कैमरे का चक्कर बाबू भैया! INDIA वाले कांग्रेस से नाराज, अखिलेश तो भरी संसद में रूठ गए
Lok Sabha Seating Arrangement: विपक्ष के नेता तो कांग्रेस से नाराज ही हैं, कुछ कांग्रेसी सांसद भी दुख जता रहे हैं.
सीटों को लेकर नेताओं के बीच खींचतान तो होती ही रहती है. भारतीय राजनीति में ये बेहद ही सहज परिघटना है. इस बार बात बस इतनी है कि ये लड़ाई संसद के अंदर पहुंच गई है. कई सारे सांसद लोकसभा में अपने सीटिंग अरेंजमेंट (LokSabha Seating Arrangemnt) को लेकर नाखुश हैं. उन्होंने इसकी शिकायत की है. कई ने शिकायत नहीं की है, लेकिन वो नाराजगी जता रहे हैं. इनमें विपक्षी सांसदों के नाम प्रमुखता से आ रहे हैं. और चौंकाने वाली बात ये है कि इनमें से ज्यादातर सांसद कांग्रेस पार्टी से नाराज हैं. आगे इस पूरे मामले पर जरा विस्तार से बात करते हैं.
इंडियन एक्सप्रेस से जुड़ीं वरिष्ठ पत्रकार लिज मैथ्यू ने इस पूरे मामले पर एक विस्तृत रिपोर्ट तैयार की है. रिपोर्ट के मुताबिक, 3 दिसंबर को TDP सांसद मंगूता रेड्डी ने अपने सीटिंग अरेंजमेंट को लेकर नाराजगी जताई. कहा कि नई व्यवस्था के तहत उन्हें आठवीं पंक्ति में सीट दी गई है. वो लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला के पास पहुंच गए. बिरला ने कहा कि कोई भी सदस्य संसद की कामकाजी व्यवस्था पर सवाल नहीं उठाएगा. अगर उन्हें किसी बात से दिक्कत है तो वो या तो लोकसभा अध्यक्ष के चैंबर में आएं या फिर अपनी शिकायत संसदीय कामकाज को देखने वाले मंत्रालय तक पहुंचाएं.
बात आठवें ब्लॉक से निकली है…लोकसभा के सीटिंग अरेंजमेंट की बात करें तो यहां आठवें ब्लॉक का महत्व बहुत ज्यादा है. ये ब्लॉक लोकसभा अध्यक्ष के चैंबर की बाईं तरफ पहले नंबर पर पड़ता है. इसी ब्लॉक में विपक्ष के नेता राहुल गांधी बैठते हैं, जहां से उनका सामना सीधे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से होता है. और ट्रेजरी बेंचों वाले केंद्रीय मंत्री भी उनके सामने रहते हैं. इसी ब्लॉक में राहुल गांधी के साथ कांग्रेस पार्टी के महासचिव केसी वेणुगोपाल और DMK सांसद टी आर बालू बैठते हैं. इसी ब्लॉक में नई-नई सांसद बनीं प्रियंका गांधी वाड्रा को भी जगह दी गई है. वो इस ब्लॉक की चौथी पंक्ति की एकदम किनारे वाली सीट पर बैठती हैं. वहीं लोकसभा में कांग्रेस के उपनेता गौरव गोगोई और चीफ व्हिप सुरेश कोडिकुन्नील को अगले ब्लॉक में आगे की सीटें दी गई हैं.
अब बात ये है कि आठवें ब्लॉक की बात अलग से क्यों हो रही है? ऐसा इसलिए क्योंकि जब लोकसभा की कार्यवाही का लाइव टेलीकास्ट होता है तो ट्रेजरी बेंचों के अलावा कैमरे का फोकस प्रमुख रूप से आठवें ब्लॉक पर ही होता है. सांसदों की नाराजगी इसी लाइव टेलीकास्ट में छिपी है. बहुत सारे सांसदों का कहना है कि लोकसभा की कार्यवाही के दौरान कैमरे पर दिखना उनके लिए बहुत जरूरी है.
लोकसभा के पिछले सीटिंग अरेंजमेंट में DMK सांसदों कनिमोई और दयानिधि मारन को NCP सांसद सुप्रिया सुले के साथ आखिरी ब्लॉक में जगह दी गई थी. इस ब्लॉक में कांग्रेस के कुछ वरिष्ठ नेताओं के लिए भी व्यवस्था की गई थी. फिलहाल तीनों सांसदों को सातवें ब्लॉक में भेज दिया गया है. रिपोर्ट के मुताबिक, सुप्रिया सुले इससे नाखुश हैं.
बैठने की नई व्यवस्था से पहले समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव, पार्टी सांसद डिंपल यादव और अवधेश प्रसाद आठवें ब्लॉक में वरिष्ठ कांग्रेस नेताओं के साथ आगे की सीटों पर बैठते थे. नई व्यवस्था में अखिलेश यादव को कांग्रेस नेताओं से दूर छठवें ब्लॉक की पहली पंक्ति में जगह दी गई है. इसी पंक्ति में TMC सांसद सुदीप बंधोपाध्याय को भी बैठाया गया है.
‘थैंक्यू कांग्रेस…’रिपोर्ट के मुताबिक, कांग्रेस से जुड़े नेताओं ने माना है कि नई व्यवस्था को लेकर समाजवादी पार्टी के नेताओं ने कांग्रेस को ही जिम्मेदार ठहराया है. यह भी बताया गया कि जब 3 दिसंबर को अखिलेश यादव लोकसभा पहुंचे तो उन्हें तंज भरे लहजे में कहा- 'थैंक्यू कांग्रेस'. इसके बाद देखा गया कि केसी वेणुगोपाल अखिलेश यादव के पास पहुंचे और उन्होंने इशारा किया कि अखिलेश यादव उनकी जगह राहुल गांधी के बगल में बैठ सकते हैं. यादव ने इस प्रस्ताव को ठुकरा दिया.
लोकसभा अध्यक्ष के ऑफिस के लोगों का कहना है कि नई व्यवस्था में विपक्षी सांसदों के सीटिंग अरेंजमेंट को लेकर कांग्रेस का इनपुट खासा जरूरी था. इन लोगों का कहना है कि विपक्ष के नेता और कांग्रेसी सांसदों की सलाह के आधार पर ही विपक्षी सांसदों के लिए सीटें बांटी गई हैं.
INDIA ब्लॉक के एक वरिष्ठ नेता ने बताया कि पिछली वाली व्यवस्था में विपक्षी सांसदों को ठीक-ठाक जगहों पर सीटें मिली हुई थीं, लेकिन इस बार कांग्रेस ने प्रमुख जगहों पर अपने सांसदों को बैठा दिया है, वहीं ज्यादातर विपक्षी सांसद दूर धकेल दिए गए हैं.
वहीं, कांग्रेस के भी कुछ सांसद इस व्यवस्था से खुश नहीं हैं. वरिष्ठ कांग्रेस नेता मनीष तिवारी को इस बार चौथी पंक्ति में जगह दी गई है, वहीं एक और वरिष्ठ नेता शशि थरूर को तीसरी पंक्ति में जगह दी गई है. कांग्रेस के एक सांसद ने कहा कि सदन के अंदर आपको मिली सीट आपके कद और आपको दिए जा रहे सम्मान को दर्शाती है और जब इस तरह से बैठने की व्यवस्था की जाती है तो इससे आत्मसम्मान को ठेस पहुंचती है.
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