रिपोर्टर डायरी: भारत मंडपम के अंदर क्या चल रहा है, G20 समिट का आंखों देखी
G20 समिट में विदेशी पत्रकारों के बीच मीडिया एक्सेस को लेकर चर्चाएं चल रही हैं.
आम दिनों में चंचल दिखने वाली दिल्ली (Delhi G20) की सड़कें सूनी हैं. थोड़े-थोड़े अंतराल पर इक्का-दुक्का गाड़ियां सांय से निकलती है. सन्नाटा टूटता है. फिर शांति छा जाती है. हर कुछ मीटर के अंतराल पर सिक्योरिटी टीम दिखती है. प्रगति मैदान की तरफ़ जा रही सड़कों पर बैरिकेड्स की भरमार है. जैसे ही हमारी बस भारत मंडपम का रुख करती है. पुलिसवाले हाथ देकर रुकने का इशारा करते हैं. वे अपने पास मौजूद लिस्ट से बस का नंबर मिलाते हैं. ‘मीडिया है?’ ‘ठीक है’ ‘जाने दो’... और इस तरह हम इंटरनैशनल मीडिया सेंटर के दरवाज़े पर पहुंच जाते हैं. पता है - प्रगति मैदान, ग्राउंड फ़्लोर, हॉल संख्या - 05.
ये G20 लीडर्स समिट की मीडिया कवरेज का अड्डा है. ऑफ़िशल मीडिया से इतर बाकी सभी मीडिया संस्थानों के पत्रकारों को इसी हॉल में ठहराया गया है. उन्हें मेन मीटिंग हॉल का एक्सेस नहीं है. कई अंतरराष्ट्रीय पत्रकार इस बात से थोड़े नाराज़ भी दिखे. एक पत्रकार फ़ोन पर बता रहीं थीं, वी हैव नो आइडिया व्हाट इज हैपनिंग देयर. व्हाट आर दे नेगोशिएटिंग. यानी, हमें कुछ पता नहीं कि वहां हो क्या रहा है. वे किन मुद्दों पर बात कर रहे हैं.
बाकी, व्यवस्था से कोई दिक्कत नहीं है. कनाडा सरकार के लिए काम करने वाले ब्रैड कॉटन से जब मैंने बात की तो वो बोले,
‘अभी तक सब कुछ बढ़िया रहा है. लेकिन हमें बाइलेटरल मीटिंग्स में जाने को नहीं मिला. ये बड़ी समस्या है.’
मीडिया सेंटर में सबसे अधिक चर्चा एक्सेस को लेकर हो रही है. हालांकि, समिट से जुड़े 02 मुद्दे पूरी दुनिया में सुर्खियां बटोर रहे हैं.
पहला, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सीट पर लगा नेमप्लेट, जिस पर इंडिया की जगह भारत लिखा दिखा.
मोदी सरकार ने 18 सितंबर से संसद का विशेष सत्र आहूत किया है. इसमें देश का नाम आधिकारिक तौर पर भारत किए जाने की चर्चा चल रही है. इस आहट की शुरुआत G20 लीडर्स के सम्मान में आयोजित डिनर समारोह से हुई थी. जिसके इन्विटेशन लेटर पर ‘प्रेसिडेंट ऑफ़ इंडिया’ की बजाय ‘प्रेसिडेंट ऑफ़ भारत’ लिखा था. तब से सरकार ‘भारत’ नाम को लेकर मुखर दिखी है. G20 के मंच पर लगी नेमप्लेट की तस्वीर सोशल मीडिया पर छाई हुई है. इसको लेकर कयासों का दौर शुरू हो गया है. विदेशी मीडिया में भी ये परिवर्तन छाया हुआ है.
दूसरा मुद्दा अफ़्रीकन यूनियन(AU) की सदस्यता से जुड़ा रहा.
अफ़्रीकन यूनियन (AU) को G20 गुट की स्थायी सदस्यता मिल गई है. ये पहले से तय माना जा रहा था. पीएम मोदी ने उद्घाटन भाषण में AU के प्रेसिडेंट को परमानेंट मेंबर की सीट ग्रहण करने के लिए कहा.
AU अफ़्रीका महाद्वीप के 55 देशों का संगठन है. फिलहाल, महाद्वीप से सिर्फ साउथ अफ़्रीका G20 में है. महाद्वीप के अधिकांश देश अल्प-विकसित या विकासशील हैं. वे जियो-पोलिटिकल ग्लोबल साउथ का हिस्सा हैं. भारत उनका लीडर होने की दावेदारी पेश कर रहा है. जानकार मानते हैं कि ये समिट इस कोशिश की दिशा में एक बड़ा कदम है.
फिलहाल, समिट से कुछ ठोस निकलकर आने का इंतज़ार है. जो कुछ ख़बरें हम तक पहुंच रही हैं, उसके मुताबिक, दिन का पहला सेशन खत्म हो चुका है. अब द्विपक्षीय बैठकें चल रही हैं. दोपहर के तीन बजे G20 का दूसरा सत्र शुरू होगा. उसके बाद फिर से द्विपक्षीय मीटिंग्स होंगी. शाम के 07 बजे से डिनर का आयोजन है.
प्रधानमंत्री मोदी G20 समिट से इतर 15 द्विपक्षीय मीटिंग्स में हिस्सा लेने वाले हैं.
08 सितंबर को उन्होंने अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन, बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख़ हसीन और मॉरिशस के प्रधानमंत्री प्रवींद जुगनाथ के साथ मीटिंग की थी.
09 को वो किन-किन नेताओं से मुलाक़ात कर रहे हैं?
- यूके के प्रधानमंत्री ऋषि सुनक.
- जापान के प्रधानमंत्री फ़ुमियो किशिदा.
- जर्मनी के चांसलर ओलाफ़ शोल्ज.
- और, इटली की प्रधानमंत्री जियॉर्जिया मेलोनी.
फ़्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों कुछ देर पहले ही भारत पहुंचे हैं. वो 10 सितंबर को लंच पर पीएम मोदी से मीटिंग करेंगे.
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