क्यों होता है कमर दर्द? आपके पैरों से भी है इसका कनेक्शन
Causes of Back Pain: पैरों की सेहत का कमर के दर्द से क्या कनेक्शन है? रोज़ाना की कौन सी गलतियां कमर दर्द की वजह बन सकती हैं? डॉक्टर से जानिए.
क्या आपको भी लगता है आपकी कमर में बेवजह दर्द रहता है? आप एक्सरसाइज़ कर रहे हैं. अच्छी डाइट ले रहे हैं. पोस्चर भी ठीक है. मगर फिर भी दर्द रहता है. अगर आप इन सारी बातों पर ‘हां-हां’ कर रहे थे. तो जान लीजिए कि कमर के दर्द का कनेक्शन सिर्फ कमर से नहीं होता. कई बार ये दर्द हमारे पैरों से जुड़ा होता है.
हमारे ये दो पैर ही कभी-कभी कमर दर्द की वजह बन जाते हैं. कैसे? ये डॉक्टर साहब से जानेंगे. समझेंगे कि पैरों की सेहत का कमर के दर्द से क्या कनेक्शन है. कमर दर्द से बचने के लिए रोज़ की कौन-सी गलतियां अवॉइड करनी चाहिए? इस दर्द से बचने का तरीका क्या है और इसका इलाज कैसे किया जाता है?
पैरों की सेहत का, कमर के दर्द से क्या कनेक्शन है?ये हमें बताया डॉक्टर मोहित मुत्था ने.
पैरों में दर्द की वजह से कमर में दर्द हो सकता है. और, कमर दर्द की वजह से पैरों में दिक्कत हो सकती है. दोनों आपस में जुड़े हुए हैं. पहले बात पैरों में दिक्कत से होने वाले कमर दर्द की. अगर पैर के पंजे में कोई दिक्कत है तो कमर से जुड़ी परेशानियां हो सकती हैं.
इसमें सबसे आम समस्या फ्लैट फुट (Flat Foot) है. अगर किसी के पैर का पंजा पूरी तरह से फ्लैट है. तो शरीर का संतुलन बनाए रखने के लिए टखने (ankle) को थोड़ा अंदर की ओर मोड़ना पड़ता है. इससे कूल्हा भी आगे की ओर झुकता है, जिससे कमर का कर्व बढ़ता है.
फिर मांसपेशियों में असंतुलन और तनाव पैदा होने से कमर दर्द होना बहुत आम है. अगर किसी के पैर का आर्च बहुत ऊंचा है. तो पैर को दबाव सहने में परेशानी होती है. ऐसे में चलने या खड़े होने से जो दबाव पैरों पर आना चाहिए, वो ठीक से नहीं आता. इसका असर सीधे कमर पर पड़ सकता है, जिससे कमर में दर्द होने का खतरा बढ़ जाता है. अगर कोई गलत फुटवियर या हाई हील्स पहन रहा है, तो इससे भी कमर दर्द हो सकता है.
रोज़ की कौन-सी गलतियां अवॉइड करना ज़रूरी है?हमारे बैठने के तरीके की वजह से कमर में दर्द हो सकता है. देर तक गलत पोज़ीशन में बैठना कमर दर्द का अहम कारण है. गलत तरह चलने से भी कमर दर्द हो सकता है. हर चीज़ जो पोश्चर, बैठने के तरीके और लाइफस्टाइल से जुड़ी है, वो कमर दर्द दे सकती है.
इसके बाद लिफ्टिंग हैबिट्स आती हैं. अगर किसी चीज़ को झुककर सामने से उठाया जा रहा है. तब हमारा पूरा शरीर आगे की ओर खिंचने लगता है, जिससे कमर पर ज़ोर पड़ता है. इससे कमर में चोट लगने का खतरा बढ़ जाता है. गलत तरीके से लिफ्टिंग करने पर कमर दर्द हो सकता है. यही वजह है कि जिम में कमर में चोट लगना बहुत आम है. अगर झटके से उठते-बैठते हैं तो इससे भी कमर दर्द हो सकता है.
बचावकमर के दर्द में बचाव ही इलाज है. अगर एक बार कमर दर्द शुरू हो गया, तो इसे ठीक करने के लिए काफी मेहनत करनी पड़ती है. मगर बैठने और लिफ्टिंग का तरीका सही कर दर्द से बचा जा सकता है. हालांकि, अगर दवाइयों, एक्सरसाइज़, डाइट और लाइफस्टाइल में बदलावों से भी कमर दर्द नहीं जा रहा. तब डॉक्टर को दिखाना बहुत ज़रूरी हो जाता है.
कुछ चीज़ों को बिल्कुल भी नज़रअंदाज़ नहीं करना चाहिए. अगर लगातार कमर में दर्द बना हुआ है और वो दवाइयों और आराम करने पर भी नहीं जा रहा. या फिर कमर से ज़्यादा पैर में दर्द हो रहा है. चलते वक्त कमज़ोरी लग रही है. एक पैर के पंजे में दूसरे पैर के पंजे से कम ताकत महसूस हो रही है. तब डॉक्टर की सलाह लेना ज़रूरी हो जाता है.
करीब 90-95% मरीज़ों में दवाइयों, एक्सरसाइज़, डाइट, आराम और लाइफस्टाइल में बदलाव से कमर दर्द ठीक हो जाता है. लगभग 5% मरीज़ों में X-Ray, MRI कराने की ज़रूरत पड़ती है. 100 में से 2 या 3 लोगों को ही सर्जरी की ज़रूरत पड़ती है. ये सर्जरी दूरबीन की मदद से की जाती है. सर्जरी के बाद रिकवरी भी आसानी से होती है. मरीज़ अगले दिन से ही टहलने जा सकता है और अपने रोज़मर्रा के काम कर सकता है.
(यहां बताई गई बातें, इलाज के तरीके और खुराक की जो सलाह दी जाती है, वो विशेषज्ञों के अनुभव पर आधारित है. किसी भी सलाह को अमल में लाने से पहले अपने डॉक्टर से जरूर पूछें. ‘दी लल्लनटॉप' आपको अपने आप दवाइयां लेने की सलाह नहीं देता.)
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