पुणे: पिता और भाई पांच साल से कर रहे थे नाबालिग का 'बलात्कार', दादा और मामा ने मोलेस्ट किया!
स्कूल में 'गुड टच, बैड टच' सेशन के दौरान पीड़िता ने सुनाई आपबीती.
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पुणे पुलिस ने सूचना दी है कि एक नाबालिग लड़की के साथ उसके भाई और पिता ने अलग-अलग मौकों पर कथित तौर पर बलात्कार किया है. वहीं, उसके दादा और चचेरे मामा ने भी उसे मोलेस्ट किया. पुलिस ने बताया कि यह कथित अपराध पिछले पांच सालों से ज़्यादा समय से हो रहा था. पुलिस ने बलात्कार और मोलेस्टेशन से संबंधित IPC की विभिन्न धाराओं के तहत मामला दर्ज किया है. इस मामले में अभी तक लड़की के भाई को गिरफ्तार किया गया है.
पूरा मामला क्या है?
पुलिस के अनुसार, पीड़िता का पिता 2017 से लड़की का यौन उत्पीड़न कर रहा है, तब वे बिहार में रहते थे. वहीं लड़की के बड़े भाई ने नवंबर 2020 के आसपास उसका यौन शोषण करना शुरू किया. उसके दादा और दूर के मामा भी उसे ग़लत तरीक़े से छूते थे. पीड़िता और उसका परिवार मूलतः बिहार से है. फिलहाल पुणे के ताड़ीवाला रोड इलाक़े में रह रहे हैं.
पुलिस निरीक्षक (अपराध) अश्विनी सतपुते ने कहा,Maharashtra | An 11-year-old girl was sexually abused by four men in her family for the last four years in Pune. FIR registered against the girl's father, brother, grandfather and maternal uncle in Bundgarden Police Station: Pune Police
— ANI (@ANI) March 19, 2022
"घटना का पता तब चला जब लड़की ने अपने स्कूल में 'गुड टच ऐंड बैड टच' सेशन के दौरान ये बातें बताईं."स्कूल की एक काउंसलर ने शुक्रवार, 18 मार्च को, FIR दर्ज कराई.
इंडिया टुडे से जुड़े पंकज खेलकर की रिपोर्ट के मुताबिक़, पुणे पुलिस ने बलात्कार और मोलेस्टेशन के आरोप में IPC की विभिन्न धाराओं के तहत मामला दर्ज किया है. पीड़िता के 45 वर्षीय पिता और किशोर भाई पर आईपीसी की धारा 376 के तहत बलात्कार का मामला दर्ज किया है. वहीं, उसके 60 वर्षीय दादा और 25 वर्षीय चचेरे मामा पर धारा 354 (महिला की गरिमा भंग करने के इरादे से हमला) के तहत मामला दर्ज किया गया है. पुलिस ने यह भी बताया कि यौन अपराधों से बच्चों के संरक्षण (POCSO) अधिनियम की धाराएं भी जोड़ी जाएंगी.
बच्चों के बलात्कार के खिलाफ विरोध प्रदर्शन. (प्रतीकात्मक छवि)
पुलिस ने कहा कि चारों आरोपी एक-दूसरे की हरकतों से अनजान थे, इसलिए इसे गैंग रेप का मामला नहीं माना जा सकता.
राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (NCRB) की हालिया रिपोर्ट के अनुसार, 2020 में महिलाओं के ख़िलाफ़ अपराध के कुल 3,71,503 मामले दर्ज किए गए थे. ये संख्या 2019 के आंकड़ों की तुलना में 8.3% की गिरावट है. ज़्यादातर मामले 'पति या रिश्तेदारों द्वारा क्रूरता' के तहत दर्ज किए गए थे. इसके बाद 'महिलाओं की गरिमा भंग करने के इरादे से हमला' (23%), 'अपहरण और महिलाओं का अपहरण' (16.8%) और 'बलात्कार' (7.5%) के मामले थे.
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