The Lallantop
X
Advertisement
  • Home
  • News
  • cold wave in north india rain ...

उत्तर भारत में शीतलहर का प्रकोप, कहीं बारिश-कहीं गलन.. कब तक रहेगी इतनी ठंड?

ये ठंड कब जाएगी? रुको ज़रा! सबर करो.

Advertisement
cold wave in north india
ज़रूरी न हो तो घर से बाहर मत निकलिए, निकलना पड़े तो ऐसे लोग ढूंढिए जो आग ताप रहे हों. (फ़ोटो - PTI)
pic
सोम शेखर
7 जनवरी 2024 (Updated: 7 जनवरी 2024, 12:47 IST)
font-size
Small
Medium
Large
font-size
Small
Medium
Large
whatsapp share

रविवार, 7 जनवरी की सुबह उत्तर भारत के कई हिस्सों और देश के कुछ और क्षेत्रों में भीषण ठंड (cold wave) की स्थिति बनी रही. अधिकतम तापमान सामान्य से नीचे है. 

मौसम विज्ञान विभाग (IMD) के पूर्वानुमान के मुताबिक़, दिल्ली, पंजाब, हरियाणा, राजस्थान और उत्तर प्रदेश में शीत लहर है और ये स्थिति 2-3 दिनों तक जारी रह सकती है. और, उसके बाद तापमान वापस बढ़ेगा.

दिल्ली की शिक्षा मंत्री आतिशी ने घोषणा की है, कि ठंड को देखते हुए दिल्ली में नर्सरी से पांचवी तक के छात्रों के लिए स्कूल अगले 5 दिनों - 8 जनवरी से 13 जनवरी - तक बंद रहेंगे.

ये भी पढ़ें - कमबख़्त कोहरा पड़ता क्यों है? ये है क्या बला?

विभाग ने चेताया कि 8-10 जनवरी के दौरान उत्तर-पश्चिम और मध्य भारत (राजस्थान और पश्चिमी मध्यप्रदेश) में बारिश या ओलावृष्टि हो सकती है. 9 और 10 जनवरी को पूरे हिमाचल प्रदेश में बारिश और बर्फबारी का अनुमान है. उत्तर पश्चिम भारत में अगले दो दिनों तक घना से बहुत घना कोहरा रहेगा और उसके बाद धीरे-धीरे कमी आएगी.

तमिलनाडु और केरल के लिए भारी बारिश का अलर्ट जारी किया गया है. दोनों राज्यों में अगले 3-5 दिनों में भारी बारिश की आशंका है.

रविवार, 7 जनवरी को पंजाब, हरियाणा-चंडीगढ़, उत्तर प्रदेश, पूर्वी राजस्थान के कुछ हिस्सों में रात और सुबह कुछ घंटों के लिए घना कोहरा रहा.

ये भी पढ़ें - ठंड लगती क्यों है और ठंड लगने पर आप कांपते क्यों हैं?

मौसम विशेषज्ञों के अनुसार, 8 जनवरी से उत्तर पश्चिम भारत को एक और ताजा पश्चिमी विक्षोभ प्रभावित कर सकता है. दरअसल, भूमध्य सागर या कैस्पियन सागर में एक तरह का तूफ़ान उठता है. इससे एक लो-प्रेशर क्षेत्र बनता है और इस प्रोसेस को पश्चिमी विक्षोभ (western disturbance) कहते हैं. इसी की वजह से उत्तर-पश्चिम भारत की सर्दियों में बारिश-बर्फ़बारी होती है, कोहरा पड़ता है. पश्चिम से आता है, पूर्व की ओर बढ़ता है. पूर्व में तो बांग्लादेश के उत्तरी हिस्से और दक्षिण-पूर्वी नेपाल तक फैल सकता है.

Comments
thumbnail

Advertisement

Advertisement