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अशोक गहलोत के पूर्व OSD को दिल्ली पुलिस ने क्यों गिरफ्तार किया?

लोकेश शर्मा की गिरफ्तारी के बाद दिल्ली पुलिस ने कहा था कि अभी जांच खत्म नहीं हुई है. पुलिस ने कहा कि अभी और सबूत इकट्ठे किए गए हैं, जिनकी जांच होनी बाकी है.

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पुलिस ने कहा है कि अभी मामले की जांच जारी है. (फ़ोटो - इंडिया टुडे)
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मनीषा शर्मा
25 नवंबर 2024 (Published: 21:40 IST)
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राजस्थान के पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के पूर्व OSD (Officer on Special Duty) लोकेश शर्मा को दिल्ली पुलिस ने 25 नंवबर को गिरफ्तार किया. शर्मा के खिलाफ केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने शिकायत दर्ज करवाई थी. गिरफ्तारी के बाद उन्हें अदालत में पेश किया गया, जहां उन्हें जमानत दे दी गई. पुलिस ने कहा है कि वो अभी मामले की जांच कर रही है.

इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, राजस्थान लोकसभा चुनाव के दूसरे चरण के मतदान से पहले लोकेश शर्मा ने अशोक गहलोत पर कई आरोप लगाए थे. उन्होंने कहा था कि 2020 के राजनीतिक संकट के दौरान तत्कालीन सीएम ने सचिन पायलट समेत पार्टी के बागियों के फोन और उनकी गतिविधियों पर नज़र रखने के लिए कहा था.

शर्मा ने यह भी आरोप लगाया था कि गहलोत ने ही उन्हें ऑडियो रिकॉर्डिंग वाली एक पेन ड्राइव दी थी और पत्रकारों से इसे शेयर करने के लिए कहा था. उन्होंने गहलोत की कॉल रिकॉर्डिंग भी शेयर की, जिसमें अशोक गहलोत, शर्मा से कथित तौर पर पूछ रहे थे कि क्या उन्होंने सबूत बर्बाद कर दिए हैं.

रिपोर्ट के मुताबिक, इस सितंबर में दिल्ली पुलिस ने लोकेश शर्मा से कई घंटे तक पूछताछ की. तब लोकेश ने कहा था कि फोन टैपिंग मामले में गहलोत से भी पूछताछ की जानी चाहिए. उन्होंने आरोप लगाया कि राज्य के शीर्ष अधिकारी - डीजीपी, मुख्य सचिव, गृह सचिव, सीएम के तत्कालीन प्रधान सचिव सभी मामले के बारे में जानते थे. लेकिन उनका (लोकेश) फोन टैपिंग से कोई लेना-देना नहीं था.

यह भी पढ़ें: सचिन पायलट को 'नाकारा', 'निकम्मा' बोला था, अब सवाल किया तो क्या बोले अशोक गहलोत?

केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने मार्च 2021 में फोन टैपिंग के मामले में दिल्ली पुलिस में FIR दर्ज करवाई थी. इसमें लोकेश शर्मा का नाम भी शामिल था. FIR में लोकेश और अन्य पर “आपराधिक साजिश” रचने और “गैरकानूनी तरीके से टेलीग्राफिक सिग्नल (टेलीफोन पर बातचीत) को रोकने” का आरोप लगाया गया है.

जानकारी के मुताबिक, 14 नवंबर को लोकेश ने दिल्ली हाई कोर्ट से अपनी याचिका वापस ली थी. इसमें उन्होंने FIR को रद्द करने की मांग की थी. याचिका वापस लेने के बाद उनकी गिरफ्तारी पर लगी रोक प्रभावी रूप से हट गई थी.

शर्मा की गिरफ्तारी के बाद दिल्ली पुलिस ने कहा था कि अभी जांच खत्म नहीं हुई है. पुलिस ने कहा कि अभी और सबूत इकट्ठे किए गए हैं, जिनकी जांच होनी बाकी है. पुलिस का कहना है कि इसके आधार पर आने वाले दिनों में और गिरफ्तारियां संभव है, जांच लगातार आगे बढ़ रही है.

यह पूरा मामला 2020 में लीक हुए तीन ऑडियो क्लिप से संबंधित है. इसमें कथित तौर पर गजेंद्र सिंह, संजय जैन, तत्कालीन कांग्रेस विधायक भंवरलाल शर्मा और विश्वेंद्र सिंह शामिल हैं. इससे राजस्थान में राजनीतिक संकट पैदा हो गया था. क्योंकि उन्हें कथित तौर पर राज्य में गहलोत सरकार को गिराने की योजना बनाते हुए सुना गया था. इसके बाद, तत्कालीन उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट ने 19 कांग्रेस विधायकों की बगावत का नेतृत्व किया था.

वीडियो: अशोक गहलोत के बेटे वैभव गहलोत ने सचिन पायलट और जालौर से लड़ने पर क्या कह दिया?

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