The Lallantop
Advertisement

भारत पहुंच गया मंकीपॉक्स का खतरनाक वेरिएंट, ऐसे करें अपना बचाव

Mpox 1B Variant: केरल के 38 वर्षीय व्यक्ति में मंकीपॉक्स का क्लेड 1 बी वेरिएंट मिला है.

Advertisement
India reports first case of Clade 1 b variant of Mpox
भारत में एमपॉक्स के क्लेड 1 बी वेरिएंट का पहला केस आ गया है
27 सितंबर 2024 (Updated: 27 सितंबर 2024, 15:34 IST)
font-size
Small
Medium
Large
whatsapp share

मंकीपॉक्स का खतरनाक वेरिएंट क्लेड 1 बी भारत पहुंच गया है. केरल में ये वेरिएंट पाया गया है. संक्रमित व्यक्ति की उम्र 48 साल है. पिछले हफ्ते ही उसे एमपॉक्स होने का पता चला था. लेकिन, तब ये मालूम नहीं था कि उसे एमपॉक्स का कौन-सा स्ट्रेन हुआ है. 

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, संक्रमित व्यक्ति कुछ समय पहले ही दुबई से लौटा था. अभी उसका अस्पताल में इलाज चल रहा है. साथ ही, उसके संपर्क में आए सभी लोगों का पता लगाया जा रहा है. और, उन पर नज़र रखी जा रही है. इससे इतर, एमपॉक्स का दूसरा मरीज़ भी केरल में मिला है. लेकिन, अभी तक ये पता नहीं है कि वो एमपॉक्स के किस स्ट्रेन से संक्रमित हुआ है.

एमपॉक्स के क्लेड 1 बी स्ट्रेन की बात करें तो ये पहले के स्ट्रेन क्लेड 1 से ज़्यादा संक्रामक है. ये बहुत तेज़ी से फैलता है. साल 2022 से अब तक एमपॉक्स के कम से कम 32 मामले भारत में आ चुके हैं. एक मौत भी हुई है. लेकिन इनमें से कोई भी क्लेड 1 बी स्ट्रेन का नहीं था. ये क्लेड 1 बी का पहला मामला है. इसलिए सावधानी ज़रूरी है.

एमपॉक्स क्या है. कैसे फैलता है. इसके लक्षण क्या हैं, और इससे बचाव कैसे किया जाए. ये हमने पूछा डॉक्टर कुलदीप कुमार ग्रोवर से. 

dr kuldeep kumar grover
डॉ. कुलदीप कुमार ग्रोवर, हेड, पल्मोनोलॉजी, सीके बिड़ला हॉस्पिटल, गुरुग्राम

डॉक्टर कुलदीप बताते हैं कि एमपॉक्स एक ज़ूनोटिक बीमारी है. यानी ये जानवरों से इंसानों में होती है. फिर एक इंसान से दूसरे इंसान में फैलती है. ये किसी संक्रमित इंसान के पास आने, उसकी स्किन छूने, करीब से बात करने और यौन संबंध बनाने से फैल सकती है.

एमपॉक्स का वायरस आंख, नाक, मुंह और सांस के ज़रिए शरीर में दाखिल होता है. ये उन चीज़ों को छूने से भी हो सकती है, जिसे संक्रमित इंसान ने इस्तेमाल किया हो. जैसे कपड़े.

mpox symptoms
एमपॉक्स होने पर स्किन में घाव पड़ जाते हैं

अगर किसी को एमपॉक्स हो जाए तो उसे बुखार आने लगता है. सिरदर्द होता है. स्किन में घाव पड़ जाते हैं. ये घाव पहले छोटे होते हैं, फिर बड़े होकर फफोले बन जाते हैं. अब अगर मरीज़ में लक्षण हल्के हैं, तो वो अक्सर ठीक हो जाता है. लेकिन, उसे ठीक होने में कम से कम 4 हफ्ते लगते हैं.

डॉक्टर कुलदीप बताते हैं कि एमपॉक्स का इलाज इसके लक्षणों पर निर्भर करता है. अगर आपको बुखार या दूसरे लक्षण महसूस होते हैं, तो आपको आइसोलेशन वॉर्ड में रखा जाएगा. वहां आपकी मॉनिटरिंग होगी और कई तरह के टेस्ट किए जाएंगे. जैसे लिवर फंक्शन टेस्ट और किडनी फंक्शन टेस्ट. इन टेस्ट के जरिए ये देखा जाता है कि इससे किसी दूसरे अंग पर तो असर नहीं पड़ रहा. अगर दूसरे अंगों पर असर पड़ता है, तो एमपॉक्स जानलेवा हो सकता है. खासकर उन लोगों में जिनकी इम्यूनिटी बहुत कमज़ोर है. इसलिए, आप अपनी इम्यूनिटी मज़बूत रखें. एक बैलेंस्ड डाइट लें. हाइड्रेटेड रहें. और, एमपॉक्स से जुड़ा कोई भी लक्षण महसूस होने पर बिना देर किए डॉक्टर से मिलें.

(यहां बताई गई बातें, इलाज के तरीके और खुराक की जो सलाह दी जाती है, वो विशेषज्ञों के अनुभव पर आधारित है. किसी भी सलाह को अमल में लाने से पहले अपने डॉक्टर से जरूर पूछें. ‘दी लल्लनटॉप ’आपको अपने आप दवाइयां लेने की सलाह नहीं देता.)

वीडियो: सेहत: क्या चिंता की बात है कोविड-19 का नया वेरिएंट?

Comments
thumbnail

Advertisement

Advertisement