Hyderabad Lok Sabha Result: हैदराबाद में ओवैसी Vs माधवी लता की लड़ाई का क्या हुआ? रिजल्ट आ गया है
Hyderabad Lok Sabha Result: हैदराबाद लोकसभा सीट को AIMIM का गढ़ कहा जाता है. पार्टी साल 1989 लेकर 2019 तक हैदराबाद सीट पर हुए कुल 9 लोकसभा चुनावों में से एक भी नहीं हारी है.
तेलंगाना की हैदराबाद सीट (Hyderabad Lok Sabha Result) से AIMIM के अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी (Asaduddin Owaisi Result) ने बड़े अंतर से चुनाव जीत लिया गै. उनके सामने BJP की उम्मीदवार माधवी लता (Madhavi Latha) थीं. इस सीट से कांग्रेस के मोहम्मद वलीउल्लाह समीर और BRS के श्रीनिवास यादव भी चुनाव लड़ रहे थे.
असदुद्दीन ओवैसी को 6 लाख 61 हजार से अधिक वोट मिले, वहीं BJP की माधवी लता 3 लाख 23 हजार से अधिक वोटों के साथ दूसरे नंबर पर रहीं.
2014 और 2019 के चुनाव नतीजेसाल 2019 के लोकसभा चुनाव में असदुद्दीन ओवैसी ने यहां से एकतरफा जीत हासिल की थी. ओवैसी को लगभग 5 लाख 17 हजार वोट मिले थे. उनका वोट प्रतिशत लगभग 64 था. लगभग 27 प्रतिशत वोट के साथ BJP भगवंत राव दूसरे नंबर पर रहे थे. उन्हें लगभग 2 लाख 35 हजार वोट मिले थे. वहीं TRS (अब BRS) और कांग्रेस के उम्मीदवार क्रमश: तीसरे और चौथे नंबर पर रहे थे.
बिहार के चुनाव के परिणाम जानने के लिए इसे पढ़ें: लोकसभा चुनाव में बिहार की लेफ्ट पार्टियों की नई पारी, 2 सीटों पर जीत
साल 2014 के लोकसभा चुनाव में भी ओवैसी ने एकतरफा जीत हासिल की थी. इस चुनाव में ओवैसी लगभग 5 लाख 14 हजार वोट लाए थे. उनका मत प्रतिशत लगभग 53 था. वहीं 32 प्रतिशत वोट के साथ BJP के भगवंत राव दूसरे नंबर पर रहे थे. राव को लगभग 3 लाख 11 हजार वोट मिले थे. इस चुनाव में कांग्रेस और TRS (अब) के उम्मीदवार क्रमश: तीसरे और चौथे नंबर पर रहे थे.
हैदराबाद सीट के समीकरणहैदराबाद लोकसभा सीट को AIMIM का गढ़ कहा जाता है. पार्टी साल 1989 लेकर 2019 तक हैदराबाद सीट पर हुए कुल 9 लोकसभा चुनावों में से एक भी नहीं हारी है. 1984 से 2004 तक 6 बार असदुद्दीन ओवैसी के पिता सलाहुद्दीन ओवैसी यहां से सांसद रहे और 2004 से 2019 तक 4 बार असदुद्दीन ओवैसी. ऐसे में इस सीट पर ओवैसी परिवार का कब्जा रहा है.
राजनीतिक विश्लेषकों का कहना है कि AIMIM से हैदराबाद सीट को छीनना बहुत मुश्किल है. हैदराबाद सीट मुस्लिम समुदाय के प्रभुत्व वाली सीट है और इस बार का चुनाव CAA और UCC जैसे मुद्दों के इर्दगिर्द केंद्रित है. ऐसे में BJP की उम्मीदवार माधवी लता के सामने बड़ी चुनौती है. इस साल रामनवमी के दिन माधवी लता का एक वीडियो वायरल हुआ था, जिसके बाद से सांप्रदायिक ध्रुवीकरण और तेज हुआ है.
राजनीतिक विश्लेषक ये भी कहते हैं कि भले ही असदुद्दीन ओवैसी INDIA गठबंधन की आलोचान करते रहे हैं, लेकिन इस बार उन्हें हैंदराबाद में कांग्रेस का साइलेंट सपोर्ट मिला हुआ है. इस साल मार्च में तेलंगाना के मुख्यमंत्री रेवंत रेड्डी ने असदुद्दीन ओवैसी की तारीफ की थी. बदले में ओवैसी ने भी रेड्डी के लिए कहा था कि वो आराम से पांच साल तक तेलंगाना में सरकार चलाएं.
वीडियो: 'हमको वोट कटवा...', ओवैसी ने UP में SP-AAP को ख़ूब घेरा