हमास कमांडर की हत्या, इज़रायल को ईरान की 'अंतिम चेतावनी'.. अब तक जंग में क्या हुआ?
ग़ाज़ा पट्टी में 2,300 से ज़्यादा लोग मारे जा चुके हैं और 9,000 घायल हैं. वहीं, इज़रायल में मरने वालों की संख्या 1,400 और घायलों की संख्या 3,500 से ज़्यादा हो चुकी है.
आज - 15 अक्टूबर को - इज़रायल और ग़ाज़ा के बीच छिड़ी जंग (Israel-Gaza War) का नौवां दिन है. ग़ाज़ा पट्टी (Gaza) में 2,300 से ज़्यादा लोग मारे जा चुके हैं और 9,000 घायल हैं. मृतकों में 700 के क़रीब बच्चे हैं. केवल 15 अक्टूबर को 300 से ज़्यादा फ़िलिस्तीनियों ने जान गवा दी. वहीं, इज़रायल (Israel) में मरने वालों की संख्या 1,400 और घायलों की संख्या 3,500 से ज़्यादा हो चुकी है.
इस विवाद में अन्य देशों के लोगों पर भी असर पड़ा है. कुछ फंसे हुए हैं, कुछ की मौत हो गई. हिंसा में 29 अमेरिकी नागरिक भी मारे गए और 15 लापता हैं.
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अंतरराष्ट्रीय मीडिया संगठन अल-जज़ीरा की रिपोर्ट के मुताबिक़, ग़ाज़ा प्रांत में लोग गंभीर मानवीय संकट का सामना कर रहे हैं. साफ़ पानी, खाना, बिजली, ईंधन और मेडिकल सप्लाई ख़ात्मे की कगार पर है. इज़रायल ने ग़ाज़ा के उत्तरी-इलाक़ों में ज़मीनी आक्रमण की चेतावनी दी थी. इसके बाद से ही क्षेत्र में रहने वाली 11 लाख की आबादी दक्षिण की तरफ़ भाग रही है. ग़ाज़ा से हज़ारों शरही मिस्र की सीमा पार करने की कोशिश कर रहे हैं. जो शहर में बचे हैं, राहत शिविरों में अपनी जान बचाए हुए छिपे हैं. प्रांत का सबसे बड़ा अस्पताल एक रिलीफ़ सेंटर बन गया है, जिसमें 35,000 लोग छिपने को मजबूर हैं.
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इज़रायली सेना ने हमास कमांडर की हत्या कर दी है, जिसने देश में घुसपैठ कर घातक हमला किया था. सेना के मुताबिक़, जंग शुरू होने के बाद से 279 सैनिक मारे जा चुके हैं और 126 सैनिकों का अपहरण कर लिया गया है.
हमले और बढ़ेंगेइज़रायल की तरफ़ से ग़ाजा पर हवाई हमले जारी हैं. सीमा पर बड़ी संख्या में सेना और बड़े पैमाने पर हथियार तैनात हैं. बीते रोज़, 14 अक्टूबर को इज़रायल ने घोषणा की थी कि अब वो हमले बढ़ाने वाले हैं. हवा, समुद्र और ज़मीन के ज़रिए हमले की योजना बना रहे हैं. हालिया स्थिति ये है कि लेबनान की ऐंटी-टैंक फायरिंग में एक व्यक्ति की मौत हो गई. इसके बाद इज़रायली सेना ने सीमा पर 4 किलोमीटर का बफ़र ज़ोन बना दिया है.
ग़ाज़ा की तरफ़ से ईरान ने इज़रायल को 'युद्ध अपराध' रोकने की चेतावनी दी है. कहा, “समय रहते रुक जाओ, वर्ना बड़ा भूकंप आएगा!”
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इधर, अमेरिका ने इज़रायल के प्रति अपना मज़बूत समर्थन को और मज़बूत ‘दिखाने के लिए’ पूर्वी-भूमध्य सागर में दूसरा एयरक्राफ़्ट कैरियर तैनात कर दिया है. वहां पहले ही अमेरिका का सबसे घातक बेड़ा मुस्तैद है.
फ़िलिस्तीनियों के लिए दुनिया भर में मार्च निकाले जा रहे हैं. वॉशिंगटन-डीसी में हो रहे एक कार्यक्रम के दौरान कुछ फ़िलिस्तीनी समर्थकों ने अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन के ख़िलाफ़ नारेबाज़ी भी की थी.