The Lallantop
X
Advertisement

निक्की हेली कौन हैं जो डोनाल्ड ट्रंप को उन्हीं की पार्टी में रहकर टक्कर दे रही हैं

Nikki Haley का भारत से भी कनेक्शन है. उन्होंने कहा, वो Donald Trump से हारी नहीं हैं. लड़ाई अभी लंबी है.

Advertisement
nikki haley
हेली ने कहा - नतीजा जो भी, लड़ाई चलती रहेगी. (फ़ोटो - गेटी)
24 जनवरी 2024 (Updated: 24 जनवरी 2024, 17:06 IST)
font-size
Small
Medium
Large
whatsapp share

पूर्व-राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप (Donald Trump) राष्ट्रपति नामांकन के एक पायदान और क़रीब पहुंच गए हैं. बुधवार, 24 जनवरी को ख़बर आई कि न्यू हैम्पशायर के प्राथमिक चुनावों में उन्होंने अपनी पार्टी की निक्की हेली (Nikki Haley) को हरा दिया है.

ट्रंप ने न्यू हैम्पशायर में रिपब्लिकन पार्टी के तीन भीतरी चुनाव (प्राइमरीज़) जीते हैं. हालांकि, उन्होंने कभी वहां से आम चुनाव नहीं जीते. 2016 में हिलेरी क्लिंटन से हार गए थे और 2020 में जो बाइडन से.

उधर, हेली ने अपना कैम्पेन जारी रखने का संकल्प लिया है. उन्होंने भीड़ से कहा,

"ये दौड़ अभी ख़त्म नहीं हुई है. मैं एक लड़ाकी हूं और अब हम ही डोनाल्ड ट्रंप के ख़िलाफ़ में खड़े आख़िरी लोग हैं."

अमेरिका की 'पैसा बांटो-वर्चस्व बढ़ाओ योजना' की आलोचना करने वाली, विदेश नीति बदलने का दावा करने वाली निक्की हेली हार गई हैं. लेकिन उन्होंने साउथ कारोलिना को अपना अगला पड़ाव बताया है. फिर चुनाव लड़ेंगी.

कौन हैं निक्की हेली?

साल 1969 में पंजाब से अजित और राज रंधावा अमेरिका के साउथ कैरोलाइना पहुंचे. 1972 में रंधावा दंपत्ति के घर एक बच्ची पैदा हुई. नाम रखा, निमरत निक्की रंधावा. निक्की की पूरी पढ़ाई-लिखाई साउथ कैरोलाइना में ही हुई. तब तक उनके घरवालों ने कपड़ों का बिज़नेस शुरू कर लिया था. ये बिज़नेस चल निकला. निक्की पढ़ाई के साथ-साथ फ़ैमिली बिजनेस में भी हाथ बंटाती थी. 1996 में उन्होंने माइकल हेली से शादी की. शादी के बाद निमरत निक्की रंधावा ने निक्की हेली नाम अपना लिया.

- क्विक फ़ैक्ट: उनका मिडिल नेम ज़्यादा चर्चा में रहा. लोग उन्हें निक्की नाम से पहचानते थे. ये नाम आगे चलकर उनके लिए परेशानी का सबब भी बना. दरअसल, 2018 में सोशल मीडिया पर चर्चा चली कि, उन्होंने 'वाइट अमेरिका' में आगे बढ़ने के लिए अपना असली नाम छिपाया. उस समय उन्हें बाक़ायदा सफ़ाई देनी पड़ी थी. बताना पड़ा कि बर्थ सर्टिफ़िकेट पर उनका नाम निक्की ही है. उन्होंने माइकल हेली से शादी की है. इसीलिए, निक्की हेली.

साल 2004 में निक्की पहली बार अमेरिका की लोकसभा 'हाउस ऑफ रिप्रेजेंटेटिव्स' (House of Representatives) की मेंबर बनीं. लगातार तीन बरस तक सदन में दाखिल हुईं. फिर 2010 में उन्होंने साउथ कैरोलाइना के गवर्नर का चुनाव जीता. 2014 में वो दूसरी बार गवर्नर बनीं. 2016 में उनका नाम अमेरिका की नेशनल पॉलिटिक्स में चर्चा में आया. उस बरस राष्ट्रपति चुनाव होने वाले थे.

अमेरिका की पॉलिटिक्स में दो पार्टियों का दबदबा है. हाथी के निशान वाली रिपब्लिकन और गधे के निशान वाली डेमोक्रेटिक पार्टी. रिपब्लिकन पार्टी में दो बड़े दावेदार थे, डोनाल्ड ट्रंप और टेड क्रूज़. निक्की हेली ने टेड क्रूज़ का समर्थन किया था. हेली, ट्रंप के नस्लभेदी बयानों का खुलकर विरोध करती थीं. हालांकि, ट्रंप जीत गए. राष्ट्रपति बन गए. चुनाव से पहले के विरोध के बावजूद ट्रंप ने हेली को अपनी टीम में जगह दी. हेली को यूएन में अमेरिका का राजदूत नियुक्त किया गया. वो इस पद पर अक्टूबर 2018 तक रहीं.

ये भी पढ़ें - US प्रेसिडेंट के दावेदार रामास्वामी कौन हैं, जिनका मस्क ने समर्थन कर ट्रंप को भी चौंकाया?

कुछ समय तक वो एविएशन कंपनी बोइंग के बोर्ड ऑफ़ डायरेक्टर्स का हिस्सा रहीं. फिर वो पॉलिटिक्स में वापस लौटीं. रिपब्लिकन पार्टी में होने के बावजूद उन्होंने कोरोना की अराजकता और कैपिटल हिल दंगों पर ट्रंप को लताड़ा था. इसको लेकर ट्रंप समर्थक उनसे नाराज़ भी हुए थे.

निक्की हेली राष्ट्रपति बन पाएंगी?

14 फरवरी 2023 को निक्की ने राष्ट्रपति पद के लिए अपनी दावेदारी पेश की. रिपब्लिकन पार्टी के भीतरी चुनाव के लिए अपना नाम रजिस्टर करवाया. उनका मुख्य मुकाबला डोनाल्ड ट्रंप से था, जो वो हार ही गईं.

हेली की राह पहले से ही मुश्किल बताई जा रही थी. एक सर्वे के मुताबिक़, ट्रंप को रिपब्लिकन पार्टी के 54 और डि सेंटिज को 24 प्रतिशत वोटर्स का समर्थन है.

ये भी पढ़ें - कर्पूरी ठाकुर को भारत रत्न देने का ऐलान, बेटे ने कहा 36 साल की तपस्या का फल

रिपब्लिकन पार्टी के इतिहास में कभी किसी महिला कैंडिडेट ने प्रेसिडेंशियल प्राइमरी नहीं जीती है. ये पार्टी रुढ़िवादी, कट्टर दक्षिणपंथी और श्वेत नस्ल की समर्थक मानी जाती है. निक्की हेली महिला हैं, एशियाई नस्ल की हैं और अश्वेत भी हैं. ट्रंप ने कैंडिडेसी की घोषणा से पहले उनके ऊपर ज़ुबानी हमला भी शुरू कर दिया था.

निक्की हेली को भारत-अमेरिका संबंधों का सबसे बड़ा पैरोकार भी माना जाता है. जानकारों का कहना है कि उनका राष्ट्रपति चुनाव लड़ना और उसमें सफल होना न सिर्फ ऐतिहासिक होगा, बल्कि ये भारत के हितों के लिए भी अच्छा होगा.

Comments
thumbnail

Advertisement

Advertisement