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कहीं दुल्हंडी, कहीं लड्डूमार, कहीं फूलों वाली... होली खेलने के इतने तरीक़े पहले ना सुने होंगे!

एक ऐसा त्योहार जिसे हर कोई अपनी-अपनी धुन में मग्न होकर मनाए

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सांकेतिक तस्वीर
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सोम शेखर
8 मार्च 2023 (Updated: 13 मार्च 2023, 11:18 IST)
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होली आ गई. महाराष्ट्र और बंगाल में होली 7 मार्च को मनी; बाक़ी देश में आज 8 मार्च को.

यानी होली खेलने का दिन तो मान-मुनव्वल से सहमत हो गया, लेकिन कैसे खेलें? इस पर सबका अपना तरीक़ा है. जित्ते लोग, उत्ते तरीक़े. यही है हिंदुस्तान. फ़ुल ऑन विविधता.

आपको होली खेलने की कुछ अलग-अलग विधाएं बताते हैं. फूल वाली होली और रंग-गुलाल वाली होली के अलावा.

लठमार होली

मुमकिन है, आपने इसके बारे में सुना होगा. लठमार होली का उत्साह अलग ही है. मथुरा के पास, बरसाने और नंदगांव में खेली जाती है. महिलाएं लठ बजाती हैं और पुरुष बचते हैं. जो नहीं बच पाते, वो पा भी जाते हैं. मान्यता है कि ये राधा-कृष्ण के प्रेम का प्रतीक है. लाठी मारना कौन सा प्रेम है?

मान्यता के ही मुताबिक कहानी ये है कि नंदगांव वासी कृष्ण अपनी प्रेमिका राधा से मिलने जाते हैं, जो बरसाना में रहती हैं. मिथकों-कथाओं में कृष्ण बड़े नटखट और ख़ुराफ़ाती टाइप बताए गए हैं. उन्होंने राधा की सखियों को किसी बात पर छेड़ दिया, जिसके जवाब में गोपियों ने लाठी चार्ज कर दिया. मतलब, लिट्रली नहीं. नटखट कृष्ण की बदमाशी के जवाब में.

इस मान्यता को बरसाना-नंदगांव वालों ने दिल से लगा लिया. और, आज तक ये रवायत चली आ रही है.

लड्डूमार होली

'खेलना भी.. खाना भी..' इसी स्कीम के तहत इस होली का आविष्कार हुआ होगा. लेकिन इसका असर अल्लु अर्जुन और यश की तरह पैन-इंडिया नहीं है. एक ख़ास दिन, एक ख़ास मंदिर में खेली जाती है. कब और कहां? वहीं, राधा के बरसाना शहर में. हिंदू कैलेंडर के मुताबिक़, फाल्गुन माह में शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि को. यानी इस साल लड्डू होली 27 फरवरी 2023 को मनाई जा चुकी है. कहने वाले तो ये भी कहते हैं इस मंदिर में द्वापर युग से लड्डूमार होली खेली जा रही है.

कीचड़ की होली

अतरंगी लोग, अतरंगी चयन. कीचड़ की होली बृज में तो खेली ही जाती है. इसके अलावा भी भारत के कई प्रदेशों में खेली जाती है. हुरियारों की टोली सबको कीचड़ से बिगाड़ती चलती है. इस होली से लोगों को डर भी लगता है पर मजा भी उतना ही आता है. जो खेलते हैं, उन्हें.

दुल्हंडी होली

राजस्थान, हरियाणा और उत्तर प्रदेश में ये होली बड़ी फ़ेमस है. इसमें देवर और भाभी एक-दूसरे के साथ होली खेलते हैं और भाभियां देवरों को कपड़े से बने कोड़ों से पीटती हैं.

विधवा होली

वृंदावन में 2013 से विधवा होली की शुरुआत हुई. श्रीधाम वृंदावन में वर्तमान में क़रीब 2000 विधवा महिलाएं हैं. ऐसे में इन्हें कुछ नई अनुभूति के लिए सुलभ इंटरनेशनल संगठन ने ये क़दम उठाया.

रंगपंचमी

महाराष्ट्री में होली के दिन रंग नहीं खेला जाता. पांच दिन बाद मनाई जाती है रंगपंचमी. छुट्टी भी रंगपंचमी को होती है; होली को नहीं. लोकल होली को शिमगा (Shimga) या शिमगो (Shimgo) के नाम से भी मनाते हैं. इस त्योहार को मुख्य तौर पर महाराष्ट्र का मछुआरा समुदाय मनाता है. बढ़िया जुलूस निकलता है. डांसिंग ऐंड सिंगिंग चलता है दमभर.

होला मोहल्ला

जाते-जाते देखिए होला मोहल्ला. पंजाब के आनंदपुर साहिब गुरुद्वारे में मनाई जाने वाली ख़ास होली. इस साल 8, 9 और 10 मार्च को मनाई जाएगी. आनंदपुर साहिब, जहां खालसा पंथ की स्थापना हुई थी, यहां हर साल लाखों लोग इस ख़ुशी के मौक़े को मनाते हैं. हमारी टीम ने आपके लिए इस होली का प्रकट रूप और इसकी आध्यात्मिक यात्रा भी कवर की थी. एक पंक्ति में लिखें, तो सिखों के मार्शल ट्रेडिशन का जश्न है होला मोहल्ला. अब पढ़िए मत, देखिए.

(ये स्टोरी हमारी साथी मानसी के इनपुट्स के साथ लिखी गई है)

वीडियो: लल्लनटॉप डॉक्यूमेंट्री: होला मोहल्ला

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