इस बार के उत्तर प्रदेश चुनाव में बुलडोजर की खूब चर्चा हुई. बुलडोजर यूपी की कानूनव्यवस्था का प्रतीक बना दिया गया. आलम ये हो गया कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को'बुलडोजर बाबा' कहा जाने लगा. चुनाव में बीजेपी की बंपर जीत के बात नेताओं,कार्यकर्ताओं और समर्थकों ने बुलडोजर रैलियां निकालीं. चुनाव प्रचार के दौरान योगीआदित्यनाथ ने भी बार-बार कहा कि यूपी में अपराधियों को सरकार के बुलडोजर का खौफ होगया है. योगी आदित्यनाथ ने कहा कि उनकी सरकार ने चुन-चुनकर अपराधियों के खिलाफबुलडोजर से कार्रवाई की और आगे भी ये कार्रवाई जारी रहेगी.लगातार चल रहा बुलडोजरदूसरी बार यूपी के मुख्यमंत्री पद की शपथ लेने के बाद योगी आदित्यनाथ की सरकार कीबुलडोजर कार्रवाई जारी है. बीते तीन से चार दिनों में राज्य के अलग-अलग हिस्सों मेंबुलडोजर चलने की खबरें आई हैं. बीती तीन अप्रैल को लखनऊ में इंस्पेक्टर जगत नारायणसिंह के तीन मंजिला घर को बुलडोजर से ढहा दिया गया. जगत नारायण सिंह वही पुलिसकर्मीहैं जिन पर कानपुर के व्यापारी मनीष गुप्ता की हत्या का आरोप है.इससे पहले दो अप्रैल को प्रयागराज विकास प्राधिकरण ने बड़ी कार्रवाई करते हुए 150बीघा में फैली प्लॉटिंग को ध्वस्त कर दिया था. धूमगंज और कौशांबी में ये कार्रवाईहुई. प्रशासन की तरफ से प्लॉटिंग को अवैध बताया गया.चुनाव प्रचार के दौरान यूपी सीएम योगी आदित्यनाथ ने कहा था कि वो अपराधियों केखिलाफ बुलडोजर कार्रवाई जारी रखेंगे. (फोटो- ट्विटर/Yogi Adityanath)इसी तरह से नोएडा के सेक्टर 134 और 135 स्थित डूब क्षेत्र में बने एक फार्म हाउस परबुलडोजर चला. प्रशासन की तरफ से बताया गया कि जिस इलाके में ये फार्म हाउस बना था,वहां किसी भी तरह का निर्माण अवैध है. अधिकारियों ने कहा कि भू-माफिया अवैधप्लॉटिंग के जरिए जमीन बेच देते हैं जिसके बाद वहां अवैध निर्माण हो जाता है.बुलडोजर चलाने की कार्रवाई सहारनपुर में भी हुई. इंडिया टुडे से जुड़े तनसीम हैदरकी रिपोर्ट के मुताबिक, सहारनपुर के थान चिकलाना क्षेत्र के गांव चालकपुर मेंगैंगरेप के आरोपियों के घर पुलिस ने बुलडोजर चला दिया. चालकपुर में एक सप्ताह पहलेएक नाबालिग के साथ गैंगरेप हुआ था. इसी तरह चंदौली में भी सरकारी जमीन पर बने एकअवैध मकान को ध्वस्त कर दिया गया था. अलग-अलग मामलों के आरोपियों की संपत्तियों परबुलडोडर चलने की खबरें और भी जगहों से आईं. मसलन एटा, कासगंज, गोरखपुर और महाराजगंजमें भी बुलडोजर चले.बुलडोजर कार्रवाई की पूरी प्रक्रियाइन कार्रवाइयों के बीच एक बार फिर से सवाल उठा कि आखिर बुलडोजर की ये सारी कार्रवाईहोती कैसे है? कौन इसका आदेश देता है? क्या आरोपी को पहले से इस तरह की कार्रवाई केबारे में बताया जाता है? और सबसे जरूरी बात कि केवल आरोप लग जाने पर ही बुलडोजरकार्रवाई करना जायज है?