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अगर गैस्ट्रिक रिफ्लक्स लगातार बना रहे तो क्या होगा? जानिए इसके बारे में सबकुछ

खट्टी डकारें और सीने में जलन को गैस्ट्रिक रिफ्लक्स कहते हैं.

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what is gastric reflux its causes and treatment
गैस्ट्रिक रिफ्लक्स
19 नवंबर 2024 (Published: 14:28 IST)
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खट्टी डकारें और सीने में जलन. ये एक बहुत ही आम समस्या है. कुछ मसालेदार खा लिया तो रात में सीने में जलन (Heartburn) होने लगी. तला हुआ खा लिया तो खट्टी डकारें आने लगीं. ऐसा होने पर लोग एसिडिटी की दवा खा लेते हैं और भूल जाते हैं. मगर ऐसा लगातार हो तो ध्यान देने की ज़रुरत है. तब सिर्फ़ एसिडिटी की दवा से काम नहीं चलेगा.

लगातार सीने में जलन और खट्टी डकारें अंदर ही अंदर क्या कर रही हैं, आप सोच भी नहीं सकते. खट्टी डकारें और सीने में जलन को गैस्ट्रिक रिफ्लक्स (Gastric Reflux) कहते हैं. डॉक्टर से जानिए कि गैस्ट्रिक रिफ्लक्स क्या है. इसके होने के पीछे क्या कारण होते हैं. लगातार गैस्ट्रिक रिफ्लक्स बना रहे तो क्या होता है. और, इससे बचाव और इलाज कैसे किया जाए. 

गैस्ट्रिक रिफ्लक्स क्या होता है?

ये हमें बताया डॉक्टर मंगेश केशवराव बोरकर ने. 

dr mangesh borkar
डॉ. मंगेश केशवराव बोरकर, कंसल्टेंट, गैस्ट्रोएंटरोलॉजिस्ट, मणिपाल हॉस्पिटल, पुणे

गैस्ट्रिक रिफ्लक्स समझने के लिए हमें GI ट्रैक्ट को समझना होगा. हमारे GI ट्रैक्ट में सबसे पहले खाने की नली होती है. फिर यहां से हमारा खाना पेट में जाता है. इसके बाद छोटी आंत शुरू होती है. फिर खाना बड़ी आंत में जाता है. हमारे खाने की नली और पेट के बीच में एक वॉल्व होता है. इसे लोअर एसोफ़ैजियल स्फ़िंक्टर (lower esophageal sphincter) कहते हैं. ये वॉल्व कभी-कभी ढीला हो जाता है या यहां कोई हर्निया हो जाता है. तब पेट का खाना, पानी और एसिड खाने की नली में आ जाता है. इसे गैस्ट्रिक रिफ्लक्स कहते हैं. 

गैस्ट्रिक रिफ्लक्स होने के पीछे क्या कारण होते हैं?

गैस्ट्रिक रिफ्लक्स होने के पीछे कई कारण होते हैं. सबसे मुख्य कारण मोटापा (Obesity) है. वज़न ज़्यादा होने से पेट पर अधिक प्रेशर पड़ता है. जिसकी वजह से खाने की नली और पेट के बीच मौजूद वॉल्व ढीला हो जाता है. दूसरा कारण सिगरेट-शराब पीना है. हमारे खाने की आदतों के चलते भी गैस्ट्रिक रिफ्लक्स होता है. जैसे ज़्यादा मिर्च-मसालेदार खाना, खाना. बार-बार चाय पीना. कुछ दवाइयों से भी गैस्ट्रिक रिफ्लक्स हो सकता है.

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लगातार गैस्ट्रिक रिफ्लक्स होने से कई कॉम्प्लिकेशंस हो सकते हैं
लगातार गैस्ट्रिक रिफ्लक्स होने से क्या बीमारी हो सकती है?

लगातार गैस्ट्रिक रिफ्लक्स होने से कई कॉम्प्लिकेशंस हो सकते हैं. अगर पेट का एसिड बार-बार खाने की नली में आता है. तो हमारे खाने की नली को नुकसान पहुंचता है और वो छोटी हो जाती हो. इससे खाने के रास्ते में रुकावट आ सकती है, इसे डिस्फेजिया (Dysphagia) कहते हैं.

खाने की नली डैमैज होने पर उसकी म्यूकोसल लाइनिंग (अंदरूनी झिल्ली) भी डैमेज होती है. इसे एसोफैजाइटिस (Oesophagitis) कहा जाता है. इसकी वजह से ब्लीडिंग हो सकती है यानी खून की उल्टी आ सकती है. अल्सर हो सकता है. बार-बार एसिड रिफ्लक्स होने से खाने की नली के निचले हिस्से में बैरेट्स एसोफैगस (Barrett's esophagus) नाम की बीमारी हो सकती है. ये कैंसर से पहले होने वाली कंडीशन है. इसकी वजह से आगे चलकर कैंसर का रिस्क भी होता है. 

बचाव और इलाज

गैस्ट्रिक रिफ्लक्स से बचने के लिए खान-पान और रोज़मर्रा की आदतों में सुधार करें. चाय, कॉफी, चॉकलेट और तली-भुनी चीज़ें कम खाएं. शराब-सिगरेट न पिएं. आंवला, नींबू जैसी खट्टी चीज़ें कम लें. वज़न ज़्यादा हो तो उसे कम करें, इससे एसिड रिफ्लक्स कम हो सकता है. अगर इन सबसे दिक्कत ठीक नहीं होती तो दवाइयां खाएं. वहीं अगर हायटल हर्निया (hiatal hernia) बड़ा है या कोई कॉम्प्लिकेशन है, तब सर्जरी की ज़रूरत पड़ सकती है. इन टिप्स से गैस्ट्रिक रिफ्लक्स को कम किया जा सकता है.

(यहां बताई गई बातें, इलाज के तरीके और खुराक की जो सलाह दी जाती है, वो विशेषज्ञों के अनुभव पर आधारित है. किसी भी सलाह को अमल में लाने से पहले अपने डॉक्टर से जरूर पूछें. ‘दी लल्लनटॉप' आपको अपने आप दवाइयां लेने की सलाह नहीं देता.)

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