The Lallantop
Advertisement

फेफड़े समय से पहले बूढ़े तो नहीं हो रहे? इन लक्षणों से पता चलता है

फेफड़ों की सेहत बिगड़ने का पहला संकेत है, सांस लेने में तकलीफ होना.

Advertisement
how to know if your lungs are not healthy
फेफड़ों से जुड़े किसी भी लक्षण को नज़रअंदाज़ न करें
1 अक्तूबर 2024 (Published: 22:33 IST)
font-size
Small
Medium
Large
whatsapp share

क्या आपके फेफड़े भी उतने जवान और तंदुरुस्त हैं, जितने आप? कहीं आपके फेफड़े (Lungs) समय से पहले बूढ़े और ख़राब तो नहीं हो गए? अब ये पता कैसे चलता है? ये हमें बताया डॉक्टर कुलदीप कुमार ग्रोवर ने.

dr. kuldeep kumar grover
डॉ. कुलदीप कुमार ग्रोवर, हेड, पल्मोनोलॉजी, सीके बिड़ला हॉस्पिटल, गुरुग्राम

डॉक्टर कुलदीप कहते हैं कि फेफड़ों की सेहत बिगड़ने का पहला संकेत है, सांस लेने में तकलीफ होना (Breathing difficulty). अगर हम एक्सरसाइज़ कर रहे हैं या कोई मेहनत वाला काम कर रहे हैं. तब सांस फूलना आम बात है. लेकिन, अगर रोज़ के छोटे-छोटे काम करते हुए भी सांस लेने में मुश्किल आए. 4 कदम सीढ़ी न चढ़ी जाए. तब ये चिंता की बात है.

देखिए, जब हम सांस लेते हैं तो हमारे फेफड़े फैलते हैं. वहीं जब सांस छोड़ते हैं तो फेफड़े सिकुड़ते हैं. लेकिन, समय के साथ, फेफड़ों के फैलने-सिकुड़ने की क्षमता कम होने लगती है. जिससे हमारा शरीर पर्याप्त ऑक्सीज़न सोख नहीं पाता. सांस फूलने लगती है.

दूसरा संकेत है, सांस लेते वक्त सीटी जैसी आवाज़ आना. जब सांस लेने का रास्ता पतला हो जाता है. तब हवा को फेफड़ों के अंदर जाने और बाहर निकलने में मुश्किल होती है. इसलिए सीटी जैसी आवाज़ आती है. सांस लेने का ये रास्ता कई वजहों से सिकुड़ सकता है. जैसे Asthma होने पर. फ्लू होने पर. सांस के रास्ते में कोई इंफेक्शन होने पर. या फिर Chronic Obstructive Pulmonary Disease होने पर यानी COPD.

dyspnea
सांस लेने में परेशानी यानी फेफड़े सही से काम नहीं कर रहे (सांकेतिक तस्वीर)

अगर आपको ऐसा महसूस होता है कि आप ठीक से सांस नहीं ले पा रहे. तो, ये फेफड़ों के ख़राब होने का तीसरा संकेत है. सांस लेने में परेशानी को मेडिकल भाषा में डिस्पेनिया (Dyspnea) कहते हैं. ऐसा तब होता है, जब फेफड़ों के ढंग से काम करने की क्षमता घट जाती है. डिस्पेनिया की दिक्कत कई वजहों से हो सकती है. जैसे दिल या फेफड़ों की कोई बीमारी होने पर. Anxiety या Panic Attack आने पर. किसी एलर्जी या बीमारी के चलते.

डॉक्टर कुलदीप आगे कहते हैं कि फेफड़ों के ख़राब होने का चौथा संकेत है, खांसी के साथ कफ (Cough) आना. कफ यानी बलगम. हमारा शरीर बलगम बनाता है ताकि रेस्पिरेटरी सिस्टम उसको किसी वायरस, बैक्टीरिया, एलर्जी और जलन से बचा सके. रेस्पिरेटरी सिस्टम (Respiratory System) यानी वो अंग जो सांस लेने और छोड़ने में हमारी मदद करते हैं. लेकिन, अगर हर बार खांसी के साथ बलगम बाहर निकलने लगे, तो इसका मतलब है कि फेफड़े अपना काम सही से नहीं कर रहे हैं और वो बीमार हैं.

लिहाज़ा अगर आपको ये लक्षण महसूस हो रहे हैं, तो डॉक्टर से ज़रूर मिलें वरना परेशानी बढ़ सकती है.

(यहां बताई गई बातें, इलाज के तरीके और खुराक की जो सलाह दी जाती है, वो विशेषज्ञों के अनुभव पर आधारित है. किसी भी सलाह को अमल में लाने से पहले अपने डॉक्टर से जरूर पूछें. ‘दी लल्लनटॉप ’आपको अपने आप दवाइयां लेने की सलाह नहीं देता.)

वीडियो: सेहतः फैल रहा है स्वाइन फ़्लू, बचने का तरीका जान लें!

Comments
thumbnail

Advertisement

Advertisement