इन सवालों के जवाब के लिए हमने उत्तर प्रदेश के एक प्रशासनिक अधिकारी से बात की.नाम ना छापने की शर्त पर उन्होंने एक के बाद एक हमारे सवालों के जवाब दिए. अधिकारीने बताया कि बुलडोजर से संपत्ति ढहाने की कार्रवाई 'उत्तर प्रदेश अर्बन प्लानिंगएंड डेवलपमेंट एक्ट 1973' के तहत होती है. अधिकारी ने हमें बताया, इस कानून में एकधारा है, जिसे धारा 27 कहा जाता है. इसके तहत ही प्रशासन को अवैध संपत्तियों कोढहाने का अधिकार मिला हुआ है. इस संबंध में विकास प्राधिकरण के चेयरमैन और वाइसचेयरमैन नोटिस जारी कर सकते हैं. राजस्व विभाग के अधिकारी इसमें उनकी मदद करते हैं.उत्तर प्रदेश अर्बन प्लानिंग एंड डेवलपमेंट एक्ट की धारा 27. (फोटो: जनाग्रह)इस एक्ट के मुताबिक, अगर संपत्ति गिराने का अंतिम आदेश जारी हो चुका है, तो प्रशासनको अधिकतम 40 दिनों के अंदर संपत्ति को गिराना होगा. एक्ट ये भी कहता है कि संपत्तिगिराने का आदेश उस संपत्ति के मालिक को अपना पक्ष रखने का एक अच्छा मौका दिए बिनाजारी नहीं किया जा सकता. यही नहीं, आदेश जारी होने के 30 दिनों के भीतर संपत्ति कामालिक आदेश के खिलाफ चेयरमैन से अपील कर सकता है. चेयरमैन उस अपील पर सुनवाई के बादआदेश में संशोधन कर सकते हैं या फिर उसे रद्द भी कर सकते हैं. एक्ट में ये भी लिखाहै कि चेयरमैन का फैसला ही अंतिम होगा और उसे किसी अदालत में चैलेंज नहीं किया जासकेगा.आरोपी होने भर पर कार्रवाई?अब इस सवाल पर आते हैं कि क्या केवल आरोपी होने पर किसी की संपत्ति पर बुलडोजर चलादेना जायज है. मसलन, क्या हत्या के आरोपी के मकान को ढहा देना सही कहा जाएगा? औरअगर कोई आरोपी बाद में निर्दोष साबित हो गया तो क्या होगा?सीएम योगी का बुलडोजर भेंट करते उनके समर्थक. (तस्वीर- पीटीआई)इन सवालों के जवाब भी हमें प्रशासनिक अधिकारी से मिले. उन्होंने बताया कि जघन्यअपराधों के आरोपियों के दूसरी गैरकानूनी गतिविधियों में शामिल होने की आशंका होतीहै. ऐसे में उनके ऊपर समग्र कार्रवाई की जाती है. अधिकारी ने बताया, "प्रशासनआरोपियों की पूरी डिटेल खंगालता है. मान लीजिए कि कोई व्यक्ति हत्या या बलात्कार काआरोपी है. ऐसे में उसकी पूरी जानकारी निकाली जाती है. अगर पता चलता है कि उसने कोईअवैध निर्माण करा रखा है, तो उसकी संपत्ति पर बुलडोजर चलाया जाता है. ऐसे ही और भीजानकारियां निकाली जाती हैं. मान लीजिए कि उस आरोपी ने कोई फर्जी डिग्री हासिल कररखी है, तो इस मामले में भी एक्शन लिया जाएगा." अधिकारी के मुताबिक इस तरह कीकार्रवाई सांकेतिक होती है. समाज में एक संदेश देने के लिए. संदेश ये कि सरकार औरप्रशासन कानून व्यवस्था को लेकर गंभीर है. अपराध के प्रति उनका रुख कड़ा है.हालांकि बुलडोजर से संपत्ति गिराने की कार्रवाई तब ही होती है, जब ये सुनिश्चित करलिया जाता है कि निर्माण अवैध है. इस तरह की कार्रवाई का मुख्य मामले से संबंध नहींहोता. उसकी सुनवाई अलग चलती है.