कोचिंग उद्योग से सरकार को मिलता है '5500 करोड़' का टैक्स, मगर सुरक्षा का हाल डराने वाला
राज्यसभा में शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान से कुल चार सवाल पूछे गए थे. उन्हीं के जवाब से ये जानकारी निकली है, कि वित्त वर्ष 2023-24 में प्रमुख कोचिंग संस्थानों ने 5,517.5 करोड़ रुपये का टैक्स भरा है.
शनिवार, 27 जुलाई को दिल्ली के Rau's IAS Study Circle की बेसमेंट लाइब्रेरी में बारिश के पानी घुस जाने से तीन छात्र घुटकर मर गए. श्रेया यादव, तान्या सोनी और नेविन डाल्विन की मौत के बाद से कोचिंग संस्थाएं सुरक्षा और मेनटेनेंस को लेकर सवालों के घेरे में हैं. इस बीच राज्यसभा के एक दस्तावेज़ ने ध्यान खींचा है. दस्तावेज़, जिससे ये पता चला है कि कोचिंग उद्योग ने बस एक साल में 5,517.5 करोड़ रुपये का टैक्स भरा है.
कितना टैक्स भरते हैं कोचिंग वाले?बीती 24 जुलाई को राज्यसभा में एक सवाल के जवाब से ये जानकारी निकली है. शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान से कुल चार सवाल पूछे गए थे:
- क्या प्राइवेट ट्यूशन और कोचिंग सेंटर्स से छात्रों की निर्भरता कम करने के लिए क़दम उठाए गए हैं? इन उपायों का ब्यौरा और परिणाम क्या रहा?
- क्या मंत्रालय के पास कोचिंग उद्योग के वर्तमान बाज़ार राजस्व का ब्यौरा है?
- क्या सरकार ने देश के प्रमुख कोचिंग सेंटर्स पर डेटा इकट्ठा किया है?
- क्या सरकार पिछले पांच सालों में कोचिंग सेंटर्स, प्राइवेट ट्यूशन सेंटर्स और डिस्टेंस एजुकेशन में काम कर रहे संस्थानों से निकले राजस्व (GST) का डेटा देगी?
सरकार ने सारे सवालों का जवाब एक ही में गूथ कर दे दिया. पहले तो राष्ट्रीय शिक्षा नीति, 2020 के तहत आए नए बदलावों का हवाला दिया, कि कैसे वो छात्रों की समझ बढ़ाते हैं और रेगुलर शिक्षा प्रणाली से बेहतर हैं. PARAKH (परफ़ॉर्मेंस असेसमेंट, रिव्यू, ऐनालिसिस ऑफ़ नॉलेज फ़ॉर होलिस्टिक डिवेलपमेंट) और SATHEE जैसे नए सिस्टम्स और पोर्टल्स का ज़िक्र किया गया. इन्हें 21वीं सदी की बनती-बिगड़ती मांगों और CUET, JEE, NEET जैसी परीक्षाओं के अनुकूल बताया गया है.
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इसके बाद कोचिंग्स को लेकर सरकार ने कुछ मसलों को हाई-लाइट किया है. मसलन, अनियमित प्राइवेट कोचिंग सेंटर्स की बढ़ती संख्या, ऐसी कोचिंग्स का अत्यधिक फीस वसूलना, छात्रों पर अनावश्यक दबाव बनाना, जिससे मानसिक व्यथा और आत्महत्या तक की नौबत आ जाती है.
16 जनवरी, 2024 को शिक्षा मंत्रालय ने राज्यों और UT को दिशा-निर्देश जारी किए थे, कि वो कोचिंग सेंटर्स के विनियमित करने के लिए उचित क़ानूनी ढांचा बनाएं. शिक्षा समवर्ती सूची में है, इसलिए राज्य और केंद्र शासित प्रदेश की सरकारों को आगे की कार्रवाई करनी चाहिए.
इसके ठीक बाद वित्त मंत्रालय के राजस्व विभाग के बकौल कोचिंग संस्थानों के GST रिकॉर्ड का ब्यौरा लगाया गया है. इसी में ये जानकारी आई है कि वित्त वर्ष 2023-24 में प्रमुख कोचिंग संस्थानों ने 5,517.5 करोड़ टैक्स चुकाया है.
दिल्ली में कुल कितने कोचिंग संस्थान हैं?
बिहार, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश और देश के अलग-अलग हिस्सों से लाखों छात्र दिल्ली आते हैं. राजेंद्र नगर और मुखर्जी नगर जैसे अड्डों में सालो-साल रहते हैं.
पिछले साल के जून में मुखर्जी नगर की एक कोचिंग में आग लग गई थी. इस घटना पर दिल्ली हाई कोर्ट ने संज्ञान लिया था. दिल्ली पुलिस ने कोर्ट में जो रिपोर्ट सौंपी थी, उसमें बताया गया था कि दिल्ली में 583 कोचिंग संस्थान चल रहे हैं. रिपोर्ट के अनुसार, इन 583 कोचिंग संस्थानों में से केवल 67 के पास ही अग्नि सुरक्षा प्रमाण पत्र हैं. माने मात्र 11 फीसदी.
कोचिंग संस्थानों का बाज़ार कितना बड़ा है?
इंडिया टुडे की डॉली चिंगाखम ने अपनी रिपोर्ट में छापा है कि भारत में कोचिंग उद्योग 58,088 करोड़ रुपयों का है. इनमें सिविल सेवा की परीक्षा के लिए तैयारी करवाने वाली कोचिंग्स का योगदान 3,000 करोड़ रुपये है.
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