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हाउस ऑफ़ द ड्रैगन: सीज़न 01 रिव्यू (House of the Dragon Review)

House of the Dragon season 2 आने वाला है. इसी महीने से प्रीमियर शुरू होगा. टीवी शोज़ की दुनिया के सबसे बड़े करतब Game of Thrones की इस प्रीक्वल सीरीज़ का पहला सीज़न 2022 में देखा गया था. कैसा था ये सीज़न? कैसी थी ये फ़िल्ममेकिंग? कैसे थे इसके भयंकर ड्रैगन? इन सबके जवाब इस निहायती पर्सनल रिव्यू और विश्लेषण में.

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HOTD Season 1 Review
ये सीज़न बस पायलेट ऐक्ट था. नृत्य और नृत्य के इर्द-गिर्द की हरक़त अभी बाक़ी है. चित्र में रक्त नहाया डेमन.
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सोम शेखर
26 अक्तूबर 2022 (Updated: 13 जून 2024, 14:15 IST)
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24 अक्टूबर को दीपावली थी. और था 'हाउस ऑफ़ द ड्रैगन' का सीज़न फ़िनाले. दो 'धमकदार' इवेंट्स. अग्नि और वैभव से भरपूर. इस सीज़न (House of the Dragon) के दस एपिसोड्स निपट गए. अब अगला सीज़न कब आएगा? इसका जवाब दीपावली के अगले दिन जैसा है. सुनसान. ख़ाली. उदास. परीवा जैसा. सीरीज़ के फ़ैन्स अब वापस से मंडे का इंतज़ार करना बंद कर देंगे. या मुल्तवी कर देंगे. अगली बार तक.. पोएटिक न करें, तो 16 जून, 2024 से शुरू होकर अगले दो महीनों में दूसरा सीज़न आ जाना चाहिए. ये सीज़न कैसा लगा? इसमें 'गेम ऑफ़ थ्रोन्स' वाली बात थी कि नहीं? सब बताएंगे.

हमने एपिसोड-ब-एपिसोड सीरीज़ का रिव्यू किया है. इस पूरे यूनिवर्स का इतिहास-भूगोल बताया है. इसी क्रम में हमने आपको बताया था कि सीरीज़ में वेस्टरोस का एक बहुत ही हैरतअंगेज़ और ख़तरनाक़ इवेंट 'डांस ऑफ़ द ड्रैगन' दिखाया जाएगा. कहानी सेट है टार्गेरियन्स के सिकंदर, एगॉन (प्रथम) के मरने के कुछ साल बाद और 'गेम ऑफ़ थ्रोन्स' के घटन के बीच में. तो इस सीज़न में डांस तो नहीं हुआ. डांस का माहौल बना है. तगड़ा माहौल! एकाध सीन में डांस की झलक है, लेकिन बस पायलेट ऐक्ट. नृत्य और नृत्य के इर्द-गिर्द की हरक़त अभी बाक़ी है. हरक़त का ज़िक्र हुआ, तो बता दें कि हरक़त इस सीज़न में भी क़ायदे से है. हरक़त बोले तो पोलटिक्स. सीरीज़ और इस कहानी का सबसे मुख्य आकर्षण.

सब के सब चोर हैं!

"मैं ऐसा कोई वादा नहीं करूंगा, जिस पर मैं क़ायम नहीं रह सकता. जब बहुत सारे लोग झूठे वादे करने लगें, तो शब्दों का कोई मतलब नहीं रह जाता. फिर कोई जवाब नहीं रह जाता. बस बचते हैं बेहतर और बेहतर झूठ."

ये जॉन स्नो ने कहा था. GOT के सातवें सीज़न के सातवें एपिसोड में. तब, जब उसे कहा जा रहा था कि बस नाम के लिए वादा कर दो, बाद में देख लिया जाएगा. जॉन स्नो ने वादा नहीं किया. अपनी खुद्दारी के लिए नहीं. शब्द की क़ीमत ज़िंदा रहे, इसलिए. वादे का वजूद रहे, इसलिए. तुलना करना थोड़ा ग़लत हो सकता है, लेकिन इस सीरीज़ में 'गेम ऑफ़ थ्रोन्स' के मुक़ाबले “नैतिकता” का पतन हुआ है. ऐसे कम किरदार हैं, जिन्हें आप “अच्छा” कह सकें; जिनके लिए लगे कि अगर सीन में वो है, तो ग़लत या नाइंसाफ़ी के विरोध में आवाज़ उठेगी.

