अतीक अहमद पर 1979 में 17 साल की उम्र में पहली बार मर्डर का आरोप लगा. UP में पहली बार गैंगस्टर एक्ट अतीक पर ही लगा था.
अतीक इलाहाबाद पश्चिम सीट से लगातार 5 बार विधायक बना. सबसे पहले उसने 1989 में निर्दलीय चुनाव जीता. फिर 1996 में उसने सपा के टिकट पर चौथी बार जीत दर्ज की.
साल 2004 में अतीक पहली बार लोकसभा पहुंचा. अतीक ने समाजवादी पार्टी के टिकट पर उत्तर प्रदेश की फूलपुर सीट से जीत दर्ज की.
2005 में BSP विधायक राजू पाल की हत्या का आरोप भी अतीक और उसके भाई अशरफ पर लगा. राजू की पत्नी ने अतीक और अशरफ समेत 9 लोगों के खिलाफ FIR दर्ज कराई थी.
आरोप है कि राजू पाल की हत्या सिर्फ इसलिए कर दी गई थी क्योंकि उन्होंने 2005 में हुए उपचुनाव में इलाहाबाद पश्चिम सीट पर अतीक के भाई अशरफ को हरा दिया था.
राजनीतिक दबाव के चलते साल 2008 में अतीक अहमद ने सरेंडर किया था. इसी साल अतीक को सपा से भी निकाल दिया गया था.
अतीक ने जेल में बंद होने के बावजूद साल 2019 का लोकसभा चुनाव वाराणसी सीट से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ लड़ा. अतीक को महज 855 वोट मिले थे.
24 फरवरी 2023 को उमेश पाल की प्रयागराज में हत्या कर दी गई. हत्या का आरोप अतीक, अशरफ और उसके गैंग से जुड़े लोगों पर लगा.
उमेश पाल की हत्या के बाद से ही अतीक का बेटा असद फरार था. जिसे पुलिस ने झांसी में हुए एनकाउंटर में मार गिराने का दावा किया. असद के साथ पुलिस ने गुलाम नाम के आरोपी को भी मार गिराने का दावा किया.
15 अप्रैल 2023 को अतीक और उसके भाई अशरफ की पुलिस कस्टडी में हत्या कर दी गई. लाइव टीवी पर 40 सेकेंड तक 18 राउंड फायरिंग हुई. पुलिस ने मौके पर ही तीन आरोपियों को गिरफ्तार किया.
हत्या के समय भी अतीक पर हत्या, हत्या की कोशिश और आपराधिक साजिश रचने जैसे 100 से ज्यादा मामले दर्ज थे. अतीक के भाई अशरफ पर भी 50 से अधिक मुकदमे दर्ज हैं.
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