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जावेद अख़्तर बोले- ज़ोया और फ़रहान के लिए गाने लिखने में फंस गए थे!

जावेद अख्तर ने 'द आर्चीज़' को लेकर क्या खुलासा कर दिया?

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जावेद और ज़ोया अख़्तर (तस्वीर - सोशल मीडिया)
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सोम शेखर
22 जनवरी 2023 (Updated: 22 जनवरी 2023, 19:15 IST)
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"पहले तो ये ग़लतफ़हमी अपने जे़हन से निकाल दीजिए कि जो आपसे बाद में पैदा हुआ है, वो कमअक्ल है. आपके पास अनुभव ज़रूर है, लेकिन वो अपने समय को आपसे बेहतर समझता है."

ये नसीहत दी है जावेद अख़्तर ने, जब वो आए थे लल्लनटॉप के न्यूज़रूम. दरअसल, जावेद अख़्तर की ज़िंदगी पर लिखी किताब 'जादूनामा' 9 जनवरी को लॉन्च हुई. किताब लिखी है अरविंद मंडलोई ने. इसी सिलसिले में जावेद अख़्तर और अरविंद मंडलोई आए थे हमारे स्पेशल शो 'गेस्ट इन द न्यूज़रूम' में. हमने जावेद साहब से अलग-अलग शख्सियतों के बारे में पूछा. रैपिड फ़ायर टाइप. बस इस वाले रैपिड फ़ायर में कोई कॉन्ट्रोवर्सी नहीं होती. हमने अमिताभ बच्चन, धर्मवीर भारती, गुलज़ार, जवाहरलाल नेहरू, सलमान अख़्तर, शबाना आज़मी और ज़ोया अख़्तर के बारे में बात की.

लोगों को अक्सर ये मुग़ालता होता है कि उम्र उन्हें अपने से छोटों को नकार देने का अधिकार दे देती है. जिन्हें मुग़ालता हो, वो जावेद साहब को अपनी बेटी ज़ोया अख़्तर के बारे में बात करते हुए सुन लें.

"ठीक है..वो मेरी बेटी है, लेकिन बतौर लेखक और डायरेक्टर मेरे दिल में उसके लिए बहुत इज़्ज़त है. मैं इज़्ज़त शब्द का इस्तेमाल जानबूझकर कर रहा हूं. न मैं उसके काम को ऐसे देखता हूं कि वो मेरी बेटी है, न ऐसे कि मैं उसका बाप हूं. ये ज़रूर है कि कभी अगर उसने मुझसे कोई राय मांगी हो, तो मैंने दी है. नहीं तो मैं उसके काम में दख़ल नहीं देता.

उसकी एक फ़िल्म थी: 'दिल धड़कने दो'. उसमें बाक़ी डायलॉग्स तो किसी और ने लिखे थे, लेकिन जो कुत्ता था - 'प्लूटो', उस कुत्ते के डायलॉग मेरी बेटी ने मुझसे लिखवाए. कभी-कभी मैं सोचता हूं कि कुत्ते के डायलॉग्स के बारे में उसे ऐसा ख़्याल क्यों आया, कि मेरे बाप से बेहतर कुत्ते के डायलॉग्स तो कोई नहीं लिख सकता. ये मेरे लिए भी पहेली है और मैं पूछता नहीं चाहता हूं, कि कहीं सच न बता दे!"

आगे जावेद साहब ने ज़ोया के ऑन-गोइंग प्रोजेक्ट के बारे में बताया - 'आर्चीज़'. ज़ोया अख़्तर ने रीमा कागती और आयेशा देवित्रे के साथ मिलकर नेटफ़्लिक्स के लिए एक कहानी रची है, जिसके किरदार आधारित हैं 'द आर्चीज़' नाम की कॉमिक्स सीरीज़ पर. ये टीनेज रॉम-कॉम सिरीज़ ख़ासी पॉपुलर कॉमिक्स रही है. शाहरुख ख़ान की बेटी सुहाना ख़ान, श्रीदेवी की बेटी ख़ुशी कपूर और अमिताभ बच्चन के नाती अगस्त्य नंदा फ़िल्म के मुख्य किरदार होंगे. इसमें गुत्थी ये आई थी कि कॉमिक्स के किरदारों का भारतीयकरण कैसे करेंगे? जनता रिलेट कैसे करेगी? इसी पर जावेद साहब ने बताया कि किरदार के नाम तो वही होंगे जो कॉमिक्स में थे. जैसे: आर्चीज़, वेरॉनिका, बेट्टी. लेकिन कहानी सेट है 1960 के दशक में. किसी हिल स्टेशन में रहेंगे, शायद नैनीताल या मसूरी. और, ज़ोया की फ़िल्म की कहानी सिर्फ़ कुछ मौजमस्ती करने वाले जवान लड़के-लड़कियों पर केंद्रित नहीं होगी. इसकी बुनियाद पर्यावरण जैसे गंभीर मुद्दे पर टिकी है.

