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क्या शाम होते ही मन बुरे विचारों में डूबने लगता है? नाइट डिप्रेशन है ये! डॉक्टर से जाने कैसे बचें?

नाइट डिप्रेशन, डिप्रेशन का ही एक प्रकार है. ये मरीज़ को रात में ज़्यादा परेशान करता है. डॉक्टर ने सब बताया है इसके बारे में.

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Why do you feel sad at night know everything about night depression
नाइट डिप्रेशन में व्यक्ति रात आते-आते बहुत ज़्यादा सोचने लगता है
8 नवंबर 2024 (Published: 17:09 IST)
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क्या रात होते-होते आपको अकेलापन लगने लगता है? भयंकर उदासी छाने लगती है? ना-उम्मीदी हावी हो जाती है? बेचैनी-सी महसूस होती है? नींद नहीं आती? रात सोचते-सोचते निकल जाती है? अगर इन सारे सवालों के जवाब हां में हैं, तो सावधान हो जाइए. ये सारे लक्षण नाइट डिप्रेशन (Night Depression) के हैं.

कुछ लोगों ने महसूस किया होगा कि रात होते ही उन्हें एक अजब तरह की उदासी महसूस होती है. बहुत अकेलापन लगता है. इसे आजकल नाइट डिप्रेशन बोला जा रहा है. आज डॉक्टर से जानिए कि आखिर ये नाइट डिप्रेशन है क्या. ये क्यों होता है. इसके लक्षण क्या हैं. और, नाइट डिप्रेशन से बचाव और इलाज कैसे किया जाए.

क्या होता है नाइट डिप्रेशन?

ये हमें बताया डॉक्टर रागिनी सिंह ने. 

dr. ragini singh
डॉ. रागिनी सिंह, साइकोथेरेपिस्ट, यशोदा हॉस्पिटल, गाज़ियाबाद

जैसा नाम से पता चल रहा है, नाइट डिप्रेशन मरीज़ को रात में ज़्यादा महसूस होता है. इसमें मरीज़ को अकेलापन महसूस होता है. शाम होते ही उसे अजीब-सी बेचैनी लगने लगती है. मन में नकारात्मक विचार आते हैं. रात आते-आते मरीज़ बहुत ज़्यादा सोचने लगता है. उसे नींद आने में परेशानी होती है. वो बहुत जल्दी चिढ़ने भी लगता है. ऐसा नहीं है कि ये अकेले रहने की वजह से होता है. घर में परिवार वाले हों, तब भी नाइट डिप्रेशन हो सकता है. कई बार मरीज़ घर में अकेला भी होता है. मगर दोनों ही स्थितियों में मरीज़ नाइट डिप्रेशन का सामना करता है.

नाइट डिप्रेशन का कारण

नाइट डिप्रेशन के कई कारण होते हैं. अगर व्यक्ति अपनी सोशल लाइफ में बहुत सफल नहीं है. उसके पास अच्छी नौकरी नहीं है, करियर ठीक नहीं चल रहा. अगर कोई पर्सनल दिक्कत है. जैसे शादीशुदा ज़िंदगी अच्छी नहीं चल रही. साथ ही, अगर वो अपनी परेशानी किसी से बता नहीं पाता. तब उसे नाइट डिप्रेशन होने लगता है.

night depression
पीड़ित व्यक्ति को रात में नींद नहीं आती
नाइट डिप्रेशन के लक्षण

मरीज़ दिन में ज़्यादा इंटरैक्टिव नहीं होता. वो लोगों से मिलना-जुलना कम कर देता है. दरअसल ओवर थिंकिंग की वजह से उसकी नींद पूरी नहीं होती. जिसकी वजह से वो पूरा दिन बेचैन रहता है. लोगों से ज़्यादा बातचीत नहीं करता. अपना काम ठीक तरह से नहीं कर पाता. मरीज़ के शरीर पर भी असर पड़ता है. पेट से जुड़ी दिक्कतें होती हैं, जिसके चलते उसे पेट के डॉक्टर के पास जाना पड़ता है. ब्लड प्रेशर (Blood Pressure) पर असर पड़ता है. इनसोम्निया (Insomnia) यानी नींद न आने की दिक्कत हो जाती है.

नाइट डिप्रेशन से बचाव और इलाज

नाइट डिप्रेशन का इलाज किया जा सकता है. इसके लिए नाइट डिप्रेशन के कारण को समझना बहुत ज़रूरी है. अगर परिवार से जुड़ी कोई दिक्कत है. मरीज़ की शादीशुदा ज़िंदगी अच्छी नहीं है. तब नाइट डिप्रेशन ठीक करने के लिए काउंसलर की मदद ली जा सकती है. अगर करियर से जुड़ी कोई परेशानी है. तब मरीज़ अपनी हॉबी की तरफ बढ़ सकते हैं.

अगर वो सोशल मीडिया पर रात में ज़्यादा एक्टिव रहते हैं. तब उन्हें एक टाइम चार्ट बनाकर फॉलो करना चाहिए. इसके लिए वो मेडिटेशन की मदद ले सकते हैं. अपनी रुचि के हिसाब से एक्टिविटी करके भी नाइट डिप्रेशन से निजात पाई जा सकती है.

डिप्रेशन किसी भी तरह का हो. चाहें वो आम डिप्रेशन हो. हाई फंक्शनिंग डिप्रेशन हो. या फिर नाइट डिप्रेशन हो. इनसे डील किया जा सकता है. बस ज़रूरी है कि आप इसके लक्षणों को पहचानें और अपनी समस्या के बारे में बात करें.

(यहां बताई गई बातें, इलाज के तरीके और खुराक की जो सलाह दी जाती है, वो विशेषज्ञों के अनुभव पर आधारित है. किसी भी सलाह को अमल में लाने से पहले अपने डॉक्टर से जरूर पूछें. ‘दी लल्लनटॉप ’आपको अपने आप दवाइयां लेने की सलाह नहीं देता.)

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