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Covishield के बाद अब Covaxin बनाने वाली कंपनी ने साइड इफेक्ट्स पर बड़ी जानकारी दी

Covishield को लेकर हो रहे विवाद के बीच Covaxin की निर्माता कंपनी का कहना है कि इसे पूरी तरह से सुरक्षित होने के उद्देश्य के साथ विकसित किया गया था.

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bharat biotech covaxin statement on side effects covid 19 corona vaccine Covishield
Covaxin की निर्माता कंपनी Bharat Biotech की तरफ से बयान आया है. (फाइल फोटो)
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2 मई 2024 (Updated: 2 मई 2024, 19:46 IST)
Updated: 2 मई 2024 19:46 IST
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ब्रिटिश फार्मा कंपनी एस्ट्राजेनेका की कोविड-19 वैक्सीन पर बहस थमी नहीं कि दूसरी कोविड-19 वैक्सीन कोवैक्सीन (Covaxin) को लेकर जरूरी जानकारी सामने आई है. कोवैक्सीन की निर्माता कंपनी भारत बायोटेक (Bharat Biotech Covaxin) की तरफ से कहा गया है कि यह वैक्सीन पूरी तरह से सुरक्षित है.

एक बयान में निर्माताओं की तरफ से कहा गया है कि वैक्सीन को सिर्फ एक उद्देश्य के साथ विकसित किया गया था कि यह पूरी तरह से सुरक्षित साबित हो. इसके बाद इसकी एफिशिएसी यानी क्षमता पर फोकस किया गया था. यह भी कहा गया है कि कोवैक्सीन एकमात्र ऐसी वैक्सीन थी, जो भारत सरकार के एफिशिएसी से जुड़े टीकाकरण प्रोग्राम में शामिल थी.

बयान में आगे कहा गया है कि लाइसेंस प्रक्रिया के दौरान कोवैक्सीन का 27 हजार से अधिक लोगों में मूल्यांकन किया गया था. भारत सरकार के स्वास्थ्य मंत्रालय ने भी कोवैक्सीन के सुरक्षित होने का मूल्यांकन किया था. वहीं, कोवैक्सीन की लाइफ साइकल के दौरान सेफ्टी मॉनिटरिंग प्रोग्राम को भी जारी रखा गया था.

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बयान में कहा गया है कि इन सभी अध्ययनों में यह सामने आया कि कोवैक्सीन का सेफ्टी रिकॉर्ड बहुत अच्छा है. वैक्सीन से खून के थक्के जमना, थ्रोम्बोसिस विथ थ्रोम्बोसायटोपीनिया सिन्ड्रोम (TTS), पेरिकार्डिटिस, VITT इत्यादि जैसे साइड इफेक्ट्स नहीं हुए हैं.

भारत बायोटेक की तरफ से आगे कहा गया है कि वैक्सीन को विकसित करने वाली टीम को भली भांति पता था कि भले ही वैक्सीन की एफिसिएसी कम समय के लिए हो, लेकिन लोगों पर इसकी सेफ्टी का असर ताउम्र पड़ सकता है.

इससे पहले, एस्ट्राजेनेका ने स्वीकारा था कि उसकी कोविड-19 वैक्सीन से कुछ मामलों में TTS हो सकता है. कंपनी ने ये बात यूके में एक अदालती सुनवाई के दौरान स्वीकारी थी. एस्ट्राजेनेका के खिलाफ पहला केस जेमी स्कॉट नाम के व्यक्ति ने दर्ज करवाया था. अप्रैल 2021 में एस्ट्राजेनेका की वैक्सीन लेने के बाद वे स्थायी रूप से ब्रेन इंजरी का शिकार हो गए थे. वैक्सीन लेने के बाद वो काम नहीं कर पाए. जेमी की हालत ऐसी थी कि अस्पताल ने उस दौरान उनकी पत्नी को तीन बार कॉल करके बताया कि उनके पति मरने वाले हैं.

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यूके हाई कोर्ट में कंपनी के खिलाफ 51 केस दर्ज हैं. पीड़ित परिवार वाले कंपनी से करीब 1000 करोड़ रुपये (100 मिलियन पाउंड) मुआवजे की मांग कर रहे हैं. इससे पहले, मई 2023 में एस्ट्राजेनेका ने कहा था कि वैक्सीन के कारण सामान्य तौर पर TTS होने की बात को वो नहीं स्वीकारती है. हालांकि, बाद में कंपनी ने कहा कि कुछ दुर्लभ मामलों में ऐसा हो सकता है.

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