तस्वीर - ‘द आर्चीज़’ का पोस्टर

जावेद अख़्तर इस फ़िल्म के भी गाने लिख रहे हैं. और, उन्होंने बताया कि ये गाने लिखने बहुत मुश्किल हैं. 'सिलसिले', '1942: ए लव स्टोरी', 'कभी अलविदा न कहना', जैसी फ़िल्मों से भी ज़्यादा.

"मेरी लाइफ़ में एक-दो पिक्चरें आई हैं, जिसके गाने लिखना बहुत टेढ़ा काम रहा. ये भी एक है. इसलिए कि जो सिंपलीसिटी उनके डायलॉग और ज़ुबान में है, वही गाने में होनी चाहिए. अगर गाने में मैंने क़रार भी लिख दिया या ग़ुस्सा भी लिख दिया, तो ऑडियंस चौंक जाएगी, कि ये उर्दू का लफ़्ज़ है. यहां फिट नहीं बैठ रहा. इतनी साफ़ ज़ुबान चाहिए कि किसी को ध्यान भी न आए कि ये किरदार अंग्रेज़ी में नहीं गा रहे हैं. ये तो हिंदी में गा रहे हैं. या उर्दू में. तो समझिए मेरी 75 फ़ीसदी वोकैबलरी तो मैंने अलग कर दी. अब इस 25 में गाना लिखना है, और जो बात कहनी है, वो तो कहनी ही है. इसी 25% में."

इसी लिस्ट में जावेद साहब ने अभिषेक कपूर की फ़िल्म 'रॉक ऑन' का ज़िक्र भी किया, जिसमें फ़रहान ने ऐक्टिंग की थी और गाने गाए थे. बताया कि उसी साल 'जोधा अकबर' भी रिलीज़ हुई थी और सारे अवॉर्ड्स उन्हें 'जोधा अकबर' के लिए मिले, लेकिन मुश्किल काम 'रॉक ऑन' में था. फ़िल्म और फ़िल्म के गाने तो बहुत चले, लेकिन अवॉर्ड किसी ने नहीं दिया. ज़ोर देकर कहा कि 'मेरी लॉन्ड्री का एक बिल.. एक आधी पढ़ी नॉविल..' लिखना मुश्किल काम था. क्योंकि इस तरह के शब्द जॉनी वॉकर और महमूद जैसे कमेडियन्स के गानों में आते थे. इन शब्दों के साथ गंभीर गाना लिखना है, यूथ का गाना है. ऐसा काम हुआ न था. ख़ुद ही कहा, कि जोधा अकबर के गाने अच्छे हैं, लेकिन वैसे गाने या उस टेक्सचर के गाने पहले भी लिखे गए हैं. ये पहले नहीं लिखा गया था. अब जाते-जाते इस कूल रॉक सॉन्ग के मुखड़ा पढ़ लीजिए -

मेरी लॉन्ड्री का एक बिल
इक आधी पढ़ी नॉवेल
एक लड़की का फोन नंबर
मेरे काम का एक पेपर
मेरे, ताश से हार्ट का किंग
मेरा, इक चांदी की रिंग
पिछले सात दिनों में मैंने खोया
कभी ख़ुद पे हंसा मैं,
और
कभी ख़ुद पे रोया

बाक़ी गाना यहां.

वीडियो: गेस्ट इन द न्यूज़रूम: जावेद अख्त़र ने नेहरू और फै़ज़ अहमद फै़ज़ से जुड़ा मजे़दार किस्सा सुनाया

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