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तय हो गया कि प्राण-प्रतिष्ठा में कौन सी मूर्ति लगेगी! आज से 22 तक क्या-क्या होना है, जान लीजिए

मंगलवार, 16 जनवरी से मूर्ति की प्राण-प्रतिष्ठा का अनुष्ठान शुरू हो जाएगा और 21 जनवरी तक चलता रहेगा.

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51 इंच की मूर्ति है और इसका वज़न 150 से 200 किलो के बीच है. (फ़ोटो - सोशल मीडिया)
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सोम शेखर
16 जनवरी 2024 (Published: 08:02 IST)
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अयोध्या में नए राम मंदिर में कौन-सी मूर्ति लगेगी? इसे लेकर अटकले थीं, क़यास थे. अब ये फ़ाइनल हो गया है. मैसूर के मूर्तिकार अरुण योगीराज ने 'कृष्ण शिला' पर जो श्याम रंग की मूर्ति बनाई थी, उसे ही गर्भ गृह में स्थापना के लिए चुना गया है. राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय ने बताया कि ट्रस्ट के कुल 15 सदस्यों में से 11 ने इसी मूर्ति को चुना है. मंगलवार, 16 जनवरी से मूर्ति की प्राण-प्रतिष्ठा का अनुष्ठान शुरू हो जाएगा और 21 जनवरी तक चलता रहेगा. प्रतिमा 18 जनवरी को गर्भगृह में रखी जाएगी. पिछले 70 सालों से जो मूर्ति पूजी जा रही है, उसे भी गर्भगृह में ही रखा जाएगा.

आज से 22 तक क्या-क्या होना है?

चंपत राय ने बताया कि 22 जनवरी को न्यूनतम विधियों की ज़रूरत होगी. सारा प्रोग्राम उससे पहले ही निपटा दिया जाएगा. प्राण-प्रतिष्ठा में कुल 12 अधिवास होंगे. अधिवास मतलब मूर्ति को वहां रखा जाएगा. मसलन, जलाधिवास यानी मूर्ति को एक रात के लिए पानी में रखा जाएगा.

  • 16 जनवरी - प्रायश्चित, कर्मकुटी पूजन
  • 17 जनवरी - मूर्ति का परिसर प्रवेश
  • 18 जनवरी - तीर्थपूजन और जलयात्रा. जलाधिवास, फिर गंधाधिवास.
  • 19 जनवरी - फल अधिवास और धान्य अधिवास होगा. केसराधिवास और घृताधिवास भी.
  • 20 जनवरी - शर्कराधिवास, फलाधिवास, पुष्पाधिवास
  • 21 जनवरी - मध्याधिवास, सायंकाल शैय्याधिवास

ये सब तो पुजारी कर लेंगे. इसके बाद आएगा डी-डे. 22 तारीख़. चंपत राय ने बताया कि प्राण-प्रतिष्ठा का मुहूर्त काशी के वैदिक आचार्य गणेश्वर शास्त्री द्रविड़ ने तय किया है. इस दिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मौजूदगी में 12:20 बजे प्राण प्रतिष्ठा का मुख्य अनुष्ठान शुरू होगा. ये पूजा करीब 40 मिनट तक चलेगी. 40 मिनट की पूजा के बाद क़रीब 75 मिनट PM मोदी, CM योगी और संघ प्रमुख मोहन भागवत संदेश देंगे.

ये भी पढ़ें - जो मूर्ति चुनी गई है, उसके बारे में जान लीजिए

परिसर में आठ हज़ार कुर्सियां लगाई जा रही हैं. महोत्सव में 150 से अधिक परंपराओं के संत-धर्माचार्य आ रहे हैं. साथ ही 50 से ज़्यादा आदिवासी, गिरिवासी, तटवासी, द्वीपवासी और जनजातीय लोगों की भी उपस्थिति होगी. मंदिर निर्माण से जुड़े इंजीनियर ग्रुप के साथ 500 से ज़्यादा लोग भी इस कार्यक्रम में शामिल होंगे.

वीडियो: मुस्लिम महिलाओं ने अयोध्या में बन रहे राम मंदिर पर क्या कहा?

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