बिहार: रक्षाबंधन की छुट्टी रद्द होने पर भड़का टीचर सस्पेंड, अब सरकार ने उठाया नया कदम
टीचर ने कहा था, "काला चश्मा उतारकर देखिए कि बिहार में जितनी बहनें हैं वो आपके विरुद्ध में शंखनाद करने के लिए जा रही हैं."
बिहार सरकार ने 29 अगस्त को सितंबर से दिसंबर के बीच मिलने वाली छुट्टियों की संख्या 23 से घटाकर 11 की थी. इसमें राखी की छुट्टी भी शामिल थी. सरकार के इस फैसले का बिहार में टीचर्स ने विरोध शुरू किया. इसी बीच एक सरकारी टीचर का राखी बंधवाने का वीडियो वायरल हुआ (Bihar teacher viral video). जिसमें टीचर की बहन स्कूल में आकर उन्हें राखी बांध रही थी और रो रही थी. इससे आहत टीचर बिहार शिक्षा विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव केके पाठक की आलोचना कर रहे थे. वीडियो वायरल होने के बाद टीचर को सस्पेंड कर दिया गया था. अब खबर है कि 4 सितंबर को सरकार ने छुट्टियां रद्द करने के फैसले को वापस ले लिया है.
आजतक से जुड़े रोहित सिंह की रिपोर्ट के मुताबिक टीचर का नाम सुनील कुमार है. वो बिहार के खगड़िया जिले के मथुरापुर स्कूल में पढ़ाते हैं. उनकी बहन 31 अगस्त को उन्हें राखी बांधने भागलपुर से खगड़िया (करीब 90 किमी) आई थीं. बाद में इसकी भड़ास टीचर ने वीडियो के जरिए विभाग के अधिकारियों पर निकाली.
31 अगस्त को बिहार शिक्षक मंच के ट्विटर पेज पर उनकी भड़ास का वीडियो शेयर किया गया. उसके साथ लिखा था,
“बिहार में नियोजित शिक्षकों का रक्षाबंधन की छुट्टी रद्द होने के बाद एक शिक्षक की बहन रोती हुई भागलपुर से खगड़िया के मथुरापुर विद्यालय पहुंची. अपने भाई को बांधी राखी, शिक्षक भाई ने निकाली भड़ास."
वहीं वीडियो में आप टीचर को ये कहते हुए सुन सकते हैं,
“खगड़िया जिले के मथुरापुर विद्यालय से हूं, और श्रीमान केके पाठक जी से ऐसा कहना है कि आप में वो हिम्मत नहीं, जो भाई बहन के रिश्ते और अटूट प्यार को तोड़ सकते हैं. मेरी बहन रक्षाबंधन के पवित्र दिन भागलपुर से स्कूल आई है. अपने भाई की लंबी उम्र और सुरक्षा की दुआ मांगने के लिए. आप सभी देखिए, लग रहा है केके पाठक महोदय आपको मोतियाबिंद हो गया है. काला चश्मा उतारकर देखिए कि बिहार में जितनी बहनें हैं वो आपके विरुद्ध में शंखनाद करने के लिए जा रही हैं. अभी समय है कि आप होश में आ जांए. आपके परिवार में सदस्य नहीं हैं. अगर होते तो आप छुट्टी रद्द करने का पत्र जारी नहीं करते.”
उन्होंने आगे कहा कि केके पाठक ने भाई बहन के रिश्ते को शर्मसार कर दिया है. सरकारी आदेश में केके पाठक ने लिखा था कि टीचर्स 220 दिन स्कूलों में पढ़ाते हैं, लेकिन सुनील का कहना है कि टीचर्स 253 दिन पढ़ाते हैं. बोले कि केके पाठक की गणित भी ‘खराब’ है. उनको किसने बिहार का प्रधान सचिव बना दिया है. उनको शर्म आनी चाहिए. चुल्लू भर पानी में डूबकर मर जाना चाहिए.
इसके बाद एक सितंबर को जारी आधिकारिक आदेश में कहा गया कि सुनील कुमार को उनके कर्तव्यों से निलंबित कर दिया गया है. साथ ही उच्च अधिकारियों के प्रति अशोभनीय और आपत्तिजनक बयान देने पर शिक्षक को विभागीय कार्रवाई का भी सामना करना है. नोटिस में यह भी लिखा है कि उनका वेतन भुगतान तत्काल प्रभाव से रोक दिया जाएगा.
हालांकि इस सबके बीच बिहार सरकार के शिक्षा विभाग ने 4 सितंबर को छुट्टियां रद्द करने के फैसले को वापस ले लिया.
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