फीफा ने इंडियन फुटबॉल पर बैन लगा दिया है. प्रफुल्ल पटेल के विवादित कार्यकाल और फिर उतनी ही विवादित विदाई से शुरू हुआ ये ड्रामा अब फीफा के बैन पर आकर रुका है. फीफा ने इंडियन फुटबॉल पर बैन क्यों लगाया, ये हम आपको पहले ही बता चुके हैं. अब हम बात करेंगे इस बैन से होने वाले नुकसान की.
प्लेयर्स का दिल टूटने से लेकर छेत्री के भविष्य पर खतरे तक... AIFF पर FIFA के बैन की चोट यहां-यहां लगेगी!
इंडियन नेशनल टीम और तमाम क्लब्स नहीं खेल पाएंगे कोई भी 'लीगल' मैच.
सबसे पहली चीज तो ये कि बैन लगने का अर्थ ही ऑलमोस्ट नुकसान होना होता है. किसी भी बैन से नुकसान तो होते ही हैं. इस बैन से भी होंगे. कई नुकसान तो अब तक आप लोगों को पता ही चल गए होंगे. इंडियन फुटबॉल फ़ैन्स फ़ीफ़ा का लेटर देखने के बाद से ही नुकसान गिना रहे हैं. अब चलिए इन्हें विस्तार से जानते हैं.
# U17 Women's World Cup गयाभारत में इसी साल अंडर-17 विमिंस वर्ल्ड कप होना था. प्रफुल्ल पटेल की अगुवाई वाले AIFF ने इसके अधिकार हासिल किए थे. इसकी तैयारियां भी जोर-शोर से चल रही थीं. ये वर्ल्ड कप 11 अक्टूबर से 30 अक्टूबर तक होना था. मेजबान शहर और स्टेडियम तैयारियों में लगे थे. लेकिन अब ये तैयारियां बेकार होती दिख रही हैं. अगर AIFF पर लगा बैन ना हटा, तो ये टूर्नामेंट किसी और देश को सौंप दिया जाएगा.
और फिर हमारी फुटबॉल टीम इसमें खेल भी नहीं बन पाएगी. भले ही फ़ीफ़ा का बैन समय रहते हट जाए. क्योंकि हम इसमें बतौर मेज़बान खेल रहे थे. हमने इसके लिए किसी तरह का क्वॉलिफिकेशन नहीं खेला था.
# Indian Football Team को टाटा, बाय-बायइस बैन की अवधि में इंडियन फुटबॉल टीम कोई भी मैच नहीं खेल पाएगी. जैसे ICC क्रिकेट के सारे मैच अप्रूव करती है, वैसे ही हर वो मैच, जिसमें दो देश शामिल हों, FIFA से अप्रूव होता है. ऐसे में बैन लगे देश किसी भी अन्य देश के साथ नहीं खेल पाएंगे. मतलब फुटबॉलर्स का भविष्य अंधेरे में. और ये बैन ना सिर्फ सीनियर टीम पर होगा, बल्कि एजग्रुप टीम्स यानी अंडर-17, अंडर-19, अंडर-23 सारी टीम्स पर यह बैन लागू होगा.
इस बैन की अवधि में पड़ने वाले क्वॉलिफाइंग टूर्नामेंट्स, फ्रेंडली मैच इत्यादि भी भारत नहीं खेल पाएगा. बता दें कि भारत को अगले महीने सिंगापुर और वियतनाम के खिलाफ़ खेलना था. इस बैन के चलते अब टीम का AFC एशियन कप 2023 में खेलना भी मुश्किल हो गया है.
इस फैसले ने दुनिया के महानतम फुटबॉलर्स में से एक, सुनील छेत्री के भविष्य पर भी सवालिया निशान लगा दिया है. अभी खेल रहे फुटबॉलर्स में छेत्री से ज्यादा गोल सिर्फ लियोनल मेसी और क्रिस्टियानो रोनाल्डो ने किए हैं. छेत्री के नाम कुल 84 इंटरनेशनल गोल्स हैं. इंटरनेशनल फुटबॉल में सबसे ज्यादा गोल्स करने वाली ओवरऑल लिस्ट में वह संयुक्त रूप से पांचवें नंबर पर हैं.
एशियन फुटबॉलर्स की बात करें तो वह तीसरे नंबर पर हैं. उनसे आगे मलेशिया के मुख्तार दहारी और ईरान के अली दाइ हैं. 38 साल के हो चुके छेत्री का करियर कुछ ही सालों का बचा है. ऐसे में अगर ये बैन लंबा खिंच गया तो शायद उन्हें बिना किसी प्लान के संन्यास लेने पर मज़बूर होना पड़े. फ़ीफ़ा के संभावित बैन के बारे में उन्होंने हाल ही में कहा था कि जो चीज कंट्रोल में नहीं है उस पर बहुत ध्यान नहीं देना चाहिए.
# Indian Football Clubs का भविष्यइंडिया में क्लब फुटबॉल का हाल पहले से बहुत अच्छा नहीं है. कई लोग इंडियन सुपर लीग (ISL) की चमक-धमक के पीछे असली हाल भूल जाते हैं. जाहिर है कि ISL के आने के बाद इंडियन फुटबॉल में ग्लैमर आया है. लेकिन इसके साथ तमाम सारी समस्याएं भी आई ही हैं. जिनके बारे में लगातार चर्चा होती रहती है. आज हम इनकी बात ना करके, मौजूदा हाल में इंडियन क्लब फुटबॉल की समस्याओं पर बात करेंगे.
सबसे पहली चीज तो ये रहेगी कि इस बैन के दौरान भारतीय क्लब जो भी मैच खेलेंगे, उन्हें AFC या FIFA द्वारा मान्यता नहीं मिलेगी. यानी ये क्लब चाहें तो आपस में खेल सकते हैं, लेकिन इन मैच की अहमियत लोकल मैच जितनी ही रहेगी, जिसे कोई भी वर्ल्ड बॉडी मान्यता नहीं देती. इसके अलावा, अब भारतीय क्लब बैन हटने तक किसी भी FIFA या AFC इवेंट में भाग नहीं ले पाएंगे.
गोकुलाम केरला फुटबॉल क्लब की महिला टीम इसी सोमवार, 15 अगस्त को AFC विमिंस क्लब चैंपियनशिप मैच के लिए उज़्बेकिस्तान के लिए निकली थी. मौजूदा हाल में ये टीम इस इवेंट में नहीं खेल पाएगी. इसके अलावा AFC इवेंट्स के लिए क्वॉलिफाई किए दूसरे भारतीय क्लब भी बैन हटने तक यहां नहीं खेल पाएंगे.
प्रफुल्ल पटेल के चलते भारतीय फुटबॉल टीम को बैन कर देगी फीफा?