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Biden vs Trump: बाइडन-ट्रंप के बीच अर्थव्यवस्था, इमिग्रेशन और युद्ध पर तगड़ी बहस, पॉर्न स्टार की 'एंट्री' कैसे हो गई?

Democrat US President Joe Biden और उनके रिपब्लिकन प्रतिद्वंद्वी Donald Trump आमने-सामने आए. जॉर्जिया के अटलांटा में आयोजित 90 मिनट की ये डिबेट राष्ट्रपति पद के चुनाव से पहले होने वाली पहली बहस है.

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biden trump presidential debate
Donald Trump और Joe Biden के बीच प्रेजिडेंशियल डिबेट. (फ़ोटो - रॉयटर्स)
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सोम शेखर
28 जून 2024 (Published: 12:08 IST)
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US में नवंबर, 2024 में राष्ट्रपति चुनाव होने हैं, और अमेरिका के चुनाव चक्र में राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार रवायतन डिबेट करते हैं. इस बार भी Democrat President Joe Biden और उनके रिपब्लिकन प्रतिद्वंद्वी पूर्व-राष्ट्रपति Donald Trump आमने-सामने आए. जॉर्जिया के अटलांटा में CNN वालों के स्टूडियो में हुई ये पहली बहस 90 मिनट चली. अर्थव्यवस्था, विदेश नीति से लेकर एक दूसरे पर लगने वाले सब आरोपों को अड्रेस किया.

स्टूडियो में कोई लाइव ऑडियंस मौजूद नहीं थी. पारंपरिक तौर पर बहस से पहले दोनों प्रतिभागी हाथ मिलाते हैं. लेकिन बाइडन और ट्रंप ने हाथ नहीं मिलाया. सीधे जा कर अपने-अपने पोडियम पर खड़े हो गए. 2020 राष्ट्रपति चुनाव के वक़्त जब डिबेट हुई थी, तब भी उन्होंने हाथ नहीं मिलाया था. लेकिन वो कोरोना महामारी की वजह से एहतियायतन लिया गया फ़ैसला था. 

ख़ैर, अब जान लेते हैं कि दोनों के बीच अलग-अलग मुद्दों पर बहस क्या हुई.

अर्थव्यवस्था: राष्ट्रपति बाइडन ने समय नहीं बर्बाद किया. फ़ौरन इकोनॉमी पर आ गए. कहा कि ट्रम्प के कार्यकाल के दौरान अर्थव्यवस्था गर्त में चली गई. जब उन्होंने पदभार संभाला, तो अमेरिकी इकोनॉमी तेज़ी से नीचे गिर रही थी. फिर उन्होंने COVID-19 महामारी से निपटने के ट्रम्प के तरीक़ों की आलोचना की. फिर बेरोज़गारी की ओर ध्यान खींचा और कहा, 

हर्बर्ट हूवर के अलावा डॉनल्ड ट्रम्प एकमात्र ऐसे राष्ट्रपति हैं, जिनके सत्ता में आने से पहले ज़्यादा नौकरियां थीं और जाते-जाते कम होती चली गईं. चार साल की अवधि में किसी भी अमेरिकी राष्ट्रपति पर इतना राष्ट्रीय ऋण नहीं लगा, जितना ट्रम्प पर था.

ट्रम्प ने टैरिफ़ दस फ़ीसदी बढ़ाने की बात कही. इस तर्ज़ पर कि इससे अन्य देश अमेरिका को ‘लूट’ नहीं पाएंगे. अर्थशास्त्रियों ने कई बार चेताया है कि अगर टैरिफ़ में नाटकीय बढ़ोतरी की जाती है, तो बाक़ी देशों के साथ अमेरिका के व्यापार संबंधों को नुक़सान पहुंच सकता है.

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विदेश नीति: बहस तब और गरमा गई, जब विदेश नीति का मुद्दा छिड़ा. ख़ासतौर पर अफ़ग़ानिस्तान से अमेरिकी सैनिकों की वापसी पर. ट्रम्प ने ये मौक़ा नहीं छोड़ा. उसे ‘देश के इतिहास का सबसे शर्मनाक दिन’ बता दिया. कहा, 

मैं अफ़ग़ानिस्तान से बाहर जा रहा था. लेकिन हम गरिमा और ताक़त के साथ निकल रहे थे.

बाइडन ने जवाब दिया कि जब ट्रम्प राष्ट्रपति थे, तब भी अफ़ग़ानिस्तान में लोगों को मारा जा रहा था और उन्होंने इस बारे में कुछ नहीं किया. इस आरोप के जवाब में ट्रम्प ने सैनिकों को ‘बेवकूफ़’ क़रार दिया. बाइडन ने अपने दिवंगत बेटे ब्यू की याद दिलाई, जिन्होंने इराक़ में सर्व किया था और बाद में कैंसर से उनकी मृत्यु हो गई थी. बाइडन ने कहा, 

मेरा बेटा लूज़र नहीं था, बेवकूफ़ नहीं था. तुम बेवकूफ़ हो. तुम लूज़र हो.

