पेरेंट्स, बच्चे और गोंद जैसा चिपका स्मार्टफोन

5 Dec 2024

Author: Suryakant

स्मार्टफोन मेकर वीवो ने स्मार्टफोन की वजह से पेरेंट्स और बच्चों के रिश्ते पर पड़ने वाले असर पर एक रिपोर्ट बनाई है.  

Vivo की रपट

Image Credit: Vivo

रिपोर्ट के मुताबिक 76 फीसदी पेरेंट्स बिना फोन के रह ही नहीं सकते. 57 फीसदी सुबह उठकर पहले फोन में घुसते हैं फिर बच्चों से मुखातिब होते हैं. 

फोन ही जीवन है रे बाबा

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बच्चे भी कोई पीछे नहीं. 71 फीसदी बच्चों का मानना है कि वो फोन पर पूरी तरह से निर्भर हैं. 64 फीसदी को स्मार्टफोन की लत लग चुकी है. 

स्मार्टफ़ोन की लत

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पेरेंट्स दिन भर में 5.5 घंटे फोन में गुजार रहे तो बच्चे भी 4.5 घंटे फोन से चिपके रहते हैं. अगर इन घंटों को दिन में बदल दें तो साल के दो महीने तो फोन के साथ निकल गए. 

दो महीने फुर्र

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जाहिर है इस लत का असर दोनों के आपसी रिश्तों पर पड़ा है. 73 फीसदी पेरेंट्स और 69 फीसदी बच्चे फोन को उनके बीच में दूरी का कारण मानते हैं. 

नकारात्मक प्रभाव 

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84 फीसदी पेरेंट्स और 76 फीसदी बच्चे ये मानते हैं कि अगर फोन स्विच ऑफ कर दिया जाए तो उनके दरमियान एक गहरा कनेक्शन बनता है. 

स्विच ऑफ

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दोनों ही इस बात से सहमत हैं कि फोन उनसे या वो फोन से गोंद जैसे चिपके हैं. यहां तक कि छुट्टियों में, परिवार के साथ रहते हुए भी 65 फीसदी पेरेंट्स और 56 फीसदी बच्चे फोन का साथ नहीं छोड़ते. 

फोन नहीं गोंद है

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रिपोर्ट में कई गंभीर बातों को बताया गया है मगर सार यही है कि अगर मौका मिले तो फोन को स्विच ऑफ करो. फिर अपनों के साथ गप्पे मारो या कुत्ते घुमाने निकल जाओ. 

स्विच ऑफ

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