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कम उम्र में ही घट रही मांसपेशियों की ताकत? ये वजह हो सकती है!

Causes Muscle Weakness: मांसपेशियों की ताकत घटने के कई कारण हैं. इनमें से कुछ उम्र से जुड़े हैं. उम्र बढ़ने के साथ ही मांसपेशियां कमज़ोर होने लगती हैं. वहीं दूसरी वजहें हमारी लाइफस्टाइल से जुड़ी हैं.

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What causes muscle weakness in adults know its treatment
थोड़ा चलते ही थक जाना मांसपेशियों के कमज़ोर होने की निशानी है
5 सितंबर 2024 (Published: 14:37 IST)
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प्रताप लल्लनटॉप के पाठक हैं. 40 साल के हैं. उन्होंने हमसे बात की. बताया कि उनके हाथ-पैरों में बहुत कमज़ोरी महसूस होती है. मेहनत वाला कोई काम करते हैं, जैसे सामान उठाना, चलना-फिरना तो हाथ-पैर एकदम थक जाते हैं. उनमें दर्द होने लगता है. ज़्यादा देर लिख लें या की-बोर्ड पर उंगलियां चला लें, तो उंगलियां दुखने लगती हैं. ऐसा लगता है जैसे शरीर में ताकत ही नहीं है.

दिक्कत बढ़ने पर वो डॉक्टर के पास गए थे. कुछ जांच हुईं तो पता चला कि उनकी मांसपेशियां कमज़ोर हो गई हैं. उनकी ताकत घट गई है. प्रताप हैरान हैं क्योंकि आमतौर पर ये दिक्कत तो बुज़ुर्गों को होती है. वो बुज़ुर्ग नहीं हैं. लेकिन फिर भी उन्हें ये परेशानी हो रही है. और, ये सिर्फ प्रताप की ही नहीं, कई लोगों की समस्या है. ऐसे में हमने डॉक्टर साहब से पूछा कि मांसपेशियों की ताकत क्यों घटने लगती है. ऐसा होने पर किस तरह के लक्षण सामने आते हैं. इससे बचने के लिए डॉक्टर क्या सलाह देते हैं और आखिर इसका इलाज क्या है.

मांसपेशियों की ताकत किन कारणों से घटने लगती है?

ये हमें बताया डॉक्टर सैकत जेना ने. 

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डॉक्टर सैकत जेना, कंसल्टेंट, ऑर्थोपेडिक्स एंड जॉइंट रिप्लेसमेंट सर्जन, वॉकहार्ट हॉस्पिटल्स, मुंबई

मांसपेशियों की ताकत घटने के कई कारण हैं. इनमें से कुछ आम कारण उम्र से जुड़े हैं. जैसे-जैसे उम्र बढ़ती है, वैसे-वैसे मांसपेशियों की ताकत कम होने लगती है. दूसरा कारण पोषण की कमी है. अगर आपका खान-पान सही नहीं है. आप बैलेंस्ड डाइट नहीं ले रहे. तब मसल लॉस हो सकता है. 

अगर आप इनएक्टिव हैं, रोज़ एक्सरसाइज़-फिज़िकल एक्टिविटी नहीं कर रहे. तब भी आपको मसल लॉस हो सकता है. इसके अलावा, अगर आपको कोई क्रोनिक डिज़ीज़ है यानी वो बीमारियां जो लंबे समय तक चलती हैं. जैसे डायबिटीज़, किडनी, लिवर की कोई दिक्कत तो इसकी वजह से भी मांसपेशियां कमज़ोर हो सकती हैं.

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मांसपेशियां कमज़ोर हों तो मरीज़ बहुत जल्दी थक जाता है
ऐसा होने पर किस तरह के लक्षण सामने आते हैं?

मरीज़ को कमज़ोरी महसूस होती है. वो जल्दी थक जाता है. रोज़मर्रा के जो काम पहले आसानी से होते थे, उन्हें करते वक्त बहुत थकान लगती है. जैसे- थोड़ी दूर चलने के बाद कमज़ोरी लगना या हाथ-पैरों में क्रैंप्स आना. 

अगर कोई ज़्यादा लिखता है तो उसके हाथों में क्रैंप्स पड़ने लगेंगे. मरीज़ का बैलेंस बिगड़ने लगता है, वो संतुलन मेंटेन नहीं कर पाता. बार-बार गिरने लगता है या उसको ज़्यादा आराम की ज़रुरत पड़ती है. ये कुछ आम लक्षण हैं जो मांसपेशियों में कमज़ोरी की वजह से हो सकते हैं. 

इससे बचने के लिए डॉक्टर क्या सलाह देते हैं?

आमतौर पर इसके लिए दवाइयों की ज़रूरत नहीं पड़ती. मरीज़ को अपने रुटीन में फिज़िकल एक्टिविटी, जैसे एक्सरसाइज़ शामिल करने की सलाह दी जाती है. रोज़ 15 से 20 मिनट के लिए ब्रिस्क वॉक करें यानी तेज़ कदमों से चलें. अगर मरीज़ दौड़ सकता है तो रनिंग करे, उसकी वेट ट्रेनिंग हो. इन सबसे मांसपेशियों की ताकत को बनाए रखा जा सकता है. 

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मांसपेशियों को मज़बूत बनाना है तो रोज़ थोड़ी देर दौड़ लगाएं

साथ ही, बैलेंस्ड डाइट लें. ऐसी डाइट जिसमें प्रोटीन और मिनरल्स का संतुलन हो. प्रोटीन के लिए वेजिटेरियन या नॉन-वेजिटेरियन चीज़ें खा सकते हैं. मिनरल्स के लिए डाइट में कैल्शियम, विटामिन डी-3 और मैग्नीशियम शामिल करें. 

इसके अलावा, लोगों को अपने रुटीन चेकअप कराने चाहिए. जिससे अगर कोई क्रोनिक बीमारी है, जैसे दिल या किडनी से जुड़ी हुई, तो इसका पता जल्दी लग जाए. फिर उस हिसाब से आगे इलाज हो सके. वहीं अगर कोई स्मोकिंग करता है या शराब पीता है तो उन्हें भी मसल लॉस हो सकता है इसलिए इन चीज़ों को अवॉइड करें. 

इलाज क्या है?

अगर सारी चीज़ें करने के बाद भी आपको मसल लॉस हो रहा है. मांसपेशियों में कमज़ोरी है या क्रैंप्स पड़ रहे हैं. तब आपको ऑर्थोपेडिक सर्जन से मिलना चाहिए. वो आपके कुछ ब्लड टेस्ट करेंगे. ये जानने के लिए कि शरीर में विटामिन डी-3, कैल्शियम का लेवल क्या है या कहीं दूसरी बीमारी तो नहीं है. इसके बाद ज़रूरत पड़ने पर डॉक्टर दवाइयां देंगे. 

आप डाइटिशियन से भी मिल सकते हैं ताकि डाइट सुधारी जा सके. वहीं अगर किसी इंजरी या नस में चोट की वजह से मांसपेशियां कमज़ोर हुई हैं तब डॉक्टर आपका पूरा इलाज करेंगे. आपको कुछ सप्लीमेंट्स भी खाने के लिए दिए जा सकते हैं.

(यहां बताई गई बातें, इलाज के तरीके और खुराक की जो सलाह दी जाती है, वो विशेषज्ञों के अनुभव पर आधारित है. किसी भी सलाह को अमल में लाने से पहले अपने डॉक्टर से जरूर पूछें. दी लल्लनटॉप आपको अपने आप दवाइयां लेने की सलाह नहीं देता.)

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