जिस महिला से अस्पताल ने मृत पति के खून से सना बेड साफ करवाया, उसने कुछ कहा है
घटना मध्य प्रदेश के डिंडोरी गांव की है. 2016 में रोशनी और शिवराज ने शादी की थी. अपने परिवार के खिलाफ जाकर. शिवराज और रोशनी का घर मिट्टी और ईंट का है. दोनों के पास नाम से ज़्यादा कुछ नहीं है. रोशनी एक पत्थर मिल में काम करती है और अपने बच्चों का पेट पालने के लिए कम ही पैसे कमा पाती है.
31 अक्टूबर की शाम. दिवाली की रात. पांच महीने की गर्भवती रोशनी मरावी अपने पति शिवराज मरावी का घर लौटने का इंतज़ार कर रही थीं. उनके पति एक ऑटो चालक हैं. दोनों की दो बेटियां हैं. एक तीन और एक पांच साल की. दोनों ने दिवाली पर बच्चों के लिए नए कपड़े खरीदे थे. लेकिन उस दिन शिवराज अपने ही बच्चों के सामने गिर पड़े. कथित तौर पर जमीन विवाद के चलते उनकी हत्या कर दी गई. उन्हें अस्पताल ले जाया गया. लेकिन काफ़ी देर हो चुकी थी. इतना सब होने के बाद भी रोशनी के साथ और एक घटना हुई. अस्पताल के कर्मचारियों ने उस बेड पर पड़ा खून उनसे साफ करवाया, जिस पर उनके पति लेटे थे और दम तोड़ा था. इसका वीडियो सभी ने सोशल मीडिया पर देखा. अब रोशनी ने बताया है कि उन्हें वीडियो देखने के बाद एहसास हुआ कि उनके साथ किस तरह का व्यवहार किया गया और उन्हें क्या-क्या सहना पड़ा था.
इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक यह घटना मध्य प्रदेश के डिंडोरी गांव की है. 2016 में रोशनी और शिवराज ने शादी की थी. अपने परिवार के खिलाफ जाकर. रोशनी ने बताया,
"मेरे परिवार ने कहा कि शिवराज के पास पैसे नहीं हैं. मैंने कहा कि पैसे जरूरी नहीं हैं. मैं किसी और आदमी के साथ नहीं रह सकती."
शिवराज और रोशनी का घर मिट्टी और ईंट का है. दोनों के पास नाम से ज़्यादा कुछ नहीं है. रोशनी एक पत्थर मिल में काम करती हैं. वो अपने बच्चों का पेट पालने के लिए कम ही पैसे कमा पाती हैं. 31 अक्टूबर के हादसे के बारे में रोशनी बताती हैं,
"मैं और मेरी दोनों बेटियां देखती रहीं कि शिवराज हमारे सामने गिर पड़े. हमने विवादित ज़मीन पर कुछ धान उगाया था. वे कुल्हाड़ी लेकर आए और मेरे पति को काट डाला. हमें साथ में दिवाली मनानी थी. उन्होंने (शिवराज) अपनी बेटियों के लिए जो कपड़े खरीदे थे, वे अभी भी खुले नहीं हैं."
रोशनी ने बताया कि उसने पुलिस को बहुत फोन किए, लेकिन कथित तौर पर थाने से कोई भी समय पर नहीं पहुंचा. घंटों बाद, उन्होंने खुद को गदासराय प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में पाया. उन्होंने बताया,
"मेरी दो बेटियां अपने पिता के बारे में पूछती रहीं, लेकिन उनका चेहरा इतना बुरी तरह से घायल हो गया था कि वे उन्हें पहचान नहीं पाईं. मैं उनके शव के पास रोती रही. फिर, मुझे अस्पताल के बिस्तर को साफ करने के लिए कहा गया. जहां उनकी मौत हुई थी. मैंने तब ज़्यादा नहीं सोचा था. मुझे बस अपनी सुरक्षा की चिंता थी क्योंकि हमारे परिवार के सभी पुरुष मर चुके थे. केवल महिलाएं ही बची थीं."
उन्होंने कहा,
"बाद में मैंने वह वीडियो देखा और मुझे यकीन नहीं हुआ कि मेरे साथ क्या हुआ. मुझे ज़्यादा कुछ याद नहीं है, सब कुछ धुंधला है. मैं घर वापस आई और देखा कि वीडियो वायरल हो चुका है."
वीडियो के वायरल होने के बाद डिंडोरी प्रशासन ने कार्रवाई की. बीते शनिवार को मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी (डिंडोरी) ने डॉक्टर चंद्रशेखर सिंह का ट्रांसफर कर दिया गया और दो नर्सों राजकुमारी मरकाम और छोटी बाई ठाकुर को सस्पेंड करने के आदेश जारी किए गए.
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चंद्रशेखर सिंह ने अपने बचाव में दावा किया कि अस्पताल के कर्मचारियों ने महिला से कभी बिस्तर साफ करने के लिए नहीं कहा. उन्होंने कहा,
"गुरुवार (31 अक्टूबर) को जमीन विवाद के दौरान पुरुषों को गोली मार दी गई थी और उनमें से दो को हमारे अस्पताल में लाया गया था. मरने वाले व्यक्ति की पत्नी ने हमसे कहा कि उसे कपड़े से बिस्तर से खून पोछने की अनुमति दी जाए ताकि वह इसका सबूत के तौर पर इसका इस्तेमाल कर सके. उसे बिस्तर साफ करने के लिए नहीं कहा गया था. मुझे महिला या उसके परिवार से कोई शिकायत नहीं मिली है."
रोशनी का दावा कुछ और ही है. रोशनी ने कहा,
"मुझे अस्पताल में दो महिलाओं ने खून साफ करने के लिए कहा था. मेरे पति की मौत के बाद से, मुझे स्थानीय कलेक्टर से सिर्फ़ चावल का एक पैकेट और कुछ केले मिले हैं. हम सरकार से वित्तीय सहायता और अपने परिवार के लिए सुरक्षा चाहते हैं."
पुलिस ने बताया कि 31 अक्टूबर की शाम को शिवराज, उनके भाई रघुराज और उनके पिता धरम सिंह की लाठी, डंडे और दरांती से लैस 20-25 लोगों की भीड़ ने हत्या कर दी. पुलिस के मुताबिक भीड़ में उनके रिश्तेदार भी शामिल थे. उन्होंने जमीन विवाद को लेकर उनकी हत्या कर दी. पुलिस ने बताया कि उस समय पीड़ित धान की कटाई कर रहे थे. शिवराज के एक और भाई धरम सिंह की हालत गंभीर है. एक पुलिस अधिकारी ने बताया कि चार लोगों को गिरफ्तार कर लिया गया है और बाकी की तलाश की जा रही है.
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