The Lallantop
Advertisement
  • Home
  • News
  • India Slams OIC Comments On Pr...

पैगंबर टिप्पणी मामले में भारत का OIC को सीधा जवाब, 'सांप्रदायिक एजेंडा ना चलाओ'

OIC की स्थापना 1969 में हुई थी. इसके ऊपर सऊदी अरब का नियंत्रण है. हालांकि, एकमात्र न्युक्लियर वेपन देश होने के कारण OIC में पाकिस्तान की बहुत चलती है. इसी वजह से संगठन कई बार कश्मीर पर भारत के हितों के खिलाफ बयान दे चुका है.

Advertisement
OIC
बाएं से दाएं. भारतीय विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची और OIC के जनरल सेक्रेटरी ब्रहिम ताहा. (फोटो: ट्विटर)
pic
मुरारी
6 जून 2022 (Updated: 6 जून 2022, 17:14 IST)
font-size
Small
Medium
Large
font-size
Small
Medium
Large
whatsapp share

भारत ने पैगंबर मोहम्मद पर कथित आपत्तिजनक टिप्पणी को लेकर ऑर्गेनाइजेशन ऑफ इस्लामिक कॉपरेशन (OIC) की तरफ से लगाए गए आरोपों को खारिज कर दिया है. भारतीय विदेश मंत्रालय की तरफ से जारी एक बयान में इन आरोपों को ‘गैरजरूरी’ और ‘संकीर्ण मानसिकता' का नतीजा बताया गया है. बयान में भारतीय विदेश मंत्रालय ने कहा,

"हमने ऑर्गेनाइजेशन ऑफ इस्लामिक कॉपरेशन के सचिवालय की तरफ से भारत को लेकर दिए गए बयान का संज्ञान लिया है. भारत सरकार OIC सचिवालय की इन गैरजरूरी और संकीर्ण मानसकिता वाली टिप्पणियों को एक-एक कर नकारती है."

भारतीय विदेश मंत्रालय की तरफ से जारी बयान में कहा गया कि भारत सभी धर्मों के प्रति सम्मान की भावना रखता है. मंत्रालय ने बयान में आगे कहा,

"धार्मिक शख्सियत का अपमान करने वाले आपत्तिजनक ट्वीट और बयान कुछ लोगों के हैं. भारत सरकार का इनसे किसी भी तरह से कोई मतलब नहीं है. ऐसे लोगों के ऊपर पहले ही कड़ी कार्रवाई की जा चुकी है. ये काफी खेदपूर्ण है कि OIC ने एक बार फिर से प्रेरित, भ्रामक और द्वेषपूर्ण बयान दिए हैं. इससे केवल OIC के विभाजनकारी एजेंडे के बारे में पता चलता है, जो निहित स्वार्थों के कहने पर चलाया जा रहा है."

मंत्रालय ने आगे ये भी कहा कि वो OIC से अपील करता है कि वो अपनी कथित सांप्रदायिक नजरिए से हर चीज को देखना बंद करे और सभी धर्मों के प्रति सम्मान दिखाए.

OIC ने क्या कहा था?

इससे पहले OIC सचिवालय ने रविवार पांच जून को एक बयान जारी किया था. इस बयान में पैगंबर मोहम्मद पर नूपुर शर्मा की टिप्पणी को लेकर भारत की निंदा की गई थी. OIC ने अपने बयान में कहा था,

"पैगंबर मोहम्मद के खिलाफ आपत्तिजनक टिप्पणी तब सामने आई है, जब भारत में इस्लाम के खिलाफ भेदभाव बढ़ रहा है. भारत में मुसलमानों के खिलाफ तरह-तरह के प्रतिबंध लगाए जा रहे हैं. शैक्षणिक संस्थानों में हिजाब पर बैन लगा दिया गया है. मुसलमानों की संपत्ति ढहाई जा रही है. उनके खिलाफ हिंसा बढ़ रही है. UN को इसके खिलाफ कदम उठाने चाहिए."

इससे पहले कर्नाटक हिजाब विवाद और यासीन मलिक की सजा पर भी OIC ने बयान जारी किए थे. OIC ने स्कूलों में हिजाब बैन किए जाने और यासीन मलिक की सजा का विरोध किया था. हिजाब के मुद्दे को जहां भारत ने आंतरिक मसला बताया था, वहीं यासीन मलिक के मामले में OIC के ऊपर आतंकवाद का समर्थन करने के आरोप लगाए थे. अलग-अलग मुद्दों पर पहले भी भारत OIC को जवाब देता रहा है.

क्या है OIC?

ऑर्गेनाइजेशन ऑफ इस्लामिक कॉपरेशन संयुक्त राष्ट्र के बाद दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी मल्टीलेटरल ऑर्गेनाइजेशन है. इसमें 57 देश शामिल हैं. ये सभी देश या तो इस्लामिक हैं या फिर इन देशों में मुस्लिम समुदाय बहुसंख्या में है. OIC कहता है कि इसका उद्देश्य दुनियाभर के मुसलमानों के हितों की रक्षा करना और पूरी दुनिया में शांति का प्रसार करना है.

OIC की स्थापना 1969 में हुई थी. इसके ऊपर सऊदी अरब का नियंत्रण है. हालांकि, एकमात्र न्युक्लियर वेपन वाला देश होने के कारण OIC में पाकिस्तान की बहुत चलती है. इसी वजह से संगठन कई बार कश्मीर पर भारत के हितों के खिलाफ बयान दे चुका है. दूसरी तरफ, सऊदी अरब और UAE से अच्छे संबंध होने के कारण भारत पाकिस्तान के कंट्रोल वाले OIC वाले को जवाब देने में कतराता नहीं है. कश्मीर और दूसरे मुद्दों पर भारत के हितों के खिलाफ OIC के बयानों के बावजूद संगठन में शामिल सऊदी अरब, UAE जैसे अरब देश भारत के समर्थन में बयान देते रहे हैं. इन देशों ने भारत के प्रतिनिधियों को कई बार सम्मानित भी किया है. इनमें प्रधानमंत्री मोदी का नाम भी शामिल है.

वीडियो- चीन ने OIC की बैठक में जम्मू और कश्मीर पर बयान दिया, भारत ने करारा जवाब दिया

Comments
thumbnail

Advertisement

Advertisement