निकालने और अराजकता पैदा करने के आरोप में फिर से गिरफ़्तार कर लिया. अपनी अल्पकालिक रिहाई के बाद वापस जेल जाते हुए ‘बॉस’ पाटणकर ने हाथ हिलाया या नहीं, इसकी पुख़्ता जानकारी नहीं है.

नासिक पुलिस के थानेदार मधुकर कड ने बताया कि जब हर्षद पाटणकर को रिहा किया गया, तो उसने और उसके साथियों ने लोगों में डर पैदा करने के इरादे से एक अनियंत्रित भीड़ इकट्ठा की और जुलूस निकाला. इसीलिए उसे गिरफ़्तार किया गया है. 

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