ज्ञानवापी सर्वे का आदेश देने वाले जज को किसने दी 'जान से मारने की धमकी'?
जस्टिस रवि कुमार दिवाकर और उनके परिवार को Y कैटेगरी की सुरक्षा दी गई थी. बाद में इसे घटाकर X कैटेगरी कर दिया गया था.
ज्ञानवापी परिसर के वीडियोग्राफिक सर्वे की जांच के आदेश देने वाले एडिशनल सेशंस जज रवि कुमार दिवाकर (Justice Ravi Kumar Diwakar) ने पुलिस के पास एक शिकायत दर्ज कराई है. उन्होंने कहा है कि उन्हें अंतरराष्ट्रीय नंबरों से ‘जान से मारने की धमकियां’ मिल रही हैं. जज रवि कुमार दिवाकर ने साल 2022 में वीडियोग्राफिक सर्वे का फैसला सुनाया था.
बरेली के SP को लिखे एक पत्र में जज रवि कुमार दिवाकर ने दावा किया है कि उन्हें 15 अप्रैल को एक अंतरराष्ट्रीय नंबर से फोन कॉल आया था और उन्हें जान से मारने की धमकी दी गई. उन्होंने आगे कहा कि कुछ दिन बाद उन्हें एक और ऐसा ही कॉल आया.
जज रवि कुमार दिवाकर का हाल ही में बरेली ट्रांसफर हुआ है. इससे पहले भी उन्होंने दावा किया था कि उन्हें और उनके परिवार को धमकियां मिली थीं. जज ने मामले में जांच की मांग की थी.
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, बरेली में ट्रांसफर के बाद जस्टिस दिवाकर ने 2018 के बरेली दंगा मामले का स्वत: संज्ञान लिया था. उन्होंने आदेश दिया था कि दंगों के कथित मास्टरमाइंड मौलाना तौकीर रजा इस मामले में मुकदमे का सामना करें.
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जस्टिस दिवाकर ने ही ज्ञानवापी परिसर में वुजू खाने को सील करने का आदेश दिया था. तब भी उन्होंने धमकियां मिलने की बात कही थी, उसके बाद इलाहाबाद हाई कोर्ट ने उन्हें और उनके परिवार को Y कैटेगरी की सुरक्षा प्रदान करने का आदेश दिया था. बाद में इसे घटाकर X कैटेगरी कर दिया गया था.
जज के पास इस समय दो सुरक्षाकर्मी हैं. इंडिया टुडे के अभिषेक डे की रिपोर्ट के मुताबिक, उनके एक सहकर्मी ने बताया कि ये सुरक्षा कर्मी पर्याप्त नहीं हैं क्योंकि इनके पास हथियार नहीं हैं.
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