इमिग्रेशन: बहस का एक और गर्म मुद्दा, और बाइडन की दुखती रग. ट्रम्प ने दावा किया बाइडन दक्षिणी-अमेरिकी सीमा को सुरक्षित करने में विफल रहे हैं. इससे देश में कई अपराधियों को शरण मिल गई है. यहां तक कह दिया, “मैं इसे बाइडन माइग्रेंट क्राइम (प्रवासी अपराध) कहता हूं.”

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वहीं, उन्होंने ट्रम्प पर आरोप लगाए कि वो देश के आव्रजन संकट (immigration cirsis) के बारे में झूठ फैलाते हैं. उन्होंने कहा कि अमेरिका अवैध अप्रवासियों का स्वागत नहीं करता. ये बिल्कुल सच नहीं है. 

ट्रम्प जो भी कहते हैं, उसके समर्थन में उनके पास कोई डेटा नहीं है. एक बार फिर, वो अतिशयोक्ति कर रहे हैं. झूठ बोल रहे हैं.

ग़ाज़ा और यूक्रेन युद्ध: ट्रम्प ने तो सीधे कहा कि अगर वो राष्ट्रपति होते, तो रूस यूक्रेन पर आक्रमण करता ही नहीं. उन्होंने कहा कि अफ़ग़ानिस्तान से अमेरिका का जाना इतना अव्यवस्थित था कि इसकी वजह से यूक्रेन में पुतिन की योजना को बल मिला. ट्रम्प ने ये भी कहा कि उनके कार्यकाल में हमास इज़रायल पर हमला करना सोच भी नहीं सकता था, क्योंकि जब वो राष्ट्रपति थे तो ‘ईरान दिवालिया हो चुका था’. 

CNN इंटरनैशनल और उसके प्लैटफ़ॉर्म MAX के अलावा कुछ और अमेरिकी नेटवर्क्स ने इसका प्रसारण किया. (फ़ोटो - रॉयटर्स)

बाइडन बहस में रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन को खींच लाए और बड़े कड़े रुख के साथ. 

सच तो यह है कि पुतिन एक युद्ध अपराधी हैं. उन्होंने हज़ारों-हज़ारों लोगों को मारा है. आपको लगता है कि वो आपके होने से रुक जाते? आपको लगता है कि वो यूक्रेन पर क़ब्ज़ा करने के बाद रुक जाएंगे?

बाइडन ने कहा कि संयुक्त राष्ट्र से लेकर इज़रायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू तक, सभी ने उनकी युद्ध विराम योजना पर सहमति जताई है. आगे कहा, “केवल हमास युद्ध जारी रखना चाहता है.”

नेतन्याहू ने हमेशा यही कहा है कि इज़रायल ऐसे किसी समझौते पर सहमत नहीं होगा, जिससे उसके मक़सद पूरा होने से पहले युद्ध ख़त्म हो जाए. ट्रंप ने भी अपने जवाब में यही कहा कि असल में नेतन्याहू युद्ध जारी रखना चाहते हैं. 

गर्भपात: ये तो वहां की पब्लिक डिसकोर्स में भी विवादित विषय है. बाइडन ने गर्भपात प्रतिबंध (abortion ban) के पक्षधर होने के लिए ट्रम्प पर हमला किया. उन्होंने बलात्कार पीड़ित महिलाओं की दुर्दशा को संबोधित किया, जिन्हें गर्भपात सेवाओं तक पहुंचने में दिक़्क़त आ रही है, उनके हवाले से कहा, 

ये हास्यास्पद है और वे इसके बारे में कुछ नहीं कर सकते. आपकी नैतिकता गली की बिल्ली है.

यहां पर बाइडन ने एक तीर दो निशाने मारे. उन्होंने ट्रम्प का स्टॉर्मी डैनियल प्रकरण भी हाई-लाइट किया. 

ट्रम्प ने तुरंत जवाब दिया, "मैंने किसी पॉर्न स्टार के साथ सेक्स नहीं किया."

गर्भपात वाले मसले में ट्रम्प ने ये तर्क दिया कि इस मुद्दे को राज्यों को ही देखना चाहिए. यही सही क़दम था और बाइडन पर आरोप लगाया कि वो गर्भपात पर किसी भी सीमा का समर्थन नहीं करते. 

CNN ने रिपोर्ट किया है कि जो बाइडन और डॉनल्ड ट्रम्प ने बहस में अपने आख़िरी टिप्पणी रखने के बाद हाथ मिलाए ही मंच से उतर गए. न शुरू में हाथ मिलाया. न आख़िर में. हो सकता है उन्होंने बशीर बद्र का ये शेर सुन रखा हो, 

मोहब्बतों में दिखावे की दोस्ती न मिला 
अगर गले नहीं मिलता, तो हाथ भी न मिला 

वीडियो: दुनियादारी: इजरायल को चेताना जो बाइडन पर राष्ट्रपति चुनाव में भारी पड़ेगा?

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