The Lallantop
Advertisement
  • Home
  • News
  • albert einstein letter to fran...

अल्बर्ट आइंस्टीन की लिखी चिट्ठी की कीमत 33,00,00,000 रुपये! ऐसा क्या लिख दिया था?

अल्बर्ट आइंस्टीन का एक पत्र नीलाम होने वाला है. अमेरिकी राष्ट्रपति फ़्रैंक डी रूज़वल्ट को लिखा एक पत्र, जिसमें इतिहास की एक बहुत ज़रूरी घटना दर्ज है. और, बोली कितने से शुरू होगी? 33 करोड़ से!

Advertisement
albert Einstein letter
सैद्धांतिक भौतिक विज्ञानी अल्बर्ट आइंस्टीन. (फ़ोटो - आर्काइव)
pic
सोम शेखर
26 जून 2024 (Published: 17:19 IST)
font-size
Small
Medium
Large
font-size
Small
Medium
Large
whatsapp share

फ़राह ख़ान की पिक्चर 'ओम शांति ओम' के बहुत घिसे हुए डायलॉग से प्रेरणा लेते-लेते क्या कभी सोचा है, एक पन्ने की क़ीमत कितनी हो सकती है रमेश बाबू? पेड़ काटकर पन्ने बनाने वाली मानव सभ्यता ये क़ीमत कभी समझेगी नहीं, वक़्त आने पर चुकाएगी. लेकिन इस दुनिया में पन्ने की क़ीमत इस बात से तय होती है कि उस पर लिखा क्या है, और किसने लिखा. अल्बर्ट आइंस्टीन का एक पत्र नीलाम होने वाला है. अमेरिकी राष्ट्रपति फ़्रैंक डी रूज़वल्ट को लिखा एक पत्र, जिसमें इतिहास की एक बहुत ज़रूरी घटना दर्ज है. और, बोली कितने से शुरू होगी? 33 करोड़ से!

आइंस्टीन ने अपने पत्र में क्या लिखा था?

1939. पूरा यूरोप युद्ध से ग्रस्त था. अमेरिका के कुछ वैज्ञानिकों को ख़बर मिली कि जर्मनी ने कुछ नई वैज्ञानिक खोजें की हैं और इसके आधार पर वो परमाणु बम बना सकते हैं. चिंता में उन्होंने अल्बर्ट आइंस्टीन से कहा कि वो राष्ट्रपति फ़्रैंक डी रूज़वेल्ट को एक पत्र लिखें, क्योंकि आइंस्टीन का एक रुतबा था. उनकी बात को गंभीरता से लिया जाता था.

आइंस्टीन युद्ध के विरुद्ध थे. सो उन्होंने वैज्ञानिक लियो सिज़लार्ड के साथ मिल कर रूज़वेल्ट को चिट्ठी लिखी. इसमें उन्होंने अव्वल तो चेतावनी दी थी कि जर्मनी परमाणु बम विकसित कर सकता है, और इसीलिए अमेरिका को भी अपना परमाणु प्रोग्राम शुरू कर देना चाहिए.

2 अगस्त, 1939 की तारीख़ के इस पत्र में लिखा था:

पिछले चार महीनों के दौरान - फ्रांस में जोलियट और अमेरिका में फर्मी और सिज़लार्ड के काम के ज़रिए - यूरेनियम में चेन न्यूक्लियर रिऐक्शन करवाना संभव हो गया है. इससे बड़ी मात्रा में बिजली और नए रेडियम जैसे तत्व पैदा किए जा सकेंगे... लेकिन ये घटना बम बनाने की दिशा में ले जाई जा सकती है. अगर इससे बम बनाया जाए और ये बम किसी बंदरगाह पर गिरा दिया जाए, तो आसपास का पूरा इलाक़ा नीस्त-ओ-नाबूद हो जाएगा.

मैं जानता हूं कि जर्मनी ने चेकोस्लोवाकिया की खदानों से यूरेनियम बेचना बंद कर दिया है. ऐसा शायद इसलिए हुआ है कि जर्मन अंडर-सेक्रेटरी ऑफ़ स्टेट, वॉन वीज़सेकर का बेटा बर्लिन में कैसर-विल्हेम इंस्टीट्यूट में काम कर रहा है. यहां वो यूरेनियम में हुआ शोध दोहरा रहे हैं.

रूज़वेल्ट ने फ़ौरन ऐक्शन लिया. उन्होंने जांच के लिए एक ग्रुप शुरू किया, जो आगे चलकर 'मैनहट्टन प्रोजेक्ट' बना. क्रिस्टोफ़र नोलन की फ़िल्म 'ओपेनहाइमर' में इसी प्रोजेक्ट और प्रोजेक्ट के पीछे के लोगों की कहानी है.

गार्डियन की एक रिपोर्ट के मुताबिक़, आइंस्टीन के पत्र के दो संस्करण हैं. एक तो ओरिजनल, जो रूज़वेल्ट लाइब्रेरी में है. और दूसरा, छोटा संस्करण, जो सिज़लार्ड ने रख लिया था. अब इसे बेचा जा रहा है. सितंबर में इसकी नीलामी होनी है, और इस दो-पन्ने के टाइप्ड पत्र के लिए कम से कम $4 मिलियन (33.43 करोड़ रुपये) की बोली लगेगी.

ये भी पढ़ें - पिकासो की पेंटिंग 'Woman with a watch' को एक शख्स ने 1157 करोड़ रुपये में खरीद लिया!

भले ही ये पत्र बहुत ज़्यादा में नीलाम हो रहा है, लेकिन आइंस्टीन के नाम इससे बड़ा रिकॉर्ड है. 2021 में आइंस्टीन की थियरी ऑफ़ रियालिटी सिद्धांत के कुछ दुर्लभ दस्तावेज़ों की नीलामी हुई थी. ये दस्तावेज़ $13 मिलियन (108 करोड़ रुपये) में बिके थे. हालांकि, पत्रों के मामले में ये आइंस्टीन का नया रिकॉर्ड होगा. साल 2018 में उनका एक पत्र 23.5 करोड़ में बिका था, जिसमें उन्होंने ईश्वर और धर्म के बारे में बात की थी.

वीडियो: तारीख: जब जर्मन फ़ौज ने देखा ‘असली’ कैप्टन अमेरिका!

Comments
thumbnail

Advertisement

Advertisement