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छत्तीसगढ़ का अगला मुख्यमंत्री बनेगा ये लड़का?

छत्तीसगढ़ में प्रचार के दौरान अमित शाह ने दो लोगों के लिए कहा था, 'आप इन्हें जिता दीजिए, बड़ा आदमी मैं बना दूंगा.' इनमें से एक ओपी भी थे.

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BJP ने चुनाव से पहले किसी भी CM चेहरे को पेश नहीं किया था. ( फोटो: आजतक)
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मनीषा शर्मा
3 दिसंबर 2023 (Updated: 3 दिसंबर 2023, 18:32 IST)
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छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव (Chhattisgarh Assembly Election Results 2023 ) में भारतीय जनता पार्टी (BJP) जीतती नज़र आ रही है. खबर लिखे जाने तक BJP 90 में से 56 सीटों पर आगे चल रही है. इसके बाद अगला बड़ा सवाल है कि छत्तीसगढ़ में मुख्यमंत्री (Chhattisgarh CM) कौन बनेगा? BJP ने चुनाव से पहले किसी भी CM चेहरे को पेश नहीं किया था. पार्टी में कई लोग मानते हैं कि 2003 से 2018 तक CM रहे डॉक्टर रमन सिंह को ही BJP मुख्यमंत्री बनाएगी. लेकिन कई लोगों का मानना है कि पार्टी किसी नए चेहरे पर दांव लगाएगी. इस लिस्ट में कई लोगों के नाम हैं.

1. ओपी चौधरी

पूर्व IAS अधिकारी. रायपुर और दंतेवाड़ा ज़िलों के कलेक्टर रहे. नवाचार के लिए मनमोहन सिंह सरकार ने सम्मानित किया था. 13 साल तक IAS में सेवा के बाद इस्तीफा दे दिया और भाजपा में शामिल हो गए. साल 2018 में खरसिया सीट से चुनाव लड़े थे, लेकिन हार गए थे. इस बार इन्होंने रायगढ़ से पर्चा भरा. और इनके प्रचार के लिए स्वयं केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने वहां जाकर प्रचार किया था. शाह ने तब अपनी सभा में कहा था, 

“आप चौधरी को चुनाव जिता दें. इन्हें बड़ा आदमी मैं बना दूंगा. बड़ा आदमी बनाना मेरा काम है.”

OBC समाज से आने वाले ओपी चौधरी छत्तीसगढ़ भाजपा के महासचिव रह चुके हैं. छत्तीसगढ़ के लोग बताते हैं कि भाजपा का केंद्रीय अलाकमान (पढ़ें मोदी-शाह) के लिए ओपी आंख नाक और कान का काम करते हैं. नियमित रूप से उनसे फीडबैक लिया जाता है. 

2. अरुण साव  

अरुण साव बिलासपुर सांसद और BJP के प्रदेश अध्यक्ष हैं. अरुण साव OBC वर्ग के साहू समाज से आते हैं. छत्तीसगढ़ में इस समाज की आबादी लगभग 12 फीसदी बताई जाती है. पिछले लोकसभा चुनाव में उन्होंने बिलासपुर सीट से जीत हासिल की थी.

अरुण साव 1996 से 2005 तक भारतीय जनता युवा मोर्चा में विभिन्न पदों पर कार्यरत रहे. 1998 में वो दशरंगपुर से जनपद सदस्य के लिए भाजपा प्रत्याशी बने. अगस्त 2022 में आदिवासी वर्ग के विष्णुदेव साय को हटाकर अरुण साव को BJP प्रदेश अध्यक्ष का पद सौंपा गया था. 

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3. रेणुका सिंह 

डॉक्टर रेणुका सिंह आदिवासी समाज से आती हैं. BJP ने रेणुका को कोरिया जिले की भरतपुर सोनहत सीट से मैदान में उतारा था. रेणुका केंद्र सरकार में राज्यमंत्री हैं और साल 2003 में पहली बार विधायक निर्वाचित हुई थीं. इसके साथ उन्होंने छत्तीसगढ़ BJP की महिला मोर्चा में महामंत्री के रूप में काम भी किया हुआ है. अगर पार्टी आदिवासी समाज से आने वाली किसी महिला को सीएम बनाना चाहे, तो रेणुका का नाम उनमें सबसे आगे होगा.

4. विष्णुदेव साय 

आदिवासी समाज से आने वाले विष्णुदेव साय कुनकुरी विधानसभा सीट से BJP प्रत्याशी हैं. इन्हें केंद्रीय संगठन और पूर्व मुख्यमंत्री डॉक्टर रमन सिंह का करीबी माना जाता है. साल 1999 से 2014 तक रायगढ़ से सांसद रहे हैं. मोदी सरकार के पहले कार्यकाल में साय को केंद्र में मंत्री बनाया गया. जिसके बाद इन्होंने संगठन पद से इस्तीफ़ा दे दिया था. विष्णुदेव साय के लिए भी कुनकुरी में चुनाव प्रचार के दौरान केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा था कि विष्णुदेव साय हमारे कार्यकर्ता रहे, नेता हैं. सासंद हैं विधायक हैं, प्रदेश अध्यक्ष रहे. आप इनको विधायक बना दो. बाद में बड़ा आदमी बनाने का काम हम करेंगे.

माने विष्णुदेव साय और ओपी चौधरी, दोनों के लिए शाह ने कहा कि जनता उन्हें जिताए, वो बड़ा आदमी बना देंगे. सो जनता के चुनाव के बाद अब शाह के चुनाव की बारी है.

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