बीते सालों में नैतिकता के डायल्यूशन पर बहुत बात हुई. डायल्यूशन हुआ भी. केवल फ़िल्मों में नहीं, समाज में. समाज जैसे खुला, नैतिकता के सुफ़ैद-स्याह खांचे भी खुले. ग्रे का ज़ोर बढ़ा. अभी हम ग्रे के दौर में हैं, जहां जजमेंट इस बात से नहीं तय होता कि उसने किया क्या. बल्कि इस पर ज़्यादा टिका होता है कि वो आ कहां से रहा है, उसकी कहानी क्या है, क्राइसिस क्या है. मिसाल के तौर पर, डेमन टारगेरियन का किरदार. सोशल मीडिया पर ख़ूब चर्चा हुई. ख़ासतौर पर फ़िनाले वाले एपिसोड के बाद, कि डेमन तो वैसा नहीं है, जैसा हमने सोचा था. मज़े की बात ये है कि पूरी सीरीज़ भर यही चर्चा होती रही, कि वो ऐसा नहीं, वैसा है. इस पाले नहीं, उस पाले है. अच्छा नहीं, बुरा है; बुरा नहीं, अच्छा है. यही है ग्रे. देखने में दिलचस्प होता है. सीरीज़ का USP ही यही है. अप्रत्याशित. अनिश्चितता.

ग्रीन बनाम रेड - हाईटावर्स बनाम टारगेरियन्स

इस दुनिया के क़ातिब जॉर्ज आर आर मार्टिन से जब पूछा गया कि उनका सबसे फेवरेट किरदार कौन है, तो उन्होंने कहा, 'डेमन टारगेरियन - द रोग प्रिंस'. दुरुस्त कहा. हमारा भी फेवरेट किरदार वही है. क्यों? क्योंकि उसके किरदार की कॉम्पलेक्सिटी बहुत है. किरदार के फैलान का स्कोप बहुत है. हमेशा चकित करता है, कि हैं! उसने ऐसा कर दिया! ऐसा क्यों किया यार!? लेकिन उसे देख कर नहीं लगता कि अपने किए से वो चकित है. मानो उसे शुरू से पता था कि उसे यही करना है. बहुत ही झीने से लिखा हुआ किरदार है. ताक़तवर और तरंगी. दोनों का हेट्रोजेनस मिक्स. सही नाम दिया है उसे मार्टिन ने - रोग प्रिंस. और, मैट स्मिथ ने लहाया भी बढ़िया है.

डेमन से वापस नैतिकता पर. GOT की दुनिया में ज़्यादा ईमानदार लोग थे. या कहें, ज़्यादा का झुकाव 'सही' की तरफ़ था. वैसे लोग ज़्यादा थे, जो केवल स्वार्थ के लिए किसी भी स्तर तक न उतर जाएं. जो प्रतिकूल समय में सच बोल सकें. इस सीरीज़ में दो-एक थे, जो अंत आने-आने तक निपट चुके हैं. जो बचे हैं, सब फ़सादी हैं. स्वार्थी हैं. कुछ भी कर सकते हैं. अगर आप 'कुछ भी' देखना चाहते हैं, ग्रे की हद देखना चाहते हैं, तो इस मामले में तो सीरीज़ निराश नहीं करेगी. रेनेरा, ऐलिसेंट, ओटो, कोर्लिस, एमंड, सबको कुछ न कुछ चाहिए.

ये चीज नहीं जमी

जैसा हमने बताया, फ़ुल माहौल बनाया गया है. इस स्केल की किसी भी कहानी के लिए ज़रूरी है कि आप उसका सधा हुआ डिस्क्लेमर दें. यहां डिस्क्लेमर से मुराद काली स्क्रीन पर लिखे 'काल्पनिक है, संयोग है' वाले मेसेज से नहीं. डिस्क्लेमर मल्लब दर्शक को उस टाइम ऐंड स्पेस में सेट करना. ताकि कहानी का बोझ न आए. दुनिया और किरदार में आसानी से दाख़िल हुआ जा सके. और, यही इस सीरीज़ का लो पॉइंट है. 10 एपिसोड्स में तीन टाइम जंप्स हैं. इनमें से दो ने कहानी को धीमा कर दिया. तीसरे वाले में मज्जा आया. लेकिन ये वो वाला रिस्क है, जो लेना ही पड़ता है.

ऐलिसेंट और रेनेयरा. क्या से क्या हो गए देखते-देखते!

क्रिएटर के लिए ये एडिटोरियल चॉइस जैसा है, कि क्या ज़रूरी है और क्या अत्यंत ज़रूरी है. उन्हें उत्ते में सब समेटना होता है. तो मेकर्स ने वो रिस्क लिया. कहीं लैंड किया. कहीं रह गया. कुछ-एक ट्रांज़िशन्स बहुत बेतुके लगे. सालों बाद भी किरदार इवॉल्व न करे, या दिखाया न जाए, तो जमता नहीं है.  

ड्रैगन्स ही ड्रैगन्स!

ड्रैगन्स की दुनिया में तो HOTD ने GOT को बुरा पछाड़ा है. तार-तार कर दिया बिल्कुल. GOT के फ़ायर-ब्रैंड प्रचारकों में से एक थे ड्रैगन्स. खूंखार-आदमखोर जीव, जिन्हें स्क्रीन पर देख चिल्स आ जाते हैं. HOTD में ड्रैगन्स का ट्रीटमेंट ड्रैगन्स वाला है. ये बहुत ज़रूरी था. 'गेम ऑफ़ थ्रोन्स' के ड्रैगन्स अच्छे तो थे, मगर समझ नहीं आते थे. आख़िरी एपिसोड तक समझ नहीं आया कि असल में ड्रैगन्स थे कितने बड़े? कभी बहुत बड़े लगते थे. वेल जितने. कभी हाथी से थोड़े बड़े. और, तीन ड्रैगन्स थे. तीनों में रंग के अलावा कोई फ़र्क़ नहीं. लेकिन, इस सीरीज़ में ऐसा नहीं है. मेहनत हुई है उन पर. काम हुआ है. सीज़न में 9 ड्रैगन्स दिखे. सबका रंग अलग. आकार अलग. नाक-नक्शा अलग. सूरत-सीरत अलग. और, इस बार उन्हें केवल हवा में उड़ते, आग उगलते दानवों जैसा नहीं दिखाया गया है. उन्हें शो का मुख्य हिस्सा दिया है. टार्गेरियन्स के साथ उनका रिश्ता कैसा था? कैसे बना? कौन सा ड्रैगन किससे बॉन्ड करता है? ये सब दिखाया गया है.

ये सीन दिखा, तो रोमांच उठा और डर लगा. दोनों एक साथ.

इस रेफ़रेंस में दो संवाद क़ाबिल-ए-ज़िक्र हैं. डेमन रेनेयरा से एक बार कहता है - "सपनों ने नहीं, ड्रैगन्स ने हमें राजा बनाया है."

हालांकि, डेमन का कहा तो लोगों को जंचा. पसंद किया गया. लेकिन, डेमन के भाई और पूर्व राजा विसेरियस ने भी एक सटीक बात कही थी, जिस पर शुरुआत में लोगों का ध्यान कम गया, लेकिन पूरी सीरीज़ देख लेने वाले अब इस वाक्य की अहमियत समझते होंगे. विसेरियस ने रेनेरा से ही कहा था,

"ये सोचना कि हम ड्रैगन्स को नियंत्रित करते हैं, असल में एक भ्रम है. वो एक ऐसी ताक़त हैं, जिनके साथ मनुष्यों को कभी छेड़-छाड़ नहीं करनी चाहिए थी."

स्पॉयलर नहीं देंगे, मगर आख़िरी एपिसोड तक विसेरियस की कई बातें बहुत सही लगने लगेंगी.

ग्रे की हद तक 

संभावनाएं अब भी बहुत हैं, मगर किरदार अब काफ़ी हद तक खुल गए हैं. बड़ी पिक्चर में अंदाज़ा लगाया जा सकता है कि कौन क्या करेगा. ग्रे की हद तक चलेंगे साथी!

कई जगहों पर लिखाई और सीन के रचाव में GOT का एलिमेंट दिखता है. जैसे नवां एपिसोड. थ्रोन्स फ़ैन्स जानते हैं कि असल एपिसोड दसवां नहीं, नवां होता है. झकझोर देने वाला खेल नवें में ही होता है. इस सीज़न के नवें एपिसोड में ये एलिमेंट है. एक तो पूरे एपिसोड में बहुत ज़बरदस्त तनाव रहा. पूरा एपिसोड कटा धमाके से पहले वाली शांति में और फिर धमाका नहीं, कोलाहल हुआ.

डेमन के प्रति मेकर्स का बायस था. उसके सीन्स बहुत ग्रैंड हैं. 

कुछ सीन बहुत ग्रैंड हैं. जब म्यूज़िक और विज़ुअल साधारण सीन को भी भव्य बना दें, वैसे ग्रैंड सीन. कुछ सीन केवल कहानी के खिंचाव की वजह से ग्रैंड हो जाते हैं. वैसे सीन इस सीज़न में कम हैं. लेकिन जहां हैं, ठां कर के लगते हैं. जो लोग इंतज़ार कर रहे थे कि सारे एपिसोड्स आ जाएं, फिर देखेंगे, वो हॉटस्टार पर ये सीरीज़ देख सकते हैं. इसके अलावा, इस कल्ट सीरीज़ के कल्ट होने का कारण बस सिनेमा नहीं था. किसी कृति में जब पाठक और दर्शक इन्वॉल्व होता है, तो वो कल्ट का दर्जा हासिल करती है. इस शो और किताब के बारे में होने वाली चर्चाएं बहुत रोचक हैं. पाठकों-दर्शकों के हिस्से के क़यास और उम्मीदें. रेडिट पर ऐसी ढेरों चर्चाएं हैं. होती रहती हैं. आप भी उसमें हिस्सा ले सकते हैं.

बाक़ी सोमवार को फिर से चाहने के और ज़रिए ढूंढ़े जाएंगे. 

सीरीज़ रिव्यू: हाउस ऑफ द ड्रैगन एपिसोड 9

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