6 June 2024
Credit: Shivangi
कनाडा की 50 साल की एक महिला हर वक्त खुद को नशे में महसूस करती. उसेन हमेशा नींद आते रहती. अपनी सांसों से उसे शराब की गंध भी महसूस होती.
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जब वो डॉक्टर के पास गई तो पता चाला उनके ब्लड में एल्कोहल का लेवल बहुत बढ़ चुका है. डॉक्टर को लगता वो शराब का सेवन करती है. इस लिए वो नशे में रहती है.
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महिला कई सालों तक इससे जूझते रही. बाद में पता चला वो ऑटो-ब्रूरी सिंड्रोम बीमारी से पीड़ित हैं.
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जिसका पता यूनिवर्सिटी ऑफ टोरंटो और माउंट सिनाई के डॉक्टरों ने लगाया. इसका पता चलते ही महिला को पिछले 2 सालों में कम से कम 7 बार इमरजेंसी डिपार्टमेंट जाना पड़ा है.
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ऑटो-ब्रूरी सिंड्रोम या गट फरमन्टेशन सिंड्रोम एक ऐसी कंडीशन है, जिसमें मरीज के पाचन तंत्र से जुड़े अंगों, मुंह या यूरिनरी सिस्टम में फन्जाई या बैक्टीरिया इथेनॉल बनाते हैं.
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ऑटो-ब्रूरी सिंड्रोम में उल्टी होना, चक्कर आना, थकान लगना, बैलेंस बिगड़ना और चलने -फिरने में दिक्कत महसूस होती है.
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ऑटो-ब्रूरी सिंड्रोम का इलाज इस पर निर्भर करता है कि मरीज में ये कंडीशन किस वजह से है. इलाज के लिए आंतों में मौजूद बैक्टीरिया की जांच की जाती है.
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उसके हिसाब से एंटीबायोटिक देकर इलाज किया जाता है. डाइट में प्रोटीन ज्यादा और चीनी कम करने की सलाह दी जाती